शवयात्रा शहर के एयरपोर्ट चौराहा से नीरज बस स्टैंड,हनुमान चौराहा होते हुए निकली. जहां सेना के जवानों, जैसलमेर जिला प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के साथ ही जैसलमेर की आवाम भी काफी संख्या में मौजूद रही.
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Jaisalmer: बीते दिनों सिक्किम के जेमा में आर्मी के ट्रक के खाई में गिर जाने से सेना के 16 जवान शहीद हो गए थे जिसमें राजस्थान के भी 3 जवान शहीद हो गए थे. इसमे जैसलमेर से सूबेदार गुमान सिंह भी शामिल थे. शहीदों का शव सेना द्वारा उनके पैतृक गांव में पहुंचाया जा चुका है. रविवार सुबह गुमान सिंह का भी शव जैसलमेर पहुंचा. जहां जैसलमेर के ह्रदय स्थल हनुमान चौराहा से शव यात्रा निकली. जहां उनकी अंतिम शव यात्रा में विशाल जनसमूह उमड़ा. बीएसएफ के ट्रक को फूलों से सजा उनके पार्थिव शव को सेना के ट्रक से उनके पैतृक गांव जोगा पहुंचाया गया.
राष्ट्र भक्ति की धुनों के माहौल में गुमान की निकली शवयात्रा
इस दौरान शवयात्रा शहर के एयरपोर्ट चौराहा से नीरज बस स्टैंड,हनुमान चौराहा होते हुए निकली. जहां सेना के जवानों, जैसलमेर जिला प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के साथ ही जैसलमेर की आवाम भी काफी संख्या में मौजूद रही. इस दौरान डीजे पर राष्ट्रभक्ति के बजते गीतों व गुमान सिंह अमर रहे के नारो के साथ पूरा माहौल राष्ट्र भक्ति में रंगा नजर आया
यह शव यात्रा शहर के हनुमान चौराहा से रवाना हो बड़ाबाग,मोकला,सोनू गांवों से होते हुए उनके पैतृक गांव जोगा पहुंची. इस दौरान मार्ग में ग्रामीणों द्वारा शव यात्रा पर फूल बरसा की गई. जोगा गांव पहुंचते ही जहां एक बार से पूरे गांव में सन्नाटा छा गया वहीं भारत माता की जय और गुमान सिंह अमर रहे के नारों ने लोगों के ह्रदयों को मजबूती दी और जयकारों से आकाश गुंजायमान हो उठा.
हर एक आंख नम भी दिखी लेकिन देश के लिए उनके शहीद होने का गौरव भी ग्रामीणों में नजर आया. गुमान सिंह के शव के अंतिम दर्शन उनके परिवार को करवाए गए. जहां शहीद की माता, पत्नी, बच्चे,भाइयों को विलाप करते देख हर कोई भावुक होता दिखा. वहीं आसपास के लोग परिवार को ढांढस बधाते दिखे. जिसके बार शव यात्रा श्मशान घाट के लिए रवाना हुई और उसके बाद सेना की सलामी के बाद प्रह्लाद सिंह द्वारा पिता को मुखाग्नि दी गई. इस दौरान हर किसी को जहां गुमान सिंह के बिछड़ने का दर्द था. राष्ट्र सेवा के दौरान उनके शहीद होने की बात की खुशी भी थी.
बेटे प्रह्लाद सिंह ने कहा पापा का सपना करूंगा पूरा
शहीद सूबेदार गुमान सिंह की अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में लोग उनके पैतृक गांव जोगा पहुंचे.जहां सेना के जवानों ने उनके पुत्र प्रहलादसिंह को तिरंगा सौंपा वहीं शहीद सूबेदार गुमानसिंह को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.बड़े पुत्र प्रह्लादसिंह द्वारा अपने पिता को मुखाग्नि दी गई. इस दृश्य को देख जहां मौजूद हर कोई शख्स आंसू भरी आंखों से टकटकी लगाए देख रहा था. प्रह्लाद सिंह से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मेरे पिता का सपना था कि मैं सेना में ऑफिसर बनू और मैं उनके सपने को साकार करूंगा मैं भी सेना में जाऊंगा और देश की सेवा करूंगा. 15 वर्षीय प्रह्लाद के राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत ये वचन सुन वहां मौजूद आमजन के साथ ही शहीद गुमान सिंह के शव को पहुंचाने आए सेना के जवानों की भी आंखों में आंसू धारा बहने लगी.
इस दौरान कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद, जैसलमेर विधायक रुपाराम धनदेव, जिला प्रमुख प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत, नगर परिषद सभापति हरिवल्लभ कल्ला, पूर्व विधायक सांगसिंह भाटी, विक्रमसिंह नाचना सहित बीएसएफ के आलाधिकारी व ग्रामीण जन मौजूद रहे.
सिक्किम हादसे में शहीद हुए गुमान
बता दें कि गुमान सिंह हाल ही में 5 दिन पहले जैसलमेर से छुट्टी काट कर सिक्किम गए थे और शुक्रवार को ही सिक्किम में हुए हादसे में उनकी मौत हो गई. सूबेदार गुमान सिंह 27 वर्षों से भारतीय सेना में तैनात थे वे श्रीनगर, लेह लद्दाख सहित भारत की कई सीमा चौकियों पर सेवाएं दे चुके हैं. अभी वह आंध्र प्रदेश से सिक्किम भेजे गए थे और इस दौरान यह हादसा हो गया. अगले 10 महीनों में ही वह सेना से रिटायर्ड होने वाले थे. सिंह के परिवार में उनकी मां पत्नी और 5 बच्चे हैं. जिसमें बड़ा बेटा प्रह्लाद सिंह नागौर के कुचामन सिटी में 11वीं क्लास में पढ़ता है और गुमान सिंह उसे सेना में ऑफिसर बनाना चाहते थे.
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