Rajsamand today news: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी योजनाओं को लगातार लागू करते हुए जनता को हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम गहलोत का मुख्य उद्देश्य है, जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो.
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Rajsamand news: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकारी योजनाओं को लगातार लागू करते हुए जनता को हरसंभव मदद देने का प्रयास कर रहे हैं. सीएम गहलोत का मुख्य उद्देश्य है, जनता को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो. तो वहीं सीएम गहलोत शिक्षा के क्षेत्र में भी ज्यादा जोर दे रहे हैं ताकि विद्यार्थियों की अच्छी शिक्षा मिल सके. ऐसे में कुछ निजी विद्यालय सीएम गहलोत के सपने को साकार नहीं होने दे रहे. और शिक्षा विभाग के नियमों की जमकर धज्जियां उड़ा रहे हैं. बता दें कि जी मीडिया द्वारा एक माह पहले किताबों के खेल का खुलासा किया था.
सरकारी विद्यालय की किताबें बच्चों को बेची गई
खुलासा करते हुए बताया था कि राजसमंद जिले के देवगढ़ स्थित दौलपुरा गांव में टैगोर इंटरनेशल पब्लिक स्कूल में सरकारी विद्यालय की किताबें बच्चों को बेची गई थी, जिसकी जांच अभी भी जारी है. तो वहीं इसी विद्यालय की जांच के दौरान नया खुलासा यह सामने आया है कि इस प्राइवेट विद्यालय के मालिक द्वारा एक ही परिसर में में दो प्राइवेट विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं. और अब ऐसे में नियम तोड़ने वाले इस प्राइवेट विद्यालय ने शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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13 विद्यालयों की रिपोर्ट
बता दें कि उस वक्त शिकायत मिलने पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकुट बिहारी शर्मा ने निजी विद्यालयों की वस्तु स्थिति की जांच के लिए पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और शहरी प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए भेजा था और जांच के दौरान देवगढ़ परिक्षेत्र की लगभग 13 विद्यालयों की रिपोर्ट प्राप्त हुई. और इस रिपोर्ट ने शिक्षा विभाग को आईना दिखाने का काम किया है जिसमें स्वयं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अपने चेहरे देखे. शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई जांच रिपोर्ट को एक माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद भी उच्चधिकारियों की नींद नहीं खुली और ना ही अनियमितताएं पाए जाने के बाद भी उनके खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही की गई.
ऐसी स्थिति में शिक्षा विभाग की कार्यशैली अब संदेह के घेरे में आ चुकी है. देवगढ़ के टेरेसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सांगावास का निरीक्षण करने गए पीईओ घनश्याम सिंह ने बताया कि विद्यालय निरीक्षक के दौरान कई कक्षाएं सम्मिलित चलाई जा रही थी. एलकेजी, यूकेजी की कक्षाएं संचालित ही नहीं थी उपस्थिति रजिस्टर रिकॉर्ड से रजिस्टर एवं प्रवेश फाइल संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं थे. तो वहीं इन विद्यार्थीयों के पास राज्य सरकार के विद्यालय में वितरण की जाने वाली निशुल्क पाठ्यपुस्तक पाई गई एवं विद्यालय परिसर के बाहर कोई बोर्ड या फ्लेक्स नहीं था पेयजल एवं शौचालय को लेकर की भी अव्यवस्थाएं मौजूद थी. टैगोर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल देवगढ़ के निरीक्षण में ध्यान में आया कि एक ही कक्षा कक्ष में सम्मिलित कक्षाएं संचालित थी एक ही परिसर में दो निजी विद्यालय संचालित किये जा रहे थे. टैगोर इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल कुंडेली में कक्षा 1 से 8 तक की कक्षाएं मात्र 2 कमरों में ही संचालित थी.
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निशुल्क पाठ्य पुस्तके
टेरेसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल दौलपुरा में दो कक्षा कक्ष में सम्मिलित कक्षाएं संचालित हो रही थी. विद्यार्थियों के बीच निशुल्क पाठ्य पुस्तके पाई गई थी. तो वहीं जांच अधिकारी ने बताया कि टैरेसा इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल लसानी में एक भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं पाया गया और विद्यालय का कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था. ना ही विद्यालय में खेल मैदान पाया गया. तो वहीं देवगढ़ नगर के प्रमुख खादी भंडार परिसर में संचालित बाल मंदिर जीनियस पब्लिक स्कूल देवगढ़ के नाम से संचालित विद्यालय की मान्यता ही नहीं ली गई जबकि बाल मंदिर माध्यमिक विद्यालय के नाम से मान्यता थी.
जो वर्तमान में संचालित नहीं है. महाराणा बाल निकेतन लसानी में संचालित विद्यालय में कार्यरत एक भी शिक्षक प्रशिक्षित नहीं पाया गया. तो वहीं सरस्वती विद्या निकेतन उच्च प्राथमिक विद्यालय मादा की बस्सी में भी कक्षाएं सम्मिलित संचालित हो रही थी. उपस्थित विद्यार्थियों का पीएसपी पोर्टल पर नामांकन नहीं था.
छात्र उपस्थिति नहीं ली गई थी और कर्मचारी उपस्थिति पंजिका नहीं पाई गई थी. ऐसे में मेवाड़ पब्लिक स्कूल लसानी में एक ही कक्षा कक्ष में सभी कक्षाएं संचालित हो रही थी. तो वहीं जयवीर इंटरनेशनल सेकेंडरी स्कूल सिरौधनिया में सम्मिलित कक्षाएं संचालित की जा रही थी. इस पूरे मामले पर देवगढ़ ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मुकुट बिहारी शर्मा ने बताया कि देवगढ़ परिक्षेत्र में निजी विद्यालयों में अनिमितताओं की जांच के लिए पंचायत एवं शहरी प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी को जांच के लिए भोजा था जिसमें 13 निजी विद्यालयों की रिपोर्ट सामने आई.
रिपोर्ट में कई प्रकार की कमियां पाई गई. जिसमें एक स्थान की मान्यता होने के बाद दूसरी जगह विद्यालय संचालित हो रहे हैं. कई जगह सम्मिलित कक्षाएं चल रही थी. एक ही भवन में दो प्राइवेट स्कूल चल रहे थे. कई विद्यालय में खेल मैदान एवं इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी पाई गई. कई विद्यालयों में संबंधित रिकॉर्ड नहीं पाया गया और कई शिक्षक प्रशिक्षित नहीं मिले. सभी की जांच रिपोर्ट तैयार कर जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक राजसमंद को भिजवाई गई और उन्हीं के द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.