Sawan Purnima 2023: सावन मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं के साथ दिखता है. इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन स्नान, दान पुण्य का दोगुना लाभ मिलता है.
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Sawan Purnima 2023: सावन मास में पड़ने वाली पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं के साथ दिखता है. इसलिए इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है. इस दिन स्नान, दान पुण्य का दोगुना लाभ मिलता है.
वैसे इस बार की श्रावण पूर्णिमा कुछ अलग है. क्योंकि इस साल दो श्रावण पूर्णिमा पड़ रही है. इस बार एक माह का अधिक मास होने से 8 सावन सोमवार, चार प्रदोष व्रत, 2 मास शिवरात्रि के साथ ही दो अमास्या है. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा का सही मुहूर्त और तिथि आपको ज्ञात होनी चाहिए.
श्रावण अधिक पूर्णिमा 1 अगस्त 2023 और श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को है. अधिक मास की श्रावण पूर्णिमा 2023 हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक मास की पूर्णिमा तिथि 1 अगस्त, मंगलवार की सुबह 03 बजकर 51 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 01 मिनट को समाप्त होगी. इसलिए अधिक मास की श्रावण पूर्णिमा 1 अगस्त को है.
इस दिन दो शुभ योग प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहे हैं. जिसमें से प्रीति योग 1 अगस्त को शाम 06 बजकर 52 मिनट तक रहेगा और फिर आयुष्मान योग शाम 06 बजकर 52 मिनट से 2 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 33 मिनट तक होगा.
वहीं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र- 1 अगस्त को 4 बजकर 3 मिनट तक रहेगा.
हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त 2023 को बुधवार सुबह 10 बजकर 58 मिनट से शुरू हो रही है. और 31 अगस्त 2023, गुरुवार को सुबह 07 बजकर 05 मिनट तक रहेगी. ऐसे में श्रावण पूर्णिमा व्रत 30 अगस्त को होगा और स्नान-दान 31 अगस्त को किया जाएगा. इस दिन शुभ योग सुकर्मा बनेगा जो दोपहर 09 बजकर 32 मिनट से 31 अगस्त को शाम 5 बजकर 15 मिनट तक रहेगा.
श्रावण पूर्णिमा 2023 महत्व
श्रावण पूर्णिमा के दिन स्नान और दान पुण्य करने पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा मिलती है. सावन साथ होने से इस दिन भोलेनाथ, विष्णु जी, माता लक्ष्मी और मंगलवार का दिन होने के चलते हनुमान जी की कृपा प्राप्त की जा सकती है.
आहिंदू धर्म में श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस दिन स्नान दान करना पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन शिव जी, विष्णु जी, महालक्ष्मी और भगवान हनुमान को रक्षा सूत्र अर्पित करना चाहिए.