लाडपुरा: किसानों की ताकत के आगे झुका प्रशासन, रातों रात बिछाई पाइप लाइन
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लाडपुरा: किसानों की ताकत के आगे झुका प्रशासन, रातों रात बिछाई पाइप लाइन

भवानी सिंह राजावत के द्वारा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण रोकने की धमकी के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया. कंपनी ने रातों-रात ही बालापुरा लिफ्ट सिंचाई योजना की क्षतिग्रस्त 300 फीट पाइप लाइन को अस्थाई रूप से जोड़ने का काम कर दिया.

लाडपुरा: किसानों की ताकत के आगे झुका प्रशासन, रातों रात बिछाई पाइप लाइन

Ladpura: पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के द्वारा दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण रोकने की धमकी के बाद प्रशासन में हडकंप मच गया. कलेक्टर ओ पी बुनकर, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजकुमार सिंह, उपखंड अधिकारी दीपक मित्तल, पुलिस उपाधीक्षक नैत्रपाल सिंह ने हाइवे निर्माणकर्ता कंपनी के प्रबंधक सजाउद्दीन खान को अल्टीमेटम दे दिया, जिस पर कंपनी ने रातों-रात ही बालापुरा लिफ्ट सिंचाई योजना की क्षतिग्रस्त 300 फीट पाइप लाइन को अस्थाई रूप से जोड़ने का काम कर दिया. वहीं, अरलिया चारणहेड़ी के पास मिट्टी खुदाई से किसानों का बंद हुआ रास्ता जल्द ही ठीक करवाने का आश्वासन भी दे दिया. 

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, पूर्व विधायक राजावत किसानों के दल बल के साथ प्रातः 11 बजे बालापुरा पहुंच गए, जहां उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे बना रहे हैं, यह स्वागतयोग्य है लेकिन हाइवे निर्माता कंपनी ने इसके निर्माण में खेतों की जीवनरेखा बनी लिफ्ट सिंचाई योजना की पाइप लाइन को कुचल दिया, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.  

पहले किसानों ने कंपनी के अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई थी, जिसे उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया. इसी कारण किसानों का आक्रोश भड़क गया क्योंकि पाइप लाइन टूटने से वो आगामी फसल को पानी नहीं पिला पाएगें. हालांकि प्रबंधकों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई कर लाईन जोड़ दी है लेकिन, वो अभी पानी में डूबी हुई है. इसे पिलर बनाकर सही करवाया जाना चाहिए.

 वहीं, चारणहेड़ी के पास मिट्टी की खुदाई के बंद हुए 300 बीघा खेतों के रास्ते को भी दीवार बनाकर स्थाई रूप से सही किया जाना चाहिए. मौके पर मौजूद कंपनी के अधिकारियों ने राजावत की सभी बातों पर सहमति जताते हुए शीघ्र ही दोनों काम करवाने का वादा किया. इस पर किसानों ने 'किसान एकता जिंदाबाद' और 'किसानों से जो टकराएगा वो चूर चूर हो जाएगा' के गुंजायमान नारे लगाकर हर्ष व्यक्त किया. 

ज्ञात हो कि पहले सिंचाई के अभाव में बालापुरा और आसपास के गांवों के किसान साल में बरसात से एक ही फसल ले पाते थे, तब अपने पहले कार्यकाल में संसदीय सचिव रहे. राजावत ने बालापुरा किशनपुरा सिंचाई परियोजना स्वीकृत करवाई थी और अपने विधायक कोष का एक साल का पूरा पैसा इस परियोजना के लिए दे दिया था. दोनों सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण सफल रही और इस पूरे इलाके के खेत सरसब्ज हो गए, वहीं किसानों की समृद्धि में भी वृद्धि हुई. 

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