Pali News: पाली जिले के बाली ब्लॉक के सेणा गांव का है . जहां 3 मई को एक पिता ने अपनी बेटी की शादी सिरोही के कैलाश नगर के पास मणाद गांव के रहने वाले युवक के साथ तय की थी.
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Pali News: कहते है ना कि जोड़िया ऊपर से बनकर आती है. यहां तो बस उन्हें अपने अपने हमसफर से मिलवाया जाता है. लेकिन क्या हो जब अपने हमसफर को पाने के लिए एक दुल्हे को 13 दिन तक शादी के मंडप में ही बैठना पड़े. पाली में एक दुल्हे को 13 दिन तक दुल्हन से फेरे लेने के लिए इंजतार करना पड़ा. क्योंकि दुल्हन अपने नाबालिग प्रेमी के साथ शादी से पहले फरार हो गई थी.
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शादी के 1700 किलोमीटर दूर से आए दूल्हे को शादी के दिन जब यह पता चला कि उसकी होने वाली बावी घर से भाग गई तो वह भी जिद पर अड़ गया कि बिना शादी के वह वापस नहीं जाएगा. इसी जिद की वजह से वह सेहरा और शेरवानी पहने लड़की के घर बारातियों के साथ बैठ गया. औऱ उसके संग रिश्तेदारों को 13 दिन तक वही रूके रहना पड़ा.
वहीं, दूल्हे की जिद देख बेटी के पिता ने भी खोजने का जिम्मा उठाया . आखिर 13 दिन बाद उसे उसकी बेटी गुरात से लानी पड़ी तब जाकर दोनों ने साथ फेरे लिए.
क्या था मामला
मामला पाली जिले के बाली ब्लॉक के सेणा गांव का है . जहां 3 मई को एक पिता ने अपनी बेटी की शादी सिरोही के कैलाश नगर के पास मणाद गांव के रहने वाले युवक के साथ तय की थी. शादी से पहले की सभी रिती रिवाज अच्चे से हुए थे. पत्नी की दोनों किडनी खराब हैं. उसकी भी इच्छा थी कि उसकी आंखों के सामने बेटी की शादी हो जाए.
घर में करीब 7 दिन पहले ही सारे फंक्शन शुरू हो गए थे. पूरा परिवार मेरे घर आया हुआ था.बेटी भी शादी के हर कार्यक्रम में खुश होकर हिस्सा ले रही थी. 2 मई की रात बेटी की बिंदौली निकाली गई. बेटी ने उस दौरान खूब डांस किया. शादी में भी 300 बाराती आने में ही थे. बेटी की खुशी देख लगा ही नहीं था कि अगले दिन हमारे साथ क्या होने वाला है. उसने भी एहसास नहीं होने दिया कि वह फेरों से पहले इतना बड़ा कदम उठा लेगी.
सुबह 7 बजे फेरों का मुहूर्त था
3 मई को सुबह 7 बजे फेरों का मुहूर्त था. बारातियों के स्वागत पूरी तैयारी कर रखी थी.सुबह करीब 6 बजकर 15 मिनट पर बेटी ने उसके पेट में दर्द की शिकायत की. जिसपर एक बार वह टॉयलेट जाने का कहकर उसे घर के पीछे की तरफ भेज दिया.
यहीं पर एक लड़का (दूर के रिश्ते का भाई) बाइक लेकर खड़ा था. बेटी उसके साथ रवाना हो गई.काफी देर तक वह नहीं लौटी तो सांडेराव (पाली) से आई उसकी मौसी उसे संभालने गई लेकिन जब वह जब नहीं मिली तो सभी के होश उड़ गए.
पंडित मंडप में दुल्हन बुलाते रहे लेकिन वो नहीं मिली
फेरों का समय नजदीक आने पर पूरे परिवार के हाथ पैर पूल गए ते, वहीं दूसरी तरफ पंडित जी ने दूल्हे के मंडप में बैठने के बाद दुल्हन के लिए आवाज लगाई. इस पर पहले हम लोगों ने बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं है और कुछ देर रुकने को कहा. वहीं, हम लोग बेटी को ढूंढने में लग गए. काफी देर बाद नहीं मिली तो अपने उन्हें सच्चाई बताई की दुल्हन भाग गई . इतना सुनते ही सारे बाराती भड़क गए और हमें ताने मारने लगे.
दूल्हा नाराज हो गया
उधर, बेटी के गायब होने की बात दूल्हे को पता चली तो एक बार वह भी भड़क गया और गुस्सा होने लगा. मुझे बेटी पर गु्सा आया क्योंकि दूल्हे और उसके परिवार की तो कोई गलती नहीं थी.इस पर मैंने उससे वादा किया कि 'चाहे जमीन हो या आसमान, चाहे घर बिक जाए या जमीन, बेटी को आपके साथ शादी करवाकर भेजूंगा, आप इंतजार करो.' इसके बाद दोपहर 12 बजे नाणा थाने में दुल्हन की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज करवाकर दुल्हन की तलाश शुरू की गई.
दूल्हे ने ससुर की बात का रखा सम्मान
मामला इतना बढ़ गया था मैंने दूल्हे को भरोसा दिलाया कि उसकी शादी मेरी बेटी से ही होगी तो वह थोड़ा शांत हुआ और मेरी बात भी मान ली. मैंने दूल्हे के पिता को हाथ जोड़ कहा कि आप सभी बाराती यहां रुको. इसके बाद दूल्हे और पूरे परिवार ने मेरे यहां डेरा डाला और सभी के रुकने की व्यवस्था की. दूल्हे के साथ 50 बाराती आए थे, इनमें से 25 लौट गए और बाकी मेरे घर पर ही थे.
नाबालिग प्रेमी के साथ गई थी, गुजरात में रिश्तेदार के यहां मिली
बेटी को ढूंढने का वादा करने के बाद मैंने पुलिस और गांववालों के साथ उसकी तलाश शुरू की. इस दौरान सिरोही के पिंडवाड़ा, सरूपगंज, आबूरोड और पाली जिले के आस-पास गांवों में तलाश ली.इसी बीच पुलिस जब नाबालिग के घर पहुंची तो वह भी गायब मिला. पुलिस को यकीन हो गया था कि दुल्हन इसी नाबालिग के साथ है. इस पर उसके मोबाइल नंबर से लोकेशन ट्रेस की. यहां पता चला कि वह गुजरात के विसनगर में है. पुलिस यहां पहुंची तो दुल्हन अपने नाबालिग प्रेमी की बुआ के यहां मिली. यहां से पुलिस उसे डिटेन कर 15 मई को पाली जिले के नाणा थाने में लेकर आई.
नाणा थाने में लड़की ने अपने बयान में घरवालों के साथ जाने की इच्छा जताई और नाबालिग को बेकसूर बताया. इसके बाद 16 मई को धूमधाम से शादी हुई.
मां के इलाज के दौरान रिश्तेदार से प्रेम, साथ में हुई फरार
पुलिस ने जब मामले की पड़ताल और पूछताछ की तो सामने आया कि दुल्हन की मां की दोनों किडनी खराब हैं. इसका उदयपुर में इलाज चल रहा था और वहां डायलिसिस होता था. पिता जब भी उदयपुर डायलिसिस करवाने जाते तो वे अपने मामा के पोते को कहकर जाते, ताकि घर में कोई काम हो तो बेटियों को परेशानी न हो. इसी दौरान नाबालिग और बेटी के बीच प्रेम प्रसंग शुरू हो गया. बताया जा रहा है कि जब ये रिश्ता तय हुआ तो बेटी ने शादी करने से भी मना कर दिया था. पत्नी की हालत को देख पिता ने रिश्ता कर दिया. हालांकि जब गुजरात से दुल्हन को लेकर पहुंचे तो दूल्हे के साथ शादी करने के लिए राजी हो गई.
दूल्हा बोला- सोच रहा था दोस्त क्या कहेंगे
दूल्हे का कहना है कि घरवालों ने जब मुझे बताया कि तेरी शादी तय कर दी है और 3 मई को फेरे होने हैं तो मैं गांव आ गया. शादी के लिए मैं 1700 किलोमीटर दूर से पूरी तैयारी कर आया था. 23 अप्रैल को मैंने लग्न की माला पहन ली थी. बारात में मेरे रिश्तेदार और दोस्त भी थे. लेकिन, जब मुझे पता चला कि मेरी होने वाली पत्नी किसी और के साथ भाग गई है तो मुझे बहुत बुरा लगा और गुस्सा भी आया. फिर सोचने लगा कि बिना शादी के गांव में जाऊंगा तो पड़ोसी और दोस्त क्या कहेंगे. वे मेरा कहीं मजाक न बना दें.
एक बार माला डालने के बाद उतारते नहीं हैं, इसलिए सेहरा पहन रखा
दूल्हे ने बताया कि लग्न के समय जब माला गले में डाल दी थी और सेहरा जब पहन लिया था तो फेरों के बाद ही उतरता है. मैं मंडप मैं बैठ दुल्हन का इंतजार कर रहा था. लेकिन, जब पूरी घटना पता चली तो मैंने सेहरा नहीं उतारा और न ही शादी में पहने कपड़े. जब टाइम लगने लगा तो कपड़ों को अंदर रख दिया. इस बीच जब पता चला कि दुल्हन मिल गई है तो शादी के कपड़े पहन तैयार हुआ. लेकिन, मैं करता क्या? क्योंकि ससुर जी ने वादा कर लिया था और हमारी भी जिद थी इसलिए हम वहीं डेरा डाल बैठ गए. बस घर में इधर-उधर घूमते थे. गांव में जा नहीं सकते थे. डर लगता था कि गांव के लोग देखकर क्या कहेंगे.
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