कर्मचारियों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर किया एक दिवसीय प्रदर्शन
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कर्मचारियों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर किया एक दिवसीय प्रदर्शन

Jalore News: जिला मुख्यालय पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आह्वान पर राज्य कर्मचारियों ने संविदा-ठेकाकर्मियों के नियमितकरण सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर रविवार को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया.

 

कर्मचारियों ने 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर किया एक दिवसीय प्रदर्शन

Jalore: जिला मुख्यालय पर अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आह्वान पर राज्य कर्मचारियों ने संविदा-ठेकाकर्मियों के नियमितकरण सहित 15 सूत्रीय मांगों को लेकर कलक्ट्रेट के बाहर रविवार को एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इसके साथ ही महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा के नेतृत्व में कर्मचारियों ने एसडीएम दौलतराम चौधरी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया.

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महासंघ के जिला संयोजक रमजान खान ने बताया कि संविदा-ठेकाकर्मियों की वेतन विसंगति दूर करने, राज्य कर्मचारियों के लिए तहसील स्तर पर राजकीय आवास बनाने और आवासीय भूखंड आवंटित करने, पेंशन कार्यों का जिला स्तर पर विकेंद्रीरण करने तथा कर्मचारी कल्याण बोर्ड गठित करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर राज्य कर्मचारी आंदोलन कर रहें हैं.

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महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राजेंद्र सिंह राणा ने कहा की कर्मचारी महासंघ एकीकृत के द्वारा वर्तमान सरकार को सरकार बनाते समय 15 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था उसको ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है.इसके साथ ही सरकारी अपने घोषणापत्र में नियमित और अनियमित कर्मचारियों के लिए जो वादे किए गए थे वो आज तक पूरे नहीं किए गए है.

उन्होंने कहा कि सरकार ने वेतन भत्ता बढ़ाने की बात कही थी लेकिन 7 लाख कर्मचारियों का मूल वेतन उत्तर प्रदेश और बिहार के कर्मचारियों से 5 से 15 हजार तक कम है. साथ ही कहा की 30 मई 2022 को एक आदेश पारित कर दिया जिसमे मूल वेतन 900 रूपये तक कम कर दिया गया. जिसने 4200 से 5400 पे ग्रेड वाले 4 लाख कर्मचारियों का वेतन कम हो गया. 

वहीं संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की नीति बनाने के लिए एक कमिटी का गाठन किया गया था. लेकिन सरकार ने नियमितीकरण की नीति तो नही बनाई उल्टा संविदाकरण की नीति बना दी. उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर भी जा सकते हैं और उग्र आंदोलन किया जाएगा. इसके लिए सरकार पूरी तरह जिम्मेदार होगी.

Reporter- Dungar Singh

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