Rajasthan News : अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने की घोषणा की है. जिससे पश्चिमी राजस्थान की तस्वीर बदल गई है. बाड़मेर से बालोतरा हो या जालोर से सांचोर. जोधपुर ( Jodhpur ) को तीन हिस्सों में बांटा गया. कुल 50 जिले और 10 संभाग. अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने अप्रत्याशित फैसला लेते हुए जिले बनाए है. क्या मरूप्रदेश निर्माण की मांग पर भी कोई बड़ा फैसला ले सकते है. क्या इस तरह की कोई पहल होगी.
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Ashok Gehlot : राजस्थान में नए प्रदेश के मांग लंबे समय से चल रही है. रेगिस्तानी जिलों के पर्याप्त विकास के लिए उसे अन्य जिलों से अलग करने को लेकर मांग उठती रही है. अब जब अशोक गहलोत ने 19 नए जिलों की घोषणा की है. राजस्थान जैसे 7 करोड़ की आबादी वाले राज्य में 50 जिले हो गए है. ऐसे में अब चर्चा ये है कि क्या चुनावों से पहले मरूप्रदेश के निर्माण पर भी अशोक गहलोत बड़ी घोषणा कर सकते है.
मुख्यमंत्री ने जब जिलों की घोषणाओं का जिक्र किया. तब भी सभी को यही लगा कि शायद 4 या 5 नए जिले बनाने का ऐलान हो सकता है. इसमें बाड़मेर से बालोतरा, जोधपुर से फलौदी, जयपुर से कोटपुतली, अजमेर से ब्यावर, नागौर से डीडवाना और अलवर से भिवाड़ी का दावा मजबूत था. लेकिन 19 जिलों की घोषणा अप्रत्याशित थी. राज्य में नए जिलों का गठन करीब 17 साल बाद हुआ है. इससे पहले 26 जनवरी 2008 को वसुंधरा राजे ने प्रतापगढ़ को जिला बनाने की घोषणा की थी.
मरूप्रदेश का होगा निर्माण !
राज्य में 50 जिले बनने के बाद मरूप्रदेश के निर्माण की मांग फिर से प्रबल हो सकती है. मुख्यमंत्री ने जिस तरह से अप्रत्याशित फैसला लेते हुए 19 जिलों की घोषणा की है. ऐसे में ये भी असंभव नहीं है कि चुनावों से पहले नए राज्य के गठन को लेकर कोई बड़ा फैसला ले लें.
कैसा होगा नक्शा
अगर राजस्थान दो हिस्सों में बंटता है और नए राज्य का गठन होता है तो पश्चिमी राजस्थान अलग प्रदेश बनेगा. इसमें वो जिले शामिल होंगे. जो थार के मरूस्थल के दायरे में आते है. अगर 50 जिलों की सूची के हिसाब से देखें तो जालोर, सांचोर, बाड़मेर, बालोतरा, फलौदी, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम, जैसलमेर, बीकानेर, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, चूरू, पाली, नागौर, डीडवाना कुचामन, सीकर और नीमकाथाना जैसे 17 से ज्यादा जिले शामिल हो सकते है.
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एक तरफ जहां राजस्थान में प्रतिव्यक्ति आय अधिक दिखती है. लेकिन अगर केवल पश्चिम राजस्थान के 12 जिलों का औसत निकाला जाए तो प्रति व्यक्ति आय बेहद कम है. लेकिन फिर भी सरकार की तरफ से विकास योजनाओं की प्लानिंग अन्य विकसित और औद्योगिक समृद्ध जिलों की तरह ही होती है.
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मरूप्रदेश के दायरे में करीब सवा 2 लाख वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल आता है. हाल ही में मरूप्रदेश निर्माण मोर्चा के जयवीर गोदारा और महिपाल महला जैसे युवाओं ने ऊंट यात्रा भी निकालकर मरूप्रदेश के लिए अलग राज्य की मांग को फिर से जोर दिया था. ऐसे में 50 जिले बनने के बाद फिर से यही सवाल जोर पकड़ रहा है. क्या अशोक गहलोत नए राज्य के गठन, राजस्थान को दो हिस्सों में बांटने और मरूप्रदेश की मांग को पूरा करने पर भी चुनावों से पहले कोई पहल कर सकते है क्या ?