उदयपुर में मंगलवार को तालिबानी तरीके से युवक की हत्या के बाद से जालोर जिले में भी पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है.
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Sanchore: उदयपुर में मंगलवार को तालिबानी तरीके से युवक की हत्या के बाद से जालोर जिले में भी पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है. इंटेलीजेंस इनपुट के बाद संवेदनशील इलाकों में खास सतर्कता बरतने और एहतियात के तौर पर कड़े कदम उठाने की हिदायत के बाद जिले में भी कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हुए है. हिंदू संगठन इस घटना का विरोध प्रदर्शन कर रहे है और दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. ऐसे में कन्हैयालाल तेली की जघन्य हत्याकांड़ के विरोध में सांचोर क्षेत्र को बंद रखा गया है.
व्यापारियों सहित सामाजिक संस्थाओं ने सहयोग प्रदान किया है. इस दौरान हिंदू संगठनों के साथ व्यापारियों ने मार्केट को पूर्ण रूप से बंद रखकर विरोध प्रदर्शन किया. विवेकानंद सर्कल पर बड़ी संख्या में लोगों ने जमा होकर घटना को लेकर विरोध जताया और राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है. इस दौरान हिंदू संगठनों ने सरकार पर आरोप लगाकर इस तुष्टिकरण की नीति बताई.
पूरे मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट को सौंपकर आरोपियों को फांसी पर चढ़ाने की जरूरत बताया. साथ ही मृतक कन्हैयालाल की संतानों को स्थायी सरकारी नौकरी के साथ एक करोड़ की राहत राशि प्रदान करने की मांग भी रखी है. विरोध प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता तैनात रहा. एएसपी, डीएसपी, थानाधिकारी सांचौर में शांति बनाए रखने की अपील करते नजर आए.
वहीं विवेकानंद सर्कल से हिंदू संगठनों के नेतृत्व में निकाली गई रैली में राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कार्यकर्ता पीपली चौक से एसडीएम ऑफिस जाना चाहते थे लेकिन पुलिस को पीपली चौक वाले रास्ते पर मुस्लिम बस्ती होने के कारण उपद्रव होने की आशंका के चलते दरबार चौक होते हुए एसडीएम ऑफिस जाने को कहा, जिससे नाराज लोगों ने नारेबाजी कर आक्रोश जताया.
इसके बाद पुलिस अधिकारियों की समझाइश के बाद दरबार चौक से एसडीएम ऑफिस पहुंचे और ज्ञापन दिया. ज्ञापन में कन्हैया लाल के हत्यारों को फांसी देने की मांग की है. वहीं बताया कि उदयपुर की घटना समाज को झकझोर कर देने वाली हैं. इस घटना से यह जाहिर हो गया है कि राज्य में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. इस दौरान लोगों ने कहा कि आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए जिससे कन्हैया लाल के परिवार को न्याय मिल सके.
आतंकवादियों की श्रेणी में रख दी जाए फांसी
राज्य सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों के कारण ही आज जिहादी मानसिकता को बढ़ावा मिल रहा है. यदि समय रहते सरकार ने जेहादी मानसिकता पर अंकुश नहीं लगाया तो राजस्थान सांप्रदायिक दंगों की आग में जल उठेगा. इसके अलावा लोगों ने कहा कि हमें गहलोत नहीं योगी जैसी सशक्त सरकार की आवश्यकता है. घटना में जिस तरह से निर्दयता दिखाई गई वह तालिबानी तरीका है. ऐसे अपराधियों को आतंकवादियों की श्रेणी में रखकर इनके खिलाफ फांसी की सजा का ऐलान किया जाए.
Reporter: Dungar Singh
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