ओसियां : लंपी स्किन से गौवंश की सेवा में जुटे बजरंग दल, गायों के लिए बनाया रेस्क्यू सेंटर
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ओसियां : लंपी स्किन से गौवंश की सेवा में जुटे बजरंग दल, गायों के लिए बनाया रेस्क्यू सेंटर

बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भारत विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने वाट्स एप ग्रुप के माध्यम से भामाशाहों से सहयोग लेकर गायों की सेवा और उपचार करने की जिम्मेदारी ली है. 

 ओसियां : लंपी स्किन से गौवंश की सेवा में जुटे बजरंग दल, गायों के लिए बनाया रेस्क्यू सेंटर

Osian: वर्तमान समय में गौवंश में जो लंपी स्किन बीमारी विकराल रूप धारण कर रही है ,इस संक्रमण को ध्यान में रखते हुए ओसियां नगर में जितने भी निराश्रित गोवंश, जो इस संक्रमण से पीड़ित है उनकी चिंता करते हुए बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और भारत विकास परिषद के कार्यकर्ताओं ने वाट्स एप ग्रुप के माध्यम से भामाशाहों से सहयोग लेकर गायों की सेवा और उपचार करने की जिम्मेदारी ली है. 
गौशाला रोड पर भारत विकास परिषद के कोषाध्यक्ष अनिल सोनी की खेत में अस्थाई रेस्क्यू सेंटर बनाया गया. जहां पर ट्रैक्टर और अन्य साधनों से संक्रमित पशुओं को एकत्रित किया जा रहा है और उनके उपचार के लिए दो पशु चिकित्सक लगाए गए हैं. 
बजरंग दल कर रहे है गौसेवा 
गौवंश के लिए सभी प्रकार की दवाइयां, चारा पानी, गट्टा और बंटा सभी प्रकार की व्यवस्था रेस्क्यू सेंटर में ही कर दी गई है. बजरंग दल के कार्यकर्ता पूरे नगर के हर मोहल्ले में संक्रमित पशुओं को चिन्हित कर उनको रेस्क्यू सेंटर तक पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं. बजरंग दल के नारायण सिंह राजपुरोहित, जितेंद्र पंचारिया, भानु शर्मा, राज शर्मा, महेंद्र सिंह चावड़ा और अन्य कार्यकर्ता रेस्क्यू सेंटर तक निराश्रित गौवंश को पहुंचाने की व्यवस्था कर रहे हैं.

इस प्रकल्प में श्री गोपाल गौशाला ओसियां और भारत विकास परिषद शाखा ओसियां का भी महत्वपूर्ण योगदान है. भारत विकास परिषद के सचिव श्रवण सोनी ने सभी को यह भरोसा दिलाया कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आएगी. भारत विकास परिषद के उपाध्यक्ष एडवोकेट रुपेश ओझा, संपर्क प्रमुख नंदकिशोर चांडक, पर्यावरण प्रमुख मांगीलाल बिश्नोई, गौसेवा प्रमुख जोगराज सिंह राजपुरोहित, जेठू सिंह पवार, जितेंद्र गिलड़ा और अन्य कार्यकर्ता निराश्रित गोवंश की सेवा में जुटे हुए हैं. 

क्या है लंपी स्किन बीमारी 

गायों में फैल रही लंपी स्किन संक्रमण से गौवंश के शरीर मे गांठे निकलती जिसमे घाव हो जाता है. गायों का चारा पानी स्वत: ही बन्द होकर कुछ दिनों में गाय की मृत्यु हो जाती है. इस बीमारी से क्षेत्र में सैकड़ों पशुओं मौत हो चुकी है. 
साथ ही बताया कि मौत का आंकड़ा हर दिन बढ़ता जा रहा है, फिर भी प्रशासन की तरफ से ऐसा कोई ठोस कदम नही उठाया गया जिससे इस महामारी मे गौवंश को बचाने मे मदद मिले आपदा के समय प्रशासन को आगे आकर गौशालाओं और क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में चिकित्सालय टीम भेज कर गौवंश हेतु दवा औषधि की व्यवस्था कर सके. 

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प्रदेश की अनेक गौशालाओं में गौवंश संक्रमण की चपेट में आया हुआ है. जिससे बचाव हेतु गौशालाओं के प्रबंधक अपने स्तर पर भरपूर प्रयास कर रहे हैं. श्री प्रभू प्रेम गौशाला जेलू गगाङी में संचालक संत प्रेमाराम के सानिध्य और श्री गौसेवार्थ लापसी ग्रूप अमावस्या के सहयोग गौशाला में संपूर्ण गौवंश पर फिटकरी, नीम और हल्दी का घोल बना कर स्प्रे मशीन फव्वारों से छिड़काव किया.  इससे गौवंश को लंपी स्किन जैसी संक्रमण बीमारी से बचाया जा सके.

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