Lok Sabha Elelction 2024 : हॉट सीट' टोंक-सवाई माधोपुर पर कांग्रेस-BJP में कांटे की टक्कर, ऐसा है राजनीतिक समीकरण
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Lok Sabha Elelction 2024 : हॉट सीट' टोंक-सवाई माधोपुर पर कांग्रेस-BJP में कांटे की टक्कर, ऐसा है राजनीतिक समीकरण

Rajasthan Lok Sabha Elelction 2024 : टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र का अपने आप में बेहद अनूठा इतिहास रहा है. सभी वर्गों के उम्मीदवार यहां से सांसद बने हैं. टोंक जिले को 2008 के परिसीमन के बाद सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र में शामिल किया गया है. आईए जानते हैं टोंक सवाई माधोपुर संसदीय सीट का समीकरण.

Lok Sabha Elelction 2024 : हॉट सीट' टोंक-सवाई माधोपुर पर कांग्रेस-BJP में कांटे की टक्कर, ऐसा है राजनीतिक समीकरण

 Rajasthan Lok Sabha Elelction 2024 : टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र का अपने आप में बेहद अनूठा इतिहास रहा है. सभी वर्गों के उम्मीदवार यहां से सांसद बने हैं. टोंक जिले को 2008 के परिसीमन के बाद सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र में शामिल किया गया है. आईए जानते हैं टोंक सवाई माधोपुर संसदीय सीट का समीकरण.

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र की अगर बात की जाए तो पूर्व में टोंक जिले की विधानसभाएं इस संसदीय क्षेत्र में शामिल नहीं थी. पूर्व में सवाई माधोपुर जिला ही संसदीय क्षेत्र था. 2008 में परिसीमन होने के बाद टोंक जिले को इसमें शामिल किया गया और टोंक-सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र के नाम से इसे जाना गया.

पूर्व में यह सीट जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित थी लेकिन अब यह सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है. इस संसदीय क्षेत्र में भाजपा कांग्रेस तथा स्वतंत्र पार्टी के सभी वर्ग के उम्मीदवारों ने अपनी जीत हासिल की है. टोंक को नवाबों की नगरी के नाम से जाना जाता है, तो दूसरी ओर सवाई माधोपुर जिले को विश्व में कौन नहीं जानता, विश्व का सुप्रसिद्ध रणथंभौर नेशनल पार्क यहां स्थित है. जिसके चलते देश ही नहीं विश्व भर में सवाई माधोपुर की एक बड़ी पहचान है.

वर्तमान में टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया सांसद है. इस लोकसभा क्षेत्र से रहने वाले सांसद केंद्रीय मंत्री के पद पर भी काबिज रहे हैं. इनमें 2004 से 2014 तक सांसद रहने वाले कांग्रेस के नमोनारायण मीणा केंद्र में लगातार मंत्री रहे. उससे पूर्व 1999 में भाजपा की जसकौर मीना भी केंद्रीय मंत्री रही. वर्तमान में भाजपा के सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया 2014 से लगातार दो बार सांसद बने.

वहीं तीसरी बार भी अब भाजपा ने जौनापुरिया पर विश्वास जताते हुए आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं पूर्व में केंद्रीय मंत्री रहे कांग्रेस के नमोनारायण मीणा के छोटे भाई हरीश मीणा जो कि वर्तमान में टोंक जिले के ही देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं ।उन्हें इस लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उतारा गया है.

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र गुर्जर, मीणा तथा मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. ऐसे में परिसीमन होने के बाद भी भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ही बड़ी पार्टियों ने इन्हीं जातियों में से अपना प्रत्याशी बनाया है. इस बार भी दोनों ही पार्टियों ने जातिगत समीकरणों को ध्यान में रखते हुए भाजपा से गुर्जर समाज से आने वाले सुखबीर सिंह जोनापुरिया तथा कांग्रेस पार्टी ने मीणा समुदाय से आने वाले हरीश मीणा पर अपना दाव खेला है.

एक नजर टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र के अब तक रहे सांसद पर

1957-62 जगन्नाथ पहाड़िया , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1962-67 केसर लाल ,स्वतंत्र पार्टी
1967-71 मीठा लाल मीना , स्वतंत्र पार्टी
1971-77 छुट्टन लाल मीना , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977-80 मीठा लाल मीना , जनता पार्टी
1980-84 राम कुमार मीना , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984-89 राम कुमार मीना , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989-91 किरोड़ी लाल मीना , भारतीय जनता पार्टी
1991-96 कुंजी लाल मीना , भारतीय जनता पार्टी
1996-98 उषा मीना, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1998-99 उषा मीना , भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1999-04 जसकौर मीना , भारतीय जनता पार्टी
2004-2009 नमोनारायण मीना ,कॉंग्रेस
2009-14 नमोनारायण मीणा कांग्रेस ,
2014 सुखबीर सिंह जौनपुरिया, भाजपा
2019 सुखबीर सिंह जौनपुरिया , भाजपा
टोक सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया की जुबानी ही जानते हैं क्षेत्र के विकास की असल तस्वीर।
बाईट-1- सुखबीर सिंह जौनपुरिया -सांसद टोंक सवाई माधोपुर
बाईट-2- हरीश मीना कांग्रेस प्रत्याशी टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र
वीओ-02- संसद द्वारा किए गए कुछ उल्लेखनीय कार्य
सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर हमीर पुलिया के चौड़ाइकरण का कार्य,मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य,दशहरा मैदान के सौंदर्य करण का कार्य आदि

कार्य जो रहे अधूरे

1. मेडिकल कॉलेज का कार्य अभी भी निर्माणाधीन

2. चंबल परियोजना को नहीं दे सके मूर्त रूप
3. रोजगार परक कोई कारखाना नहीं कर सके स्थापित
4.अजमेर-टोंक-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन सेवा

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमे चार विधानसभा क्षेत्र सवाई माधोपुर जिले के व चार टोंक जिले के विधानसभा क्षेत्र शामिल है. टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर दोनों जिलों को मिलाकर कुल 21 लाख 20 हजार 633 मतदाता है, जिनमें 11 लाख 10 हजार 432 पुरुष मतदाता व 10 लाख 10 हजार 181 महिला मतदाता ,तथा 14 थर्ड जेण्डर मतदाता शामिल है ,टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में 2067 पोलिंग बूथ है, जिनमें 373 शहरी व 1694 ग्रामीण पोलिंग बूथ शामिल है. 

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों में से वर्तमान में 4 पर भाजपा व 4 पर कॉंग्रेस का कब्जा है । सवाई माधोपुर जिले की सवाई माधोपुर व खंडार विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है, सवाई माधोपुर से डॉक्टर किरोडी लाल मीणा व खंडार से जितेंद्र गोठवाल वर्तमान में विधायक है, वहीं बामनवास व गंगापुरसिटी सीट पर कांग्रेस का कब्जा है , बामनवास से कांग्रेस की इंदिरा मीणा व गंगापुरसिटी से काँग्रेस के रामकेश मीना विधायक है.

वहीं टोंक जिले की चार विधानसभा सीटों की बात की जाए तो चार में से दो पर भाजपा व दो पर कांग्रेस का कब्जा है ,टोंक विधानसभा सीट से कांग्रेस के सचिन पायलेट व देवली उनियारा सीट पर हरीश चन्द्र मीणा विधायक है,जो अब कांग्रेस से लोकसभा के उम्मीदवार भी है, वहीं निवाई सीट से भाजपा के रामसहाय वर्मा तथा मालपुरा सीट से कन्हैया लाल चौधरी वर्तमान में विधायक है. टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट दो जिलों में बटी हुई है और इस सीट पर विगत दो चुनावो से सुखबीर सिंह जौनापुरिया जीत दर्ज कर चुके है ,जौनापुरिया ने साल 2014 के चुनावों में मोहम्मद अजरुद्दीन व 2019 के चुनावों में नमोनारायण मीणा को शिकस्त दी थी.

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर जातिगत आंकड़ों पर एक नजर डाले तो टोंक सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र में मीणा मतदाता लगभग चार लाख, गुर्जर मतदाता लगभग 3.50 लाख, एससी वर्ग के मतदाता लगभग साढे चार लाख, मुस्लिम मतदाता लगभग सवा दो लाख ,ब्राह्मण मतदाता लगभग डेढ़ लाख, वैश्य समुदाय के डेढ़ लाख, माली एक लाख, राजपूत डेढ़ लाख तथा अन्य पिछड़ा क्षेत्र के मतदाता लगभग एक लाख हैं.

टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या बहुतायात में है. यह चुनाव पूरी तरह से जातिगत समीकरणों के आधार पर आधारित होता है. हालांकि पिछले दो चुनावों की बात करें भाजपा को मोदी के नाम पर बंपर वोट अब तक मिलते चले आए हैं. लेकिन खास तौर से इस संसदीय क्षेत्र में जातिगत समीकरण विकास के मुद्दों पर पूरी तरह से हावी रहते हैं. अब देखना होगा लोकसभा चुनाव में ऊंट किस करवट बैठता है.

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