Jaisalmer news: दिवाली का त्योहार आते ही दुकानों पर लोगों की भिड उमड गई है. वो चाहे कपडे ,मिठाई आदि दुकानों पर ग्राहकों की भिड देखी जा रही है.
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Jaisalmer news: दिवाली का त्योहार आते ही दुकानों पर लोगों की भिड उमड गई है. वो चाहे कपडे ,मिठाई आदि दुकानों पर ग्राहकों की भिड देखी जा रही है. ऐसे ही जैसलमेर में महौल बना है , बजारों में दिवाली पर लोग बजारों में उमड गए है.दुकानों में एक ऐसी मिठई भी देखी जा रही है, जो एकदम कांच की तरह देखने को मिल रहीं है. यह मिठाई घी, तेल और मावा से नहीं बनती है, बल्कि चीनी से बनी होती है.
लक्ष्मी जी की सबसे प्रिय मिठाई
इस मिठाई का नाम बड़क मिठाई है. इस मिठई को सिर्फ दिवाली महिने में बनाया जाता है और इसे बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है. दुकानदारों की माने तो यह मिठाई लक्ष्मी जी की सबसे प्रिय है.खाने में यह बहोत स्वादिष्ट होती है. दिवाली पर इसकी डिमांड बहुत अधिक रहती है. इस मिठाई में आरपार दिखता है, बिल्कुल कांच की तरह.
मां लक्ष्मी जी को लगता है भोग
बड़क मिठाई को दिवाली के दिन मां लक्ष्मी जी के भोग लगाया जाता है. इस मिठई को बनाने की प्रकिया शरद पूर्णिमा से पहले ही शुरू हो जाता है और इसे दिवाली तक बनाई जाती है.बाजार में इसकी किमत 160 रुपए किलो हैं. इस बड़क मिठाई को लोग चपड़ा भी कहते हैं. इसको बनाने में केवल शक्कर और इलायची से बनाया जाता है.
आधे घंटे के समय में बनती है मिठई
दुकानदार बताते हैं कि इस बड़क मिठाई को बनाने में करीब आधे घंटे का समय लगता है. इसको बनाने में सबसे पहले चीनी पिघलाया जाता है और तब तक पिघलाया जबतक इसका रंग बदल जाए. पिघलने के बाद इसको सुखाने के लिए छोड़ दिया जाता है. 15 से 20 मिनटों के बाद यह मिठाई तैयार हो जाती है. रोजाना 1 से 1.5 क्विंटल बड़क मिठाई बनती और बिकती है और पूरे महीने तक करीब 30 से 40 क्विंटल बड़क बनाई और बेची जाती है.