गायत्री शक्ति पीठ ने मनाया वार्षिकोत्सव, कलश यात्रा में हुई फूलों की बारिश
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गायत्री शक्ति पीठ ने मनाया वार्षिकोत्सव, कलश यात्रा में हुई फूलों की बारिश

इसके बाद उन्हीं कलशों को गायत्री शक्ति पीठ की यज्ञशाला में स्थापित कर उनकी पूजा आरती की गई. बता दें कि आगामी तीन दिनों तक 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ सुबह आठ बजे से होगा. बाजार में व्यापारियों एवं नगरवासियों के जरिए कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा की गई और जगह- जगह जलपान कराया गया.

कलश यात्रा

pilani: झुंझुनूं के चिड़ावा में अखिल विश्व गायत्री तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार ने  साल 2021—22 स्वर्ण जयंती  एवं गायत्री शक्तिपीठ चिड़ावा के 15वें वार्षिकोत्सव पर पांच दिवसीय कार्यक्रमों की शृंखला का आयोजन किया गया.पांच दिवसीय इस कार्यक्रम के दूसरे दिन सुबह नौ बजे 551 के करीब मंगल कलशों को धारण करके महिलाओं ने नगर परिक्रमा  की. इसके बाद उन्हीं कलशों को गायत्री शक्ति पीठ की यज्ञशाला में स्थापित कर उनकी पूजा आरती की गई. बता दें कि आगामी तीन दिनों तक 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ सुबह आठ बजे से होगा. बाजार में व्यापारियों एवं नगरवासियों के जरिए कलश यात्रा पर पुष्प वर्षा की गई और जगह- जगह जलपान कराया गया.

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 यज्ञ और कलश यात्रा में सहयोग देने के लिए गायत्री परिवार झुंझुनूं जिला के मार्गदर्शक वैद्य गिरधारीलाल शर्मा सपत्निक उपस्थित हुए. झुंझुनूं से हरिराम वर्मा, बगड़ से मातादीन सैनी, सूरजगढ़ से रामजीलाल फोगाट, चीमा का बास से भरताराम, हीरवा से सुमेरसिंह, कुलोठ से सुरेंद्र, गायत्री चेतना केंद्र पिलानी से गोविंद सोनी, जिला संयोजक राजेश, युवा संयोजक देवेंद्र, दीया संयोजक महिपाल, अशोक, राजकुमारी सोनी, प्रेमलता सोनी, निर्मला शेखावत, मुनेश की गरिमामय उपस्थित रहीं.

आपको बता दें कि कबीर टीला मंदिर में मुख्य कलश का पूजन रेखा—संदीप हिम्मतरामका ने किया.  इस कलश पूजन में चिड़ावा विद्या निकेतन की छात्राओं—छात्रों और अध्यापिकाओं ने पूरा सहयोग किया.   कलश यात्रा कबीर टीले से शुरू होते हुए लक्ष्मी टॉकिज सिनेमा, गांधी चौक, मुख्य बाजार, कल्याणराय मंदिर, पंडित परमहंस गणेशनारायण मार्ग, धाबाईजी का टेकड़ा, बोड़िया कुआं, श्याम मंदिर, गायत्री शक्तिपीठ पहुंची. इस मौके पर पूर्वी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष झंडीप्रसाद हिम्मतरामका समेत अन्य गणमान्यजन मौजूद थे.

तीन दिन का  रहेगा कार्यक्रम
31 मार्च को सुबह आठ बजे देव पूजन और यज्ञ होगा. 24 कुंडीय यज्ञ में 24 जोड़ों के अलावा सैंकड़ों की संख्या में शहर के लोग आहुतियां देंगे. वहीं, 1 अप्रैल को सुबह आठ बजे से गायत्री यज्ञ और संस्कार का कार्यक्रम होगा. 2 अप्रैल को सुबह यज्ञ की पूर्णाहुति के साथ पांच दिवसीय कार्यक्रम का समापन होगा. तो शाम को करीब 1100 दीपकों की रोशनी से पूरा मंदिर जगमग होगा. इस दीप यज्ञ के कार्यक्रम की तैयारियां भी पूरी कर ली गई है. 

कलश यात्रा में विद्याधर सोनी, संदीप हिम्मतरामका, रामनिवास सैनी, सत्यनारायण सैनी, रामनिवास बिश्नोलिया, गुलजारीलाल गौरीवान, गोपीराम सैनी, सुमेरसिंह सैन, चंद्रपालसिंह अध्यापक, जगदीश गिरदावर, रणजीत सैन, पुष्पेंद्र सैनी, कृष्णकुमार सैनी, रमेश हिम्मतरामका, बृजलाल सैनी, विनोद सैनी, सीताराम सैनी, सुभाषचंद्र शर्मा पुजारी आदि ने भी सक्रिय सहयोग दिया.

Reporter: Sandeep Kedia 

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