Lok Sabha Election 2024 : आज हम आपको देश के कुछ ऐसे मुख्यमंत्रियों के बारे में बताने वाले हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी से हाथ मिला लिया.
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Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) नजदीक आते ही कांग्रेस और 'आप' समेत कई पार्टियों के नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. जानकारों का मानना है, कि इन बागी नेताओं को लगता है, कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा जीत हासिल करने जा रही है. लेकिन, ऐसा नहीं है, कि सिर्फ सांसद और विधायकों ने ही अपनी पार्टी से बगावत की है, समय-समय पर कई मुख्यमंत्री भी अपनी पार्टी से रिश्ता तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिला चुके हैं. आज हम ऐसे ही मुख्यमंत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी पार्टी से बगावत तर बीजेपी का दामन थाम लिया था...
नारायण राणे
महाराष्ट्र के पूर्व CM नारायण राणे ने अपना पॉलिटिकल करियर शिव सेना (Shiv Sena) के साथ आरंभ किया और साल 2005 के विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे. इसके बाद, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ज्वॉइन कर ली. नारायण राणे ने साल 2017 महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष की शुरुआत की. उन्होंने अपनी पॉलिटिकल पारी में आगे बढ़ते हुए, वर्ष 2018 में BJP को समर्थन दे दिया. इसके बाद, 15 अक्टूबर 2019 को राणे भारतीय जनका पार्टी में शामिल हो गए.
अशोक चव्हाण
कांग्रेस पार्टी के कद्दावर लीडर और महाराष्ट्र के पूर्व CM के रूप में पहचाने जाने वाले अशोक चव्हाण ने फरवरी 2024 में BJP से हाथ मिला लिया. बता दें, कि अशोक चव्हाण पूर्व CM एसबी चव्हाण के बेटे हैं.
किरण कुमार रेड्डी
आंध्र प्रदेश के चीफ मिनिस्टर रहे किरण कुमार रेड्डी (Kiran Kumar Reddy) ने अप्रैल 2023 में BJP से हाथ मिला लिया. बदा दें, कि इससे पहले वो कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते थे. रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के आखिरी चीफ मिनिस्टर रेड्डी ने प्रदेश के विभाजन का कड़ा विरोध किया था.
कैप्टन अमरिंदर सिंह
कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) पंजाब के चीफ मिनिस्टर रह चुके हैं. वह वर्ष 1980 में पहली बार लोकसभा के सदस्य चुने गए थे. अमरिंदर सिंह साल 2002 से 2007 तक पंजाब के CM भी रहे. इसके बाद, वर्ष 2017 में एक बार फिर सीएम पद की शपथ ली. उन्होंने वर्ष 2022 में PLC पार्टी बनाई, और फिर BJP में इसका विलय कर लिया.
एसएम कृष्णा
कर्नाटक के चीफ मिनिस्टर रह चुके एसएम कृष्णा (SM Krishna) ने मार्च 2017 में भाजपा से हाथ मिला लिया. बता दें, कि वह अक्टूबर 1999 से मई 2004 के बीच कर्नाटक के CM रहे.
दिगंबर कामत
गोवा के CM रहे, दिगंबर कामत (Digambar Kamat) ने अपना पॉलिटिकल करियर कांग्रेस के साथ शुरू किया था. इसके बाद वो, वर्ष 1994 में पहली बार वह BJP के साथ जुड़े. जानकारी के अनुसार, वर्ष 2005 में जनमत संग्रह पसंद का सपोर्ट करने के लिए वो पुन: कांग्रेस के साथ जुड़े. मगर वर्ष 2012 में उन्होंने BJP को अपना सपोर्ट दे दिया.
विजय बहुगुणा
उत्तराखंड के पूर्व CM विजय बहुगुणा कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता थे. मगर, मई 2016 में वह राज्य के 8 पूर्व MLA के साथ बीजेपी के साथ मिल गए.
नारायण दत्त तिवारी
नारायण दत्त तिवारी तीन बार यूपी और एक बार उत्तराखंड के चीफ मिनिस्टर रहे चुके थे. जानकारी के अनुसार, उन्होंने अपना करियर साल 1951 से शुरू किया. उन्होंने अपना पहला चुनाव प्रजा समाजवादी पार्टी से लड़ा. साल 1963 में वो कांग्रेस के साथ जुड़ गए. इसके बाद वर्ष 2017 में ND तिवारी अपने बेटे और बीवी के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे.
जगदंबिका पाल
15वीं लोकसभा में जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव लड़ा था, वो यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके थे, लेकिन वर्ष 2014 में वह BJP में शामिल हो थे.
पेमा खांडू
अरुणाचल प्रदेश के चीफ मिनिस्टर रहे पेमा खांडू ने पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) के 32 MLS के साथ दिसंबर 2016 में बीजेपी का दामन थाम लिया था. बता दें, कि पेमा खांडू की सरकार जुलाई 2016 से सत्ता में है.