चित्तौड़गढ़ में BJP को मोदी के चेहरे पर तो कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों पर भरोसा,'मेवाड़ के मोदी' बनाम किसान केसरी' की और बढ़ता चुनावी माहौल
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2214456

चित्तौड़गढ़ में BJP को मोदी के चेहरे पर तो कांग्रेस को स्थानीय मुद्दों पर भरोसा,'मेवाड़ के मोदी' बनाम किसान केसरी' की और बढ़ता चुनावी माहौल

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: चित्तौड़गढ़ सीट पर लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी के सामने कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं में शुमार उदय लाल आंजना को टिकट देकर कांटे का मुकाबला बना दिया हैं.

cp joshi and  Udaylal Anjana

Rajasthan Lok Sabha Elections 2024: प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट में शामिल भक्ति और शक्ति की नगरी चित्तौड़गढ़ का राजनीतिक मिजाज परखने के लिए जी राजस्थान की मोजो रिपोर्टर की टीम चित्तौड़गढ़ लोकसभा क्षेत्र के दौरे पर पहुंची. इस लोकसभा में मोजो रिपोर्टर ने साढ़े 300 सौ किलोमीटर का सफर तय करते हुए चित्तौड़गढ़ शहर की जनता का मन जाना.

देश में आजादी के बाद पहली बार हुए चुनाव में देश में तीन सीटें लाने वाली भारतीय जनसंघ पार्टी ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी.उनमें से एक चित्तौड़गढ़ सीट रही. इस सीट को ब्राह्मण और राजपूत बाहुल्य माना जाता हैं. सीपी जोशी यहां पर मोदी के चेहरे और केंद्र की योजनाओं को मुद्दा बताते हुए जीत का दावा कर रहे हैं.

इस सीट पर लगातार दो बार जीत दर्ज करने वाले बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी के सामने कांग्रेस ने दिग्गज नेताओं में शुमार उदय लाल आंजना को टिकट देकर कांटे का मुकाबला बना दिया हैं. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के सरकार में केंद्रीय रक्षा मंत्री रहे जसंवत सिंह को कांग्रेस के उदय लाल आंजना ने हरा दिया था. चित्तौड़गढ़ के चुनाव में किसान केसरी'' बनाम ''मेवाड़ के मोदी'' के बीच कांटे का मुकाबला होने जा रहा है.कांग्रेस यहां पर स्थानीय मुद्दों अफीम की खेती के पट्टे, आरएपीपी और उद्योगों में युवाओं को रोजगार मिलने,पर्यटक सर्किट विकसित किया जाए, प्रतापगढ़ का विकास कम होने जैसे मुद्दों के जरिए बीजेपी को घेरने में जुटी है.

जनता यहां कांग्रेस बीजेपी को बराबर टक्कर में मान रही हैं.कांग्रेस यहां भाजपा में एंटी लॉबी के बहुत बड़े असर की उम्मीद कर रही है. यह सीट चंद्रभान आक्या, गुलाबचंद कटारिया और वसुंधरा राजे के प्रभाव वाली है.आक्या और सीपी जोशी के बीच छत्तीस का आंकड़ा है, यह सर्वविदित है लेकिन शीर्ष नेतृत्व ने दोनों को एक मंच पर ला दिया है अब आक्या भाजपा को समर्थन दे रहे हैं. योगी आदित्यनाथ के रोड शो और बीजेपी नेताओं के दौरे के बाद यहां चुनावी माहौल में कुछ गर्मी आई हैं.

Trending news