बारावफात पर्व के चलते मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा राजनगर की मस्जिद के साथ अपने-अपने घरों और नगर को लाइटों की रोशनी से सजाया गया. मोहम्मद साहब की याद में मस्जिद में विशेष नमाज अदा की गई और रातभर चले प्रोग्राम के दौरान प्रार्थनाओं का दौर चला.
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Rajsamand: राजस्थान के राजसमंद के राजनगर में मुस्लिम सुमदाय के लोगों द्वारा बारावफात का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. बारावफात पर्व के चलते मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा राजनगर की मस्जिद के साथ अपने-अपने घरों और नगर को लाइटों की रोशनी से सजाया गया.
वहीं, मोहम्मद साहब की याद में मस्जिद में विशेष नमाज अदा की गई और रातभर चले प्रोग्राम के दौरान प्रार्थनाओं का दौर चला. रातभर चले इस प्रोग्राम में बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की, तो वहीं सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस के जवान भी रातभर तैनात रहे.
राजसमंद अंजुमन कमेटी के सदर मोहम्मद फिरोज खान ने बताया कि मोहम्मद साहब का जन्म इसी दिन हुआ था. इसी खुशी में यह बारावफात पर्व मनाया जाता है. इस पर्व के चलते रातभर जागकर इबादत की जाती है. बता दें कि बारावफात को मीलाद उन नबी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को विश्वभर के मुस्लिमों द्वारा काफी धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
यह दिन इस्लाम मजहब का एक महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था और इसी तारीख को उनका देहांत हो गया था. इस दिन लोग मस्जिदों में जाकर नमाज अदा करते हैं और मोहम्मद साहब के दिखाए हुए रास्ते को अपनाने का संकल्प लेते हैं. ऐसा माना जाता है कि अपने इंतकाल से पहले मोहम्मद साहब बारह दिनों तक बीमार रहे थे.
जानकारी के अनुसार, बारा का मतलब बारह और वफात का मतलब इंतकाल बताया जाता है. बारह दिनों तक बीमार रहने के पश्चात इस दिन उनका इंतकाल हो गया था इसलिए इस दिन को बारावफात के रूप में मनाया जाता है. बारावफात के दिन रातभर प्रार्थनाएं की जाती है, सभाओं का आयोजन किया जाता है और तमाम प्रकार के जुलूस निकाले जाते हैं.
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