कोटा मेडिकल कॉलेज में एंडोवैस्कुलर कोइलिंग का इलाज, मरीजों को नहीं भटकना होगा दूर
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कोटा मेडिकल कॉलेज में एंडोवैस्कुलर कोइलिंग का इलाज, मरीजों को नहीं भटकना होगा दूर

  कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस हॉस्पिटल में हुआ एंडोवास्कुलर कोइलिंग द्वारा एन्यूरिज्म का उपचार किया गया.

कोटा मेडिकल कॉलेज में एंडोवैस्कुलर कोइलिंग का इलाज, मरीजों को नहीं भटकना होगा दूर

बारां:  कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस हॉस्पिटल में हुआ एंडोवास्कुलर कोइलिंग द्वारा एन्यूरिज्म का उपचार किया गया. बारां जिले के 55 वर्षीय मरीज़ को 27 अक्टूबर 2022 से सिर में दर्द से परेशान था, साथ ही उच्च रक्तचाप और टाइप 2 मधुमेह रोग से भी ग्रसित था, जिसे 29 अक्टूबर 2022 को एमबीएस अस्पताल में डॉ विजय सरदाना ने भर्ती किया था.

सीटी स्कैन की जाँच करवाने पर जाँच में डिफ्यूज सबअरेकनॉइड हेमरेज पाया गया था और सीटी एंजियोग्राफी करने पर राइट मिडिल सेरेब्रल आर्टरी के विभाजन पर एन्यूरिज्म का होना पाया गया जो कि सबअरेकनॉइड हेमरेज होने का संभावित कारण था. मरीज़ का 31 अक्टूबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में डायग्नोस्टिक डी एस ए किया गया था. और 10 अक्टूबर को एमबीएस हॉस्पिटल के न्यूरो इंटरवेंशन लैब में ही एन्यूरिज्म की कोइलिंग की गई.

गोरतलब हे की पहले यह सुविधा महानगरों तक ही सीमित थी और राजस्थान में भी सरकारी क्षेत्र में केवल जयपुर में ही उपलब्ध थी परंतु अब एमबीएस हॉस्पिटल में न्यूरो इंटरवेंशन लेब की स्थापना के बाद से लगातार इस तरह के मरीजो की जाँच एवं उपचार किया जा रहा है .

क्या है एन्यूरिज्म 
एन्यूरिज्म एक रक्त वाहिका (आर्टरी ) में एक उभार है जो रक्त वाहिका की दीवार में कमजोरी के कारण होता है, आमतौर पर जहां इसकी शाखाएं होती हैं. जैसे ही रक्त कमजोर रक्त वाहिका से होकर गुजरता है, रक्तचाप एक छोटे से क्षेत्र को गुब्बारे की तरह बाहर की ओर उभारने का कारण बनता है.

एन्यूरिज्म का उपचार- एन्यूरिज्म को ओपन सर्जरी करके क्लिप किया जा सकता है और एंडोवैस्कुलर इंटरवेंशन द्वारा कोइलिंग किया जा सकता है. एंडोवास्कुलर कोइलिंग-एंडोवस्कुलर कोइलिंग आमतौर पर बेहोशी के तहत किया जाता है.इस प्रक्रिया में पैर की धमनी से कैथेटर नामक एक पतली ट्यूब रक्त वाहिकाओं के नेटवर्क के माध्यम से, आपके सिर तक और अंत में एन्यूरिज्म में पहुँचाई जाती है.

ये डॉक्टर रहे मौजूद

छोटे प्लैटिनम कॉइल्स को ट्यूब के माध्यम से एन्यूरिज्म में भर दिया जाता है, जिसके बाद रक्त उसमें प्रवेश नहीं कर सकता है. पूरा ऑपरेशन निःशुल्क हुआ और मरीज़ अब पूर्णतया स्वस्थ है.ऑपरेशन प्राचार्य डॉ विजय सरदाना के दिशानिर्देश में न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी विभाग की सयुक्त टीम के डॉ भारत भूषण ,डॉ एस एन गौतम ,डॉ कल्प शांडिल्य एवं डॉ जुबेर के द्वारा किया गया .

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