Rajasthan News: गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने का आग्रह करूंगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भोजपुरी भाषा को पांच देशों में मान्यता मिली हुई है. राजस्थानी भाषा को भी नेपाल में मान्यता मिली हुई है.
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Jodhpur News: केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थानी को राजभाषा का दर्जा देने की वकालत की है. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से राजस्थानी भाषा को राजभाषा का दर्जा देने का आग्रह करूंगा. रविवार को राम सिंह भाटी मेमोरियल सभागार में काव्य कलरव पुस्तक विमोचन और अभिनन्दन समारोह में और उसके उपरांत पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भोजपुरी भाषा को पांच देशों में मान्यता मिली हुई है. राजस्थानी भाषा को भी नेपाल में मान्यता मिली हुई है.
नेपाल में सांसद भोंटी, राजस्थानी और नेपाली में शपथ ले सकता है, लेकिन राजस्थान की विधानसभा में खड़ा होकर विधायक रविंद्र सिंह भाटी राजस्थानी में शपथ लेता है तो मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग को उन्हें रोकना पड़ता है. उन्हें कहना पड़ता है कि हिंदी में बोलो. उसका समाधान यदि कोई है तो इसे राजभाषा में घोषित करना ही होगा.
मारवाड़ी नहीं बोलेंगे तो ये भाषा खत्म हो जाएगी
शेखावत ने कहा कि कोंकण प्रदेश की भाषा कोंकणी, सिंधी को बिना किसी लिपि के मान्यता मिली है तो राजस्थानी भाषा को मान्यता क्यों नहीं मिल सकती है? उन्होंने कहा कि यदि हम घर में मारवाड़ी नहीं बोलेंगे तो ये भाषा खत्म हो जाएगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर वो लड़ाई लड़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान में राजभाषा का दर्जा यदि भाषा को मिल जाता है तो हमारी राजस्थानी भाषा और ज्यादा समृद्ध हो जाएगी. उन्होंने पद्मश्री सीताराम लालस के लिखे गए राजस्थानी भाषा के शब्दकोश का भी जिक्र किया और कहा कि जब राजनाथ सिंह देश के गृहमंत्री थे, तब उन्होंने उन्हें अपना शब्दकोश भेंट किया था. तब मैंने उन्हें बताया था कि राजस्थानी भाषा से बड़ा शब्दकोश किसी के लिए नहीं है. ये सुनकर राजनाथ सिंह जी भी विस्मृत हो गए.
1956 में ऑफिशियल लेंगवेज एक्ट पास हुआ
शेखावत ने कहा कि 26 दिसंबर 1956 में ऑफिशियल लेंगवेज एक्ट पास हुआ है, जिसमें हिंदी को राजस्थान की राजभाषा का दर्जा दिया गया है. शेखावत कवि देशकरण इंदोकली स्मृति कवि सम्मेलन में प्रतिभागी कवियों से मिले. मुख्य सचेतक जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग, सीडी देवल, रिटायर्ड आरपीएस मोहनदान रतनु, औंकार सिंह लखावत, प्रोफेसर जहूर खां मेहर हनुमान सिंह खांगटा सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे.