मेड़ता: लुणी नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा अवैध बजरी खनन, 500 डंपर से हो रहा काम
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मेड़ता: लुणी नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा अवैध बजरी खनन, 500 डंपर से हो रहा काम

बजरी के अवैध खनन को लेकर खनन विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस व प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई, लेकिन कार्रवाई हुई तो केवल खानापूर्ति होकर रह गई, जिससे क्षेत्र के अवैध खनन माफियों के हौसले बुलंदी पर है. 

मेड़ता: लुणी नदी क्षेत्र में धड़ल्ले से चल रहा अवैध बजरी खनन, 500 डंपर से हो रहा काम

Merta: रियांबड़ी उपखंड का लुणी नदी क्षेत्र में अवैध बजरी खनन धड़ल्ले से जारी है. रियांबड़ी के पंचायत समिति कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष मदन राम गोरा और रियांबड़ी सरपंच गिरधारी लाल सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि रियांबड़ी मुख्यालय सहित उपखंड क्षेत्र सहित आलनियावास, रोहिसा, लुंगिया, बड़ायली और किरों की ढाणी में बजरी अवैध खनन जोरों पर है. प्रतिदिन करीब 500 डंपर बजरी लेकर विभिन्न क्षेत्रों से परिवहन कर रहे हैं. 

गौरतलब है कि बजरी के अवैध खनन को लेकर खनन विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस व प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं हो पाई, लेकिन कार्रवाई हुई तो केवल खानापूर्ति होकर रह गई, जिससे क्षेत्र के अवैध खनन माफियों के हौसले बुलंदी पर है. 

अवैध खनन से क्षेत्र में खौफ, आतंक और अपराध का ग्राफ भी बढ़ा है. खनन कर्ताओं द्वारा पूर्व में प्रशासन पर भी जानलेवा हमले किए गए. अगर समय-समय पर बजरी के अवैध खनन की रोकथाम के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा फोरी कार्रवाई किए जाने से आज भी क्षेत्र में बजरी खनन और परिवहन का धंधा जोरों पर है. पुलिस द्वारा थोड़ी सख्ती दिखाने पर खनन और परिवहन करने वाले वाहनों ने रूट जरूर बदल लिया, लेकिन अवैध कारोबार अभी भी जारी है. 

अभी हाल ही में मीडिया में प्रकाशित खबर जो अजमेर रेंज के विभिन्न जिलों में हो रहे अवैध खनन को अनुपातिक रूप से बताते हुए नागौर जिले में हो रहे बजरी के अवैध खनन को हल्के में लिया गया है. वहीं, यहा प्रत्यक्ष दर्शियों का मानना है कि लूणी नदी क्षेत्र में धडल्लों से जेसीबी व एल. एन. टी. और अन्य वाहनों से रात-दिन लगाकर खनन कार्य किया जा रहा है. गौरतलब है कि बजरी के अवैध खनन परिवहन को लेकर पुलिस प्रशासन द्वारा आज तक बड़ी और प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई और खननकर्ताओं के खिलाफ कोई सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं हो पाई. 

अभी तक की कार्रवाई में पुलिस, खनन और परिवहन विभाग द्वारा मात्र खानापूर्ति करते हुए सैकड़ो डंपरों के परिवहन पर नाम मात्र 1 प्रतिशत वाहनों पर कार्रवाई करते हुए जब्त और बारामदी कर महज खानापूर्ति की जा रही है. इससे स्थानीय लोगों में रोष पनपता जा रहा है. पुलिस और खनन विभाग ने आज तक अवैध खननकर्ताओं के विरूद मुकदमा दर्ज नहीं किए हैं, जबकि वाहनों को जप्त किया जाता है और पैन्लटी वसूल कर वाहन छोड़ दिया जाता है. यह पैन्लटी अवैध खननकर्ता ही चुकाते है. अवैध खननकर्ताओं के खिलाफ प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई होने पर अवैध खनन रोक जा सकता है. उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए निष्पक्ष टीम गठित कर क्षेत्र में अवैध बजरी खनन पर लगाम लगानी चाहिए. 

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बात अगर राजस्व नुकसान की जाए तो बजरी के इस अवैध खनन एवं परिवहन से आज होने वाला नुकसान में रियांबड़ी के आसपास से प्रतिदिन करीब 500 डंपर बेखौफ निकलते हैं, जो प्रत्येक डंपर 40 टन बजरी परिवहन करता है. इसकी अनुमानित राशि 20,000 टन रोजाना होती है, जिसमें महीने के करीब 8 लाख टन बजरी परिवहन की जाती है. अब इसका अगर हिसाब लगाया जाए तो 40रुपये टन के हिसाब से माईनिंग रॉयल्टी करीब 2 करोड़ 40 लाख हर महीने राज्य सरकार का सीधा राजस्व नुकसान होता है. खननकर्ताओं द्वारा दिन रात इस कारोबार में खूब चांदी लूटी जा रही है. जानकारी के अनुसार, अगर प्रशासन द्वारा अवैध बजरी पर कार्रवाई करने के लिए निकलते हैं, उससे पहले ही अवैध खननकर्ताओं के पास सूचना पहुंच जाती है, जिससे वे सतर्क हो जाते हैं, जिससे प्रशासन को खाली हाथ लौटना पड़ता है. 

Reporter- Damodar Inaniya

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