Makar Sankranti 2024: Makar Sankranti 2024: इस बार मकर सक्रांति का त्योहार 15 जनवरी दिन सोमवार को है. मकर सक्रांति के दिन स्नान, दान और पूजा पाठ करें. साथ ही मकर सक्रांति की कथा जरूर पढ़नी चाहिए.
Trending Photos
Makar Sankranti 2024: मकर सक्रांति के दिन गंगा स्नान करने के बाद दान देना शुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से पुण्य मिलता है और मां गंगा का आशीर्वाद आप पर सदा बना रहता है. इसके अलावा इससे जीवन के अंत में मोक्ष मिलता है.
साल 2024 यानी इस साल मकर सक्रांति का त्योहार 15 जनवरी सोमवार को मनाया जा रहा है. इस दिन लोग ब्रह्म मुहूर्त से स्नान और दान करना शुरू कर देंगे. वहीं, इस दिन से ही प्रयागराज में माघ मेले की भी शुरुआत होती है.
यह भी पढ़ेंः Ramayana : श्रीराम शाकाहारी थे, तो हिरण को क्यों मारा था ?
मकर सक्रांति के त्योहार के दिन स्नान, दान और पूजा पाठ करना चाहिए और उस वक्त आपको मकर सक्रांति की कथा भी पढ़नी चाहिए. यह कथा मां गंगा से जुड़ी हुई है.
मकर सक्रांति की कथा
शिव पुराण के साथ कुछ धार्मिक किताबों में गंगा अवतरण की कथा है. पौराणिक कथा के मुताबिक, इक्ष्वाकु वंश के राजा सगर अपने धर्म-पुण्य के कामों के लिए जाने जाते थे.
एक बार की बात है उन्होंने अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया तो देवराज इंद्र ने उस यज्ञ के अश्व को चुराया और उसे कपिल मुनि के आश्रम के पास बांध दिया. वहीं, राजा सगर ने अपने बेटों को उस घोड़े की खोज करने में लगा दिया. वहीं, राजा के पुत्र अश्वमेध यक्ष के घोड़े को खोजते हुए कपिल मुनि के आश्रम पहुंच गए और उन्हें वह घोड़ा वहीं बंधा दिखाई दिया.
राजा के बेटों ने कपिल मुनि पर अश्व चोरी करने का आरोप लगाया. इसे सुन मुनि क्रोधित हो गए क्योंकि ये झूठ था. मुनिक ने क्रोध में आकर राजा सगर के 60 हजार पुत्रों को अपने श्राप से भस्म कर दिया. वहीं, इस घटना पर राजा सगर कपिल मुनिक के आश्रम आए और उनसे माफी मांगी.
कपिल मुनि ने कहा कि अब श्राप वापस नहीं हो सकता लेकिन इन संतानों के मोक्ष के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाना होगा. इस पर राजा सगर के वंशज राजा भागीरथ ने कठोर तप किया और गंगा को प्रसन्न किया. वहीं, इससे खुश होकर मां गंगा ब्रह्म देव के कमंडल से निकली और भगवान शिव की जटाओं से होती हुई धरती पर आईं.राजा सगर मां गंगा को कपिल मुनि के आश्रम लेकर आ गए, जहां मां गंगा के छूते ही राजा सगर के 60 हजार बेटों को मोक्ष मिल गया और उनके पाप नष्ट हो गए.
कहते है कि मकर सक्रांति के दिन मां गंगा ने राजा सगर के 60 हजार बेटों को मोक्ष दिया था. इस कारण हर साल मकर सक्रांति के दिन गंगा स्नान किया जाता है. जानकारी के मुताबिक, गंगा जल अमृत के समान होता है.
यह भी पढ़ेंः Sakat Chauth 2024 Upay: किस दिन है सकट चौथ, इस दिन इनमें से कर लें एक उपाय, सभी संकट होंगे दूर