Rajasthan Karwa Chauth Temple: आज हम आपको दुनिया के एकमात्र करवा चौथ के माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो राजस्थान में है. करवा चौथ माता का मंदिर सवाई माधोपुर के बरवाड़ा शहर में है, जो सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास है.
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Rajasthan Karwa Chauth Temple: करवा चौथ का व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है. इस दिन शादीशुदा सभी महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला व्रत रखती है और चांद को देखकर व्रत खोलती हैं. ऐसे में आज हम आपको दुनिया के एकमात्र करवा चौथ के माता के मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो राजस्थान में है.
करवा चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर के बरवाड़ा शहर में है, जो सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत खास है. माता रानी का यह मंदिर लगभग 567 साल पुराना है, जिसको राजा भीम सिंह द्वारा 1451 में बनवाया गया था. यहां पर करवा चौथ पर भारी भीड़ देखने को मिलती है. करवा चौथ पर माता रानी के मंदिर और दरबार को दुल्हन की तरह सजाया जाता है.
करवा चौथ माता का मंदिर विवाहित जोड़े के लिए काफी लोकप्रिय है. सुहागिन स्त्रियां करवा चौथ पर अपने सुहाग की रक्षा के लिए माता से प्रार्थना करती हैं. यहां पर माता रानी देवी पार्वती के रूप में विराजमान हैं. कहते हैं कि यहां पूजा करने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.
करवा चौथ माता के मंदिर जाने के लिए लगभग 700 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है क्योंकि मंदिर 1100 फीट ऊंचाई पर है. यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है. मंदिर के गर्भगृह में चौथ माता की मूर्ति के साथ भगवान गणेश और भैरवनाथ की भी पूजा की जाती है. यहां सैकड़ों साल से एक अखंड ज्योत जल रही है.
कहते हैं कि राजा भीम सिंह शिकार करने जाया करते थे. एक दिन वह शिकार के दौरान किसी हिरण का पीछा करते-करते रास्ता भटक गए और सैनिकों से दूर चले गए. वहीं, राजा को प्यास लगी और पानी नहीं मिलने की वजह से वो बेहोश हो गए.
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तभी चौथ माता ने राजा की मदद की और उनको पानी पिलाया. वहीं, राजा ने माता को ऐसे देख उनसे अपने प्रांत में ही विराजमान होने के लिए कहा. इस पर माता तथास्तु कहकर गायब हो गईं. इस तरह वहां पड़ी चौथ माता की मूर्ति राजा अपने साथ अपने प्रांत ले गया और साल 1451 में चौथ माता मंदिर बनवाया.
डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी और लोगों द्वारा बताई गई कहानियों पर आधारित है, इसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है.