मेड़ता उपखंड के कुरडायां ग्राम के सरकारी विद्यालय की कक्षा 10 में अध्ययनरत दिव्यांग मनीषा जारोडियां ने किशोरी शैक्षिक मेला उत्सव के दौरान सामाजिक कुरीतियों को पोस्टर पर स्केच से उकेर जिवंत बनाने की सोच ने समूचे गांव को सलाम करने पर मजबूर कर दिया.
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Merta: नागौर के मेड़ता उपखंड के कुरडायां ग्राम के सरकारी विद्यालय की कक्षा 10 में अध्ययनरत दिव्यांग मनीषा जारोडियां ने किशोरी शैक्षिक मेला उत्सव के दौरान सामाजिक कुरीतियों को पोस्टर पर स्केच से उकेर जिवंत बनाने की सोच ने समूचे गांव को सलाम करने पर मजबूर कर दिया. लकवा ग्रस्त दिव्यांग मनीषा के दृढ़ इच्छाशक्ति और बालिकाओं के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बे ने विकलांगता को भी नतमस्तक होने के लिए मजबूर कर दिया.
हो जीने का जुनून और हौसला हो बुलंद तो जिंदगी की सभी विषम परिस्थिति अनुकूल बन जाती है, ऐसा मेड़ता उपखंड के कुरडायां ग्राम के राजकीय उच्च माध्य विद्यालय की कक्षा 10 में अध्ययनरत दिव्यांग विद्यार्थी मनीषा जारोडियां को देखकर कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
जन्म के साथ ही लकवा ग्रस्त हो चुकी बालिका मनीषा के मस्तिष्क सहित शरीर का एक हिस्सा रूप से कार्य नहीं कर पाता. फिर भी कुछ कर गुजरने की इच्छा शक्ति को मन में समेटे अध्ययन कर रही बालिका को जब किशोरी शैक्षिक मेले के अवसर पर प्रतिभा दिखाने का मौका मिला तब मनीषा ने सामाजिक कुरीतियों को पोस्टर पर उकेर कर बाल विवाह सहित महिला उत्पीड़न हकीकत समाज के सामने रख दी.
पुरुष प्रधान समाज में जहां एक ओर हजारों बेटियों की आवाज बनकर सामाजिक कुरीतियों पर करारा प्रहार किया है तो वहीं दूसरी ओर सामाजिक कुरीतियों पर कारगर कदम उठाते हुए सामाजिक स्तर पर कठोर निर्णय लेने के लिए मजबूर कर दिया. दिव्यांग मनीषा द्वारा देश की बेटियों के दर्द को देखते ही देखते कार्डसीट पर एक हाथ से उकेर उन्हें जीवंत करने की कला की लोगों ने सराहना की.
Reporter- Damodar Inaniya
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