दीगोद उपखंड क्षेत्र में इन दिनों दर्जनों बिना नंबर प्लेट वाहन दौड़ रहे है. जहां एक्सप्रेसवे भारत माला प्रोजेक्ट में सैकड़ों डंपर मिट्टी, गिट्टी, सीमेंट सहित कई चीजों का परिवहन कर रहे हैं. लालच में इनके संचालक लोगों की जान से खेल रहे है.
Trending Photos
Pipalda News: क्षेत्र में यातायात परिवहन नियमों को ताक पर रख कर बेधड़क ओवर लोड वाहन दौड़ाए जा रहे है. थोड़ी सी कमाई का लालच में इनके संचालक लोगों की जान से खेल रहे है. स्थिति यह है कि क्षेत्र में परिवहन विभाग तो कोई कार्रवाई ही नहीं करता वहीं पुलिस विभाग भी मौन धारण किए रहता है. इन बिना नम्बरों के वाहनों से कई बार हादसे हो चुके है लेकिन हैरानी इस बात की है कि जमकर दौड़ रहे भारी लोडिंग वाहनों को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है. जिससे इनकी संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है.
हाल यह है कि दीगोद उपखंड क्षेत्र में इन दिनों दर्जनों बिना नंबर प्लेट वाहन दौड़ रहे है. जहां एक्सप्रेसवे भारत माला प्रोजेक्ट में सैकड़ों डंपर मिट्टी, गिट्टी, सीमेंट सहित कई चीजों का परिवहन कर रहे हैं. सबसे अधिक यह मिट्टी में काम लिए जा रहे हैं और यही डंपर सुल्तानपुर, बूढ़ादित, दीगोद व सिमलिया थाना क्षेत्रों के मुख्य बाजारों में सरपट दौड़ रहे हैं. इनमें बड़ी संख्या में कई डंपर ऐसे है जो मिट्टी और गिट्टी को लेकर नगर कस्बे से होकर गुजर रहे हैं उनमें से कई डंपर बिना नंबर प्लेट के भी चल रहे हैं लेकिन इन्हें कोई रोकने वाला नहीं है.
गौरतलब है कि गत दिनों 15 नवम्बर को एक्सप्रेस-वे पर कार्यरत एक डम्पर ने एक ग्रामीण को कुचल दिया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर हाइवे पर शव को रखकर जाम लगा दिया था. मामला बूढ़ादित थाना क्षेत्र का था. जहां अल सुबह हाइवे पर काम कर रहे एक डम्पर ने एक ग्रामीण को कुचल दिया, जिसके बाद ग्रामीणों ने मृतक के शव को सड़क पर रखकर जमकर हंगामा किया. इसी तरह एक्सप्रेस हाइवे के डंपरों से पूर्व में भी कई पालतू पशुओं की मौत होने के साथ ही हादसे सामने आ चुके है लेकिन कोई ध्यान नहीं देता.
क्षेत्र में एक्सप्रेस हाईवे का डंपर औवरलोड होकर तेज गति से दौड़ते हैं लेकिन उन पर कोई लगाम नहीं लगाता।बिना नंबरों के दौड़ रहे वाहनों से कोई हादसा हो जाए तो पता करने तक में पसीने छूट जाते हैं . एक्सप्रेस वे में भारतमाला का प्रोजेक्ट में काफी तेजी से काम हो रहा है और सड़कों पर डामरीकरण तक भी हो गया है. अगर बिना नंबर वाले किसी डंपर से कोई दुर्घटना हो जाए और अगर वह फरार हो जाए तो उसका कोई पता नहीं लगा सकता.ऐसे में जरूरी है कि अधिकारियों को ठोस कदम उठाकर इन पर लगाम लगानी चाहिए.
ये भी पढ़ें- राजस्थान रोडवेज की नई पहल, यूपीआई से यात्री कर सकेंगे टिकट का भुगतान, सुविधा पूरे प्रदेश में लागू
उड़न दस्ते भेजकर जिला स्तर के अधिकारियों से जांच करवाई जाएगी. डंपर के नंबर प्लेट नहीं है क्या वाकई में नंबर नहीं है यह तो जांच के बाद ही क्लियर हो सकता है. आजकल पूरा सिस्टम ऑनलाइन है. ऑनलाइन होने की वजह से किसी विकल फिटनेस लिया है या परमिट लिया है तो वह विकल रजिस्टर्ड होता है फिर भी अगर ऐसा मामला है तो निश्चित तौर पर जांच करवाई जाएगी.