सुमेरपूर: 45 साल बाद 2,100 बहनों ने निभाई तालाब पूजन की रस्म, उमड़ी हजारों लोगों की भीड़
Advertisement

सुमेरपूर: 45 साल बाद 2,100 बहनों ने निभाई तालाब पूजन की रस्म, उमड़ी हजारों लोगों की भीड़

पूजन में करीब 2,100 बहनों ने तालाब पूजन कर भाइयों की सुख समृद्धि की कामना की. 

सुमेरपूर: 45 साल बाद 2,100 बहनों ने निभाई तालाब पूजन की रस्म, उमड़ी हजारों लोगों की भीड़

Sumerpur: उपखंड के पालड़ीजोड़ गांव में भादवी बीज पर सोमवार को बहनों की ओर से गांव के हाबरती तालाब पर पूजन(समंद हिलोरा) की रस्म निभाई गई. पूजन में करीब 2,100 बहनों ने तालाब पूजन कर भाइयों की सुख समृद्धि की कामना की. 

गांव में करीब 45 साल बाद इस रस्म का आयोजन किया गया. जिसमें सर्व समाज के लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया. तालाब पूजने वाली महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा और गहनों से सजधज कर घर से सिर पर कलश लेकर ढोल तमाशों के साथ अपने परिवार के साथ तालाब पर पहुंची.

महिलाओं के भाई भी अपने परिवार सहित वहां पर पहुंचे थे. जहां बारी-बारी से बहन-भाईयों ने तालाब पूजन की रस्म निभाई. आयोजन को लेकर सवेरे पाटनारायणजी मंदिर पर सर्व समाज की बहनें एकत्रित हुई. जहां से गाजे-बाजे के साथ समंद हिलोरने  की रस्म के लिए हाबरती तालाब को रवाना हुई. महिलाओं ने उत्साह में झुमते हुए मंगल गीत गा कर अपनी खुशी को जाहिर किया. 

यह भी पढ़ें: पाली में 2 साल बाद गणेश चतुर्थी की धूम, हजारों की तादाद में हो रही मूर्तियां तैयार

भाइयों की सुख समृद्धि की कामना

बता दें कि महिलाओं के साथ पुरूष और बच्चे भी तालाब पर पहुंचे थे. जहां पंडित ने कलश पूजन कराया और सर्वप्रथम कुंवर अजयपाल सिंह की धर्मपत्नी भानु प्रिया कंवर ने समुद्र हिलोरने की परंपरा निभाई. इसके बाद सर्व समाज के भाई-बहनों ने अपने-अपने निर्धारित घाट पर कलश को पानी में हिलोर कर मंथन और पूजन की रस्म को निभाया.

साथ ही भाइयों ने तालाब के अंदर खड़े रहकर अपने हाथों से पानी पिलाकर बहनों के उपवास खुलवाएं. वहीं बहनों को चुनरी उढ़ाकर तालाब से बाहर निकाला और बहनों को कपड़े, मिठाई, जेवरात समेत अन्य सामग्री भेंट किए गए. 

हजारों की उमड़ी भीड़

तालाब पर हजारों की तादात में लोग मौजूद होने से मेले सा माहौल लग रहा था. इस दौरान जिला परिषद सदस्य और पूर्व प्रधान हरिशंकर मेवाड़ा, सरपंच महेन्द्र सिंह मेवाड़ा, मांगीलाल राजपुरोहित पुराड़ा सहित अन्य कई लोग मौजूद रहें. 121 कलश पूजन कर समंद हिलोरा समंद हिलोरने 121 कलश का विधि विधान से पूजन किया गया. 

साथ ही आपसी सौहार्द, भाईचारे और एकजुटता की मिशाल पेश की. बता दें कि गांव में करीब 45 साल बाद समंद हिलोरने की रस्म निभाई गई. इसे लेकर सर्व समाज की बहनों में खासा उत्साह देखा गया. अल सवेरे बहनें तैयार होकर परिजनों के साथ तालाब पर पहुंची, जहां सभी वर्ग के लिए अलग-अलग घाटों पर बहनों ने सामूहिक रूप से पूजन कर भाईयों के सुख, समृद्धि की कामना की. समारोह में ग्राम पंचायत, पुलिस प्रशासन, बिजली और चिकित्सा विभाग का भी सहयोग रहा. 

Reporter: Subash Rohiswal 

पाली जिले की खबरों के लिए यहां क्लिक करें.

अन्य खबरें: Hartalika Teej 2022 : पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ से भी ज्यादा कठिन है हरतालिका तीज व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और विधि

Hartalika Teej 2022 : हरतालिका तीज पर भगवान शिव को लगाएं इस खास चीज का भोग, व्रत करने से पहले जान लें नियम

 

Trending news