Pipalda: मेर क्षत्रिय सेना ने अनूठे तरीके से मनाई तेजादशमी, ये रहा खास
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Pipalda: मेर क्षत्रिय सेना ने अनूठे तरीके से मनाई तेजादशमी, ये रहा खास

मेर जाति का इतिहास शौर्य, साहस और वीरता से भरा पड़ा है. जहां मेर क्षत्रिय सेना देश ,धर्म और इतिहास ,सामाजिक संरक्षण पर कार्य कर रही है.

Pipalda: मेर क्षत्रिय सेना ने अनूठे तरीके से मनाई तेजादशमी, ये रहा खास

Pipalda: नगर में तेजा दशमी के मौके पर लोक देवता तेजाजी महाराज के थानक पर जाकर मेर क्षत्रिय सेना के सदस्यों द्वारा विशेष पूजा अर्चना कर क्षेत्र व सर्व समाज के कल्याण की कामना की गई. मेर जाति का और तेजाजी महाराज का विशेष संबंध रहा है. मेर क्षत्रिय सेना के संयोजक नरेंद्र मेर ने बताया कि प्राचीन समय मे गोधन (संवर्धन) के लिए युद्ध हुआ करते थे. जहां पूर्व समय में लाछा गुर्जरी की गाय चरती हुई मेरो के बाड़े में आ जाने पर मेरो ने उन्हें बांध लिया था. लाछा गुजरी की गायों को छुड़ाने के लिए तेजाजी महाराज को मेरो से युद्ध करना पड़ा.

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जिसमें मेरो की पराजय हुई थी और तेजाजी महाराज घायल हो गए थे. उसी स्मृति में तेजाजी महाराज की विशेष पूजा अर्चना कर मेर संप्रदाय द्वारा उनसे क्षमा याचना मांगी गई. उन्होंने बताया कि मेर जाति का इतिहास शौर्य, साहस और वीरता से भरा पड़ा है. जहां मेर क्षत्रिय सेना देश ,धर्म और इतिहास ,सामाजिक संरक्षण पर कार्य कर रही है. इस अवसर पर मेर क्षत्रिय सेना के अध्यक्ष उमाशंकर मेर, दीपक मेर,पूरणमल मेर, गंगाराम ,गिरधारी, संजय, दिनेश, महावीर,स्वामी ,सुरेश, विशाल, मुकेश व चेतन मेर समेत कई मौजूद थे.

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