Nirjala ekadashi 2023 :हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है. माना जाता है कि अगर आप साल भी कोई एकादशी का व्रत नहीं कर पाते और मात्र निर्जना एकादशी का व्रत करते हैं. तो आपको सभी एकादशी के व्रत के समान फल मिलता है.
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Nirjala ekadashi 2023 : हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है. माना जाता है कि अगर आप साल भी कोई एकादशी का व्रत नहीं कर पाते और मात्र निर्जना एकादशी का व्रत करते हैं. तो आपको सभी एकादशी के व्रत के समान फल मिलता है.
निर्जला एकादशी 2023 तिथि एवं मुहूर्त Nirjala ekadashi 2023(Date And Auspicious Time)
निर्जला एकादशी की तिथि 30 मई 2023 मंगलवार की दोपहर 1 बजकर 09 से आरंभ होकर 31 मई 2023 बुधवार की दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. उदय तिथि के कारण निर्जला एकादशी का व्रत 31 मई 2023 के दिन रखा जाएगा. व्रत का पारण का मुहूर्त गुरुवार 1 जून 2023 की सुबह 5 बजकर 23 मिनट से 8 बजकर 09 मिनट तक ही होगा.
इतना कठोर क्यों होता है निर्जला एकादशी का व्रत ?
माना जाता है कि अगर आप साल भी कोई एकादशी का व्रत नहीं कर पाते और मात्र निर्जना एकादशी का व्रत करते हैं. तो आपको सभी एकादशी के व्रत के समान फल मिलता है. इसलिए ये व्रत सबसे कठोर होता है. एकादशी के सूर्योदय से निर्जला रहने के साथ ही व्रत आरंभ हो जाता है. और द्वादशी को सूर्योदय तक बिना पानी पिएं ही रहना होता है. इस लिए इसे निर्जना एकादशी व्रत कहा जाता है. इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
निर्जला एकादशी व्रत कथा (Nirjala ekadashi 2023 Vrat Katha)
कहा जाता है कि कि द्वापर युग में महाभारत के समय में महाराज पांडु के पुत्र भीमसेन ने महर्षि वेद व्यास से पूछा कि मेरे परिवार के सभी सदस्य एकादशी का व्रत करते हैं और मुझे भी इसे रखने को कहते हैं, लेकिन मुझसे भूख सहन नहीं हो पाती है इसलिए मुझे कोई उपाय करें.
महर्षि वेद व्यास ने कहा सिर्फ एक निर्जला एकादशी का व्रत करों जिसमें अन्न और जल का त्याग करना होता है और इसे करने से तुम्हें सभी एकादशी व्रत का फल मिलेगा और तुम पाप मुक्त हो जाओगे. इस व्रत को करने से पांडु पुत्र भीम पाप मुक्त हो गए थे.
निर्जला एकादशी की पूजा विधि( Nirjala Ekadashi Pooja Vidhi)
एकादशी के दिन स्नान के बाद भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के बाद भगवान विष्णु के मंत्र -ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें. फिर व्रतकथा को सुने और भगवान विष्णु का कीर्तन करें. निर्जला एकादशी पर दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. ऐसे में वस्त्र, छाता,अन्न और बिस्तन का दान बहुत शुभ माना जाता है.