Sikar News: प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से कांग्रेस विधायक राजेंद्र पारीक भिड़ गए. दोनों के बीच जमकर तू-तू , मैं-मैं हुई. ये बहस इस दर बढ़ गई की प्रभारी मंत्री शंकुतला रावत को बीच बचाव करना पड़ा.
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Sikar News: कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष (लक्ष्मणगढ़ विधायक) गोविंद सिंह डोटासरा और सीकर विधायक (कांग्रेस) राजेंद्र पारीक में नोकझोंक हो गई.दोनों नेता एक-दूसरे को सीमा में रहने की हिदायत देते रहे.सीकर जिला कलेक्ट्रेट में राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को लेकर बैठक रविवार को आयोजित की गई. बैठक में राज्य सरकार के जरिए प्रदेश में चलाई जा रही योजनाओं को लेकर चर्चाएं हो रही थी. इन योजनाओं के इतर तीन जिलों की समस्याओं को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अधिकारियों को लताड़ लगाई है. प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने अधिारियों को सख्त लहजे में अपने काम को सही तरह से करने की हिदायत दी.
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बता दें कि सीकर शहर में नवलगढ़ पुलिया, नवलगढ़ रोड और पिपराली रोड की समस्याओं सहित जलभराव की समस्या को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अधिकारियों से बैठक आयोजित की गई थी. जिसपर डोटासरा ने अधिकारियों से कहा था कि वह आपना काम जिम्मेदारी से नहीं कर रहे हो. यहां के लोग बड़ी नारकीय जिंदगी जी रहे हैं.
वहीं बैठक में मौजूद सीकर के विधायक राजेंद्र पारीक को डोटासरा का अधिकारियों को हिदायत देना पसंद नहीं आया उन्होंने बात को काटते हुए विधानसभीा में सब कुछ ठीक होना बताया. और कहा कि शहर में अच्छे कार्य हो रहे हैं. अधिकारी अच्छी तरह से कार्य कर रहे हैं आप अधिकारियों पर आरोप नहीं लगा सकते. इसी बात को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक राजेंद्र पारीक के बीच तू तू मैं मैं शुरू हो गई. दोनों के बीच बहस के अंश
लक्ष्मणगढ़ संभालिए सीकर की चिंता मत करिए
राजेंद्र पारीक ने कहा कि आप अपना लक्ष्मणगढ़ संभालिए सीकर की चिंता मत करिए तो गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मैं सीकर में रहता हूं और जिस जगह की समस्या के लिए कह रहा हूं, उसी रोड पर में रह रहा हूं और मैं एक जनप्रतिनिधि हूं समस्याओं को लेकर अधिकारियों को कहूंगा.
डोटासरा ने हद में रहने की दी हिदायत
डोटासरा ने कहा कि मेरा आवास सीकर में नवलगढ़ रोड पर है.ऐसे में मुझे परेशानी होती है.पारीक ने कहा कि मैं और सभापति रात को 12-12 बजे तक शहर में चल रहे विकास कार्यों की खुद मॉनिटरिंग करते हैं.इस पर डोटासरा ने पारीक को कहा कि आप अपनी सीमा में रहिए.
अब पढ़िए किसने क्या कहा...
डोटासरा ने पारीक से कहा- आप अपनी सीमा में रहो.
पारीक ने गुस्से में कहा - आपको शर्म आनी चाहिए.
डोटासरा ने फिर कहा- आप अपनी सीमा में रहो.ठेका नहीं ले रखा है आपने सीकर का.ये बनेगा या नहीं बनेगा.
पारीक ने कहा- चुप करो यार.इस पर मंत्री ने बीच-बचाव करते हुए कहा कि आप इतने सीनियर हो.
डोटासरा ने कहा- ये सीनियर हैं.ये तो जबरदस्ती पार्टी बन गए.
दोनों के बीच शुरू हुई तू तू मैं को बढ़ता देख प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत और विधायक महादेव सिंह खंडेला ने मामले को शांत करवाया. इसके बाद जिलेभर की समस्याओं को लेकर बैठक में चर्चा हुई. जिनमें सड़क के मुद्दे, पानी के मुद्दे और किसानों के मुआवजा के मुद्दे को लेकर की चर्चा हुई.
पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिन घोषणाओं के बारे में जनता बताती है कि कहां काम कम हो रहा है या फिर कहां धीमी गति से हो रहा है.इस बैठक में हमने उसकी चर्चा की.बैठक के दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने समस्त प्रशासन को फैल बताया.
इस पर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सफाई देते हुए कहा कि कोई भी पावर लेस या हेल्पलेस नहीं है. बजट की जो घोषणा है.उन पर जिसका जिस गति काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है.उदाहरण के तौर पर नवलगढ़ पुलिया,जगमलपुरा बायपास जहां हम थे वहीं खड़े हैं.सीकर शहर में सीवरेज का काम भी बहुत धीमी गति से चल रहा है.लक्ष्मणगढ़ में सीवरेज का काम 95% होता है. सीकर संभाग हेडक्वार्टर बन चुका है.ऐसे में हम चाहते हैं कि यहां बसे लोगों को सभी सुविधाएं मिले.सीकर में जो सड़कें बन रही है उनकी क्वालिटी की जांच जयपुर से होनी चाहिए.यहां से चेक नहीं होनी चाहिए.
विवाद पर बोले डोटासरा
बैठक में हुए विवाद पर डोटासरा ने कहा कि हमारा किसी अधिकारी या नेता से कोई व्यक्तिगत दुराभाव नही है.हम सभी तो साथ बैठकर खाना खाते हैं, संगठन में साथ बैठकर काम करते हैं.डोटासरा ने कहा कि सीकर विधायक राजेंद्र पारीक साहब मेरे बड़े हैं.मैं उनके पैर छूकर नमस्कार करता हूं.लेकिन जब बजट घोषणा की बात करें तो वह उसे व्यक्तिगत ले रहे हैं.और कह रहे है कि मेरे अधिकारियों पर आप लांछन लगा रहे हो.हो सकता है कि उन्हें कोई गलतफहमी हुई हो.उनकी गलतफहमी को मैं दूर करूंगा.
अधिकारी किसी का नहीं होता - डोटासरा
डोटासरा ने कहा कि सीकर के विकास के लिए पारीक जी भी काफी प्रयास कर रहे हैं.अधिकारी किसी का नहीं होता है वह केवल अपना होता है और अपनी नौकरी का होता है.कोई अधिकारी किसी की डिजायर से कहीं नौकरी लग जाता है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह गलत काम कर दे.आज के इस संवाद से जनता को मैसेज मिलेगा कि जनता के मुद्दों को लेकर हमें जहां टकराने की आवश्यकता है, वहां हम टकराते हैं.लेकिन हम मन भेद नहीं है.मतभेद किसी बात को लेकर हो सकता है.गलतफहमी किसी बात को लेकर हो सकती है.जिसे दूर किया जा सकता है.
सीएम ने सीकर को सबसे ज्यादा बजट दिया है.जनता जब हमारा मूल्यांकन करेगी तो वह यही देखेगी कि किस तरह से सरकार ने गुड गवर्नेंस दी.मीटिंग में जिस जिसके जो विचार थे.वह उन्होंने रखें.जो भी काम हो वह क्वालिटी का होना चाहिए.क्योंकि यह पैसा हमारा पैसा नहीं बल्कि जनता का पैसा है.यदि कोई अधिकारी काम में लापरवाही करता है तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
नोकझोंक नहीं थी बल्कि दोनों आपस में डिस्कस कर हे थे- शकुंतला रावत
वहीं प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि कई काम ऐसे होते हैं जिनमें केंद्र सरकार से मंजूरी मिलना जरूरी होती है लेकिन केंद्र सरकार कोई ना कोई पॉइंट लगाकर फाइल को वापस भेज देती है इसलिए बजट घोषणा साकार होने में देरी हो जाती है.वही डोटासरा- पारीक के विवाद पर रावत ने कहा कि यह कोई नोकझोंक नहीं थी बल्कि दोनों आपस में डिस्कस कर रहे थे.यदि ऐसा संवाद किसी को विवादित लगता है तो यह विवादित नहीं है.
वहीं बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि डीएमएफटी की बैठक 2- साल तक नहीं होती है.नीमकाथाना विधायक सुरेश मोदी ने कहा कि डीएमएफटी का 75% पैसा मेरे क्षेत्र से आता है.बावजूद मेरे इलाके में वह पैसा विकास कार्यों में खर्च नहीं होता. इस पर प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि वह पैसा जिले में कहीं भी खर्च हो सकता है.नीम का थाना क्षेत्र में भी हुआ है. इसके अलावा सीकर में मेडिकल कॉलेज में भी डीएमएफटी का पैसा खर्च हुआ है .
इस दौरान प्रभारी मंत्री शकुंतला रावत ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा और खंडेला विधायक महादेव सिंह, खंडेला विधायक राजेंद्र पारीक, फतेहपुर विधायक मलखान, नगर परिषद सभापति जीवन खान, केश कला बोर्ड अध्यक्ष महेंद्र गहलोत, कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुनीता गिठाला, जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव, जिले के अधिकारी मौजूद रहे. सब विधायक राजेंद्र पारीक से अंदर हुई गोविंद सिंह डोटासरा से तकरार के बारे में मीडिया ने बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर में कोई बात नहीं करूंगा नो कमेंट बोलकर आगे निकल गए.
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