Ashok Gehlot - Sachin Pilot : कांग्रेस नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच इस बैठक के जरिए सुलह करवा दी है. वहीं सचिन पायलट की भूमिका को भी लेकर आगामी दिनों में बड़ा ऐलान हो सकता है.
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Ashok Gehlot - Sachin Pilot : राजस्थान में अब चुनावी उद्घोष होने में बेहद कम वक्त बचा है. ऐसे में कांग्रेस चुनाव को लेकर कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है. लिहाजा ऐसे में लगातार दिल्ली से जयपुर तक बैठकों का दौर जारी है. इसी कड़ी में गुरुवार को दिल्ली में एक अहम और बड़ी बैठक हुई. जिसमें कांग्रेस के अंदरखाने चल रहे विवाद को निपटाने की कोशिश की गई है.
दरअसल सूत्रों के हवाले से खबर है कि कांग्रेस नेतृत्व ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच इस बैठक के जरिए सुलह करवा दी है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है इस बैठक में सचिन पायलट की ओर से लगातार उठाई जा रही तीन मांगों को भी मान ली गई है. ऐसे में जहां पेपर लीक के गुनहगारों पर और कड़ा कानून लाने का खाका तैयार हो गया है तो वहीं अब गहलोत सरकार वसुंधरा सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जल्द कार्रवाई कर सकती है. वहीं सचिन पायलट की भूमिका को भी लेकर आगामी दिनों में बड़ा ऐलान हो सकता है.
2018 में जब से कांग्रेस सत्ता में आई है तब से लेकर अब तक सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच खुलकर सियासी जंग वक्त बेवक्त देखने को मिलती रही है. अब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस आलाकमान किसी भी तरह के तरह का कोई रिस्क लेने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में 29 जून और फिर आज हुई बैठक मैं दोनों के बीच सुलह कराने की कोशिश की गई है.
सचिन पायलट ने पिछले दिनों अजमेर से जयपुर के बीच जन संघर्ष यात्रा निकालकर 3 बड़ी मांगे अपनी ही सरकार के सामने रखी थी, जिसमें आरपीएससी का पुनर्गठन और पेपर लीक के दोषियों के खिलाफ और सख्त कानून के अलावा पेपर लीक के पीड़ितों को मुआवजा और सबसे अहम वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. सूत्रों के हवाले से खबर है कि आज हुई चर्चा में इन तीनों ही मांगों पर सहमति बन गई है. जहां मुख्यमंत्री गहलोत आगामी विधानसभा सत्र में पेपर लीक माफियाओं के खिलाफ सख्त कानून लाने की तैयारी में है. तो वहीं आगामी दिनों में वसुंधरा सरकार के दौरान हुए भ्रष्टाचार पर भी कार्रवाई की तस्वीर भी सामने आ सकती है.
साल 2020 से ही सचिन पायलट सरकार और संगठन में बेपद हैं. उनके बगावत के बाद कांग्रेस ने उन्हें उप मुख्यमंत्री और पीसीसी अध्यक्ष के पद से हटा दिया था. जिसके बाद लंबे वक्त से सचिन पायलट को पार्टी में जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाएं हैं. अब माना जा रहा है कि आगामी एक पखवाड़े में सचिन पायलट को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान कांग्रेस के आला नेताओं और हाईकमान ने जंग में उतरने की पूरी तैयारी कर ली है. ऐसे में आने वाले दिनों में राजस्थान कांग्रेस के नेता पूरी तरह से चुनावी मोड में दिखाई देंगे.
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