Rajasthan Congress : कांग्रेस की अंतरिक्ष सर्वे में जहां अशोक गहलोत और सचिन पायलट समेत 25-30 विधायकों की स्थिति बेहद अच्छी है तो वहीं तकरीबन एक 120 सीटों पर नए चेहरे की जरूरत है. इनमें पांच मंत्री और 10 ज्यादा बड़े चेहरे शामिल है साथ ही 45 मौजूदा विधायक और 75 हारे हुए प्रत्याशी है.
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Rajasthan Congress : राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी चौसर बिछाई जा रही है. लिहाजा ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी अंतरिक्ष सर्वे कराकर टिकट दावेदारों की जमीनी हकीकत जांच रही है. हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस के आंतरिक नतीजों के अनुसार 200 सीटों में से 120 सीटों पर प्रत्याशी बदलने की आवश्यकता है.
दरअसल इन दिनों कांग्रेस में कई आंतरिक सर्वे जारी हैं जबकि कुछ आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गई है. इन रिपोर्ट्स के मुताबिक तकरीबन एक 120 सीटों पर नए चेहरे की जरूरत है. इनमें पांच मंत्री और 10 ज्यादा बड़े चेहरे शामिल है साथ ही 45 मौजूदा विधायक और 75 हारे हुए प्रत्याशी है.
कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में निकल कर सामने आया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पीएससी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की स्थिति अपने-अपने क्षेत्रों में बेहद मजबूत है. इसके अलावा पूर्व मंत्री राजकुमार शर्मा, दिव्या मदेरणा, मदन प्रजापत और सुखराम बिश्नोई सरीखे नेताओं की स्थिति भी उनके क्षेत्र में मजबूत बताई गई है.
कांग्रेस के सर्वे के अनुसार मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, शकुंतला रावत, ममता भूपेश, मुरारी लाल मीणा, खिलाड़ी लाल बैरवा, टीकाराम जूली, विश्वेंद्र सिंह, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, राजेंद्र यादव, रामलाल जाट, अशोक चांदना और भजन लाल जाटव की स्थिति भी अच्छी बताई गई है. इसके साथ ही मंत्री शांति धारीवाल या उनके परिवार से अन्य टिकट दावेदार की स्थिति भी अच्छी निकल कर सामने आई है.
जहां कई मंत्री और विधायकों की स्थिति अच्छी है तो वहीं कुछ मंत्रियों को थोड़ी मेहनत की जरूरत है. जिसके बाद परिणाम सकारात्मक हो सकते हैं. इनमें मंत्री बीडी कल्ला. डॉ. महेश जोशी, अर्जुन बामनिया, बृजेंद्र ओला, लालचंद कटारिया और साले मोहम्मद को कड़ी मेहनत की जरूरत बताई गई है. हालांकि इनके अलावा अन्य मंत्रियों की स्थिति ठीक नहीं है यानी उनका विधायकी रिपीट करना मुश्किल है.
कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के बाद माना जा रहा है कि 8 मंत्री, 5 विधायक और 4 हारे प्रत्याशियों को फिर से टिकट मिलना तकरीबन तय है. इनमें मंत्री ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, खिलाड़ी लाल बैरवा, विश्वेंद्र सिंह, राजेंद्र यादव, टीकाराम जूली, डॉ सीपी जोशी, रामलाल जाट जैसे मंत्री और विधायक रफीक खान, दानिश अबरार, हाकम अली, सुरेश मोदी, अशोक बैरवा को टिकट मिलना तय है. वहीं पिछले चुनाव में सियासी शिकस्त का सामना कर चुके रामेश्वर डूडी, रतन देवासी, अर्चना शर्मा, धीरज गुर्जर जैसे नेताओं की स्थिति भी अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छी बताई जा रही है, ऐसे में इन्हें भी टिकट दिया जा सकता है.
कांग्रेस के आंतरिक रिपोर्ट में तकरीबन 120 सीटें ऐसी हैं जहां कांग्रेस की स्थिति अच्छी नहीं है. इनमें से कुछ ऐसी भी सीट है जो पार्टी के लिए सिरदर्द बनी हुई है, इनमें भीनमाल, मेड़ता, पाली, सुमेरपुर, फलोदी, झुंझुनू, चाकसू, बगरू, झोटवाड़ा, आमेर, किशनपोल, झाडोल, डूंगरपुर, गढ़ी, कपासन, आहोर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण, आसपुर, बड़ीसादड़ी, चित्तौड़गढ़, डूंगरगढ़, घाटोल, जैतारण, कुंभलगढ़, लाडपुरा, लूणकरणसर, मनोहर थाना, मावली, उदयपुर शहर, रतनगढ़, सागवाड़ा, तिजारा, बहरोड, थानागाजी, बस्सी, दूदू, शाहपुरा, खंडेला, सिरोही और गंगापुर सिटी शामिल है.
कांग्रेस की ओर से स्पष्ट है के इस चुनाव में जिताऊ उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा. हाल ही में कांग्रेस महासचिव ने भी कहा है कि टिकट वितरण का फार्मूला जीतने की क्षमता वाले व्यक्ति को ही दिया जाएगा. वहीं प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी कह चुके हैं कि उम्र और हार मायने नहीं रखती है. अगर उम्मीदवार जीतने की काबिलियत रखता है तो उसे टिकट दिया जाएगा.
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