Jhalawar News: झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दूसरी इकाई सोमवार देर शाम को एक बार फिर से बंद हो गई. थर्मल प्रबंधन के मुताबिक प्लांट की दूसरी यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज हो गया है, जिसके चलते दूसरी यूनिट को बंद किया गया है.
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Jhalawar News: झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दूसरी इकाई सोमवार देर शाम को एक बार फिर से बंद हो गई. थर्मल प्रबंधन के मुताबिक प्लांट की दूसरी यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज हो गया है, जिसके चलते दूसरी यूनिट को बंद किया गया है. प्लांट की दूसरी यूनिट बीते 19 दिनों में लगातार दूसरी बार बंद हुई है.
उधर प्लांट की पहली यूनिट वार्षिक रख रखाव के चलते गत 3 अक्टूबर से ही बंद चल रही है. ऐसे में फिलहाल कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन पूरी तरह ठप्प हो गया है. मामले में जानकारी देते हुए कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सोमवार देर शाम को प्लांट की दूसरी यूनिट में बॉयलर ट्यूब लीकेज हो गई थी, जिसके चलते दूसरी यूनिट को बंद किया गया है.
प्लांट के इंजीनियर्स से द्वारा लीकेज को दुरुस्त करने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही तकनीकी खामी को दूर कर यूनिट को फिर से लाइट अप किया जाएगा. उधर थर्मल पावर प्लांट की प्रथम यूनिट को भी वार्षिक मेंटेनेंस के कारण गत 3 अक्टूबर से शटडाउन किया गया है. ऐसे में फिलहाल कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट से विद्युत उत्पादन हाल में पूरी तरह से बंद है.
गौरतलब है कि गत 10 अक्टूबर को भी पावर प्लांट की दूसरी यूनिट का बॉयलर ट्यूब लीकेज हो गया था, जिसके चलते करीब कुछ दिनों तक दूसरी यूनिट से विद्युत उत्पादन पूरी तरह ठप्प रहा था, तो वहीं पहली इकाई भी बीते करीब एक माह से वार्षिक मेंटेनेंस के नाम पर बंद चल रही है.
ऐसे में कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की दोनों इकाइयों से बिजली उत्पादन हाल फिलहाल पूरी तरह बंद हो गया है. ऐसे में त्योहारों के दौरान विद्युत सप्लाई तो प्रभावित हो ही रही है, साथ ही कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट प्रबंधन को भी भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने भी कुछ माह पूर्व कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट का निरीक्षण किया था तथा दोनों यूनिट में आ रही तकनीकी खामियों को लेकर नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन चाइनीस तकनीक पर आधारित कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट से सतत विद्युत उत्पादन नहीं मिल पा रहा. हालांकि प्लांट प्रबंधन द्वारा फॉल्ट मेंटेनेंस हुई तकनीकी टीम कार्य में जुटी हुई है.