Rajasthan News: जालौर जिला प्रमुख राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित जिला परिषद की साधारण बैठक में जमकर हंगामा हुआ. अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच जमकर बहस बाजी चली. वहीं, दो बार अधिकारी सदन से वॉक आउट कर गए.
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Jalore News: जिला परिषद की साधारण बैठक गुरुवार को जिला प्रमुख राजेश राणा की अध्यक्षता में हुई. विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार बनने के बाद पहली बैठक हंगामेदार रही. सांचौर नया जिला बनने के बाद भी परिसीमन नहीं होने के कारण दोनों जिलों की बैठक यहां हुई, लेकिन बैठक में जो नाटकीय घटनाक्रम हुआ, वो एक सदन के स्वच्छ संचालन के लिए ठीक नहीं कहा जा सकता. यहां अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच न केवल बहसबाजी हुई बल्कि दो बार अधिकारी सदन से वॉक आउट कर गए. पहली बार वॉक आउट करके गए अधिकारियों को मनाने के लिए जिला प्रमुख ने तीन बार चक्कर लगाए. वहीं दूसरी बार स्वयं कलेक्टर व एसपी को आते देख अधिकारी सदन में लौटे. इसके बाद बिंदुवार बैठक चली, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए गए.
डेढ़ घण्टे देरी से शुरू हुई बैठक
जालोर जिला परिषद की बैठक आज सुबह 11.30 आहूत की गई थी, निर्धारित समय अनुसार सदस्य व जिला स्तरीय अधिकारी सदन में पहुँच गए थे, लेकिन सुनवाई के लिए केवल जिला प्रमुख राजेश राणा व कार्यवाहक सीईओ केएल सोनी ही मौजूद थे. यहां न तो कोई विधायक था और न ही दोनों जिलों के कलेक्टर व एसपी. यहां सांचौर कलेक्टर के प्रतिनिधि रूप में बागोड़ा एसडीएम गरिमा शर्मा व सांचौर एसपी के प्रतिनिधि के रूप में रानीवाड़ा डीएसपी पुष्पेंद्र वर्मा मौजूद थे. पहले जनप्रतिनिधियों ने इस बात की नाराजगी जाहिर की और कहा कि जिला परिषद की बैठक में अधिकारी स्वयं मौजूद होने चाहिए, उनके प्रतिनिधि क्यों भेजे गए. इनके इंतजार में करीब डेढ़ घण्टे बाद 1.09 बजे बैठक शुरू हुई.
बैठक शुरू होते ही शुरू हो गया हंगामा
पहला बिंदु जल जीवन मिशन से जुड़ा था, जिस पर सुनवाई शुरू हुई. यहां जवाब देने के लिए जेजेएम के अधीक्षण अभियंता (एसई) आशीष द्विवेदी हाजिर हुए. जिला परिषद सदस्य प्रवीण विश्नोई, जयंतीलाल पुरोहित, प्रवीण माली ने सवाल पूछने शुरू किए. जिला परिषद सदस्य महेंद्र चौधरी ने जेजेएम में पाइपों की गहराई, डेप्थ आदि की जानकारी चाही. इस दौरान जिला परिषद सदस्य प्रवीण माली ने कहा कि जेजेएम में बहुत भ्रष्टाचार है. इन अधिकारी के जितना कोई भ्रष्ट नहीं है. इस पर आशीष द्विवेदी गुस्सा गए, हंगामा हो गया, उनके आक्रोश को देख सभी अधिकारियों ने वॉक आउट कर दिया. कुछ देर अधिकारियों का इंतजार करने के बाद तीन बार जिला प्रमुख उन्हें मनाने गए. फिर कुछ देर बाद अधिकारी सदन में पहुंचे.
जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की मांग
अधिकारियों ने पंचायती राज एक्ट का हवाला देते हुए सदस्यों को शोभनीय शब्दों के इस्तेमाल की बात कही. इस दौरान जिला परिषद सदस्य प्रवीण विश्नोई ने कहा कि अगर कोई अधिकारी पूर्व की अनुपालन की जानकारी नहीं देगा या फिर जवाबदेहीता नहीं निभाएगा, तो सदस्य भी वैसा ही व्यवहार करेंगे. हमें भी जनता को जवाब देना पड़ता है. इतना कहते ही पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता तैश में आ गए और उन्होंने सभी अधिकारियों को कहा कि चलो बाहर, फिर सभी अधिकारी वॉक आउट कर गए. मामला बिगड़ता देख तत्काल जिला कलेक्टर पूजा पार्थ व जिला पुलिस अधीक्षक श्यामसिंह भी पहुंचे. इन दोनों को देख सारे अधिकारी पुनः सदन में लौटे. इसके बाद व्यवस्थित सदन चला. अधिकारियों ने इस घटनाक्रम को लेकर जिला कलेक्टर के माध्यम से मुख्य सचिव को पत्र भेजा है, जिसमें लिखा कि जनप्रतिनिधियों की ओर से अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया गया, जिनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए.
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