Rajasthan Lok Sabha Election 2024:लोकसभा चुनाव के मतदान से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर निगरानी बढ़ा दी गई है.एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं.
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Rajasthan Lok Sabha Election 2024:लोकसभा चुनाव के मतदान से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर निगरानी बढ़ा दी गई है.अलग-अलग एनफोर्समेंट एजेंसियों ने मार्च महीने की शुरुआत से अब तक नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुओं, मुफ्त बांटी जाने वाली वस्तुओं (फ्रीबीज) और अवैध नकद राशि के रूप में 350 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की जब्तियां की हैं.
निर्वाचन विभाग के निर्देश पर लोकसभा आम चुनाव-2024 के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद 16 मार्च से अब तक एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई वस्तुओं की कीमत 252 करोड़ रुपये से ज्यादा है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियां चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से संदिग्ध वस्तुओं और धन के अवैध उपयोग पर कड़ी निगरानी कर रही हैं.
लोकसभा आम चुनाव-2024
1 मार्च से अब तक पकड़ी अवैध शराब, नकदी एवं अन्य सामग्री का मूल्य 350 करोड़ रुपये के पार
आचार संहिता लागू होने के बाद रिकॉर्ड 252 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जब्ती
15 जिलों में 10 करोड़ रुपये से अधिक की जब्तीhttps://t.co/RfWfBEJLkr
— सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, राजस्थान सरकार (@DIPRRajasthan) March 29, 2024
इसी कड़ी में लगातार जब्ती की कार्रवाई की जा रही हैं. 1 मार्च से अब तक राजस्थान में 15 जिलों में 10 से 34 करोड़ रूपये से अधिक मूल्य की संदिग्ध वस्तुएं अथवा नकद बरामद हुआ है. गुप्ता ने बताया कि जोधपुर जिले में सबसे ज्यादा 34 करोड रुपए की जब्ती की कार्रवाई की गई है.
प्रदेश में अलग-अलग एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार 1 मार्च, से अब तक 18 करोड़ 54 लाख रुपये नकद, करीब 79 करोड़ 78 लाख रूपये मूल्य की ड्रग्स, करीब 22 करोड़ 20 लाख रुपये कीमत की शराब और 35 करोड़ 53 लाख रूपये मूल्य की सोना-चांदी जैसी कीमती धातुओं की जब्ती की गई है.
साथ ही, 193 करोड़ 17 लाख रुपये कीमत की अन्य सामग्री और 1 करोड़ 16 लाख रुपये से अधिक कीमत की मुफ्त वितरण की वस्तुएं (फ्रीबीज) भी जब्त की गई हैं. कार्रवाई करने वाली कार्यकारी एजेंसियों में राज्य पुलिस, राज्य एक्साइज, नारकोटिक्स विभाग एवं आयकर विभाग प्रमुख हैं.
इन जांच एवं निगरानी एजेंसियों और विभागों द्वारा प्रदेश भर में कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी भी संदेहास्पद मामले पर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.