2 महीने की बच्ची को जबड़े में दबा ले गया खूंखार जानवर, मां की आंखों के सामने चीर डाला
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2 महीने की बच्ची को जबड़े में दबा ले गया खूंखार जानवर, मां की आंखों के सामने चीर डाला

Sawai Madhopur News: राजस्थान में सवाई माधोपुर जिले के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की बालेर रेंज के नोराड़ के टापरा गांव से शॉकिंग खबर आई. बच्ची के पिता का नाम रुपनारायण बैरवा है. वह खेत से पानी पीने के लिए आए थे. तभ सो रही बच्ची पर एक जरख ने हमला किया और मुंह दबाकर ले भागा. यह देख परिजनों के होश उड़ गए और उन्होंने शोर के साथ-साथ पथराव करना शुरू किया लेकिन जरख न रुका. 

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Sawai Madhopur News: एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों ने आतंक काट रखा है तो वहीं, राजस्थान में भी तेंदुओं, शेर, टाइगर समेत अन्य जंगली जानवरों का खौफ बना हुआ है. जंगलों की तरफ से घूमते हुए ये खूंखार जानवर कब रिहायशी इलाकों में पहुंच जाएं और किस पर हमला कर दें कोई नहीं जानता है. वहीं, राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से ऐसी दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे.

बच्चे को जरा सी चोट लग जाए या फिर वह रोने लगे तो मां का कलेजा तकलीफ से फट सा जाता है लेकिन उस मां के बारे में सोचिए, जिसकी आंखों के सामने उसकी 2 महीने की बच्ची को कोई जंगली जानवर जबड़े में दबा ले जाए और मार डाले. बेबस मां कुछ कर भी न पाए.

यह दुखद घटना सवाई माधोपुर जिले के रणथम्भौर राष्ट्रीय उद्यान की बालेर रेंज के नोराड़ के टापरा गांव की बताई जा रही है. यहां पर जंगली जानवर जरख के हमले के चलते एक 2 महीने की मासूम की जान चली गई. जिस समय यह घटना हुई, उस समय बच्ची तनिष्का खाट पर सो रही थी और उसकी मां समेत अन्य परिवारवाले मिर्च की फसल की रखवाली कर रहे थे. 

पानी पीने गए थे बच्ची के पापा
सूत्रों की खबर के मुताबिक, बच्ची के पिता का नाम रुपनारायण बैरवा है. वह खेत से पानी पीने के लिए आए थे. तभ सो रही बच्ची पर एक जरख ने हमला किया और मुंह दबाकर ले भागा. यह देख परिजनों के होश उड़ गए और उन्होंने शोर के साथ-साथ पथराव करना शुरू किया लेकिन जरख न रुका. 

आगे करीब 150 फीट दूर जाकर उसने बच्ची को जबड़े से निकाल छोड़ दिया. वहीं, इस बीच 2 महीने की मासूम तनिष्का गंभीर घायल हो चुकी थी और डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया. 

जैसे ही घटना की सूचना वन विभाग को मिली, तुरंत वनकर्मी पहुंचे और जरख के पगमार्क इकट्ठे किए. वहीं, परिजनों ने वन विभाग पर गंभी आरोप लगाते हुए कहा है कि मामले की सही तरह से जांच नहीं की गई और इसे श्वान के हमले के रूप में पेश किया गया है. जब उन्होंने मुआवजे की मांग की तो ठोस कार्रवाई के बजाय लीपा-पोती की गई. इससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी है.

आक्रोशित ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर और मुख्य वन संरक्षक से घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है. साथ ही अनदेखी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने की भी मांग की है. बता दें कि राजस्थान में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं बेहद आम हैं जबकि जिम्मेदार खास कदम नहीं उठाते. हालांकि बच्ची पर हमले की इस खबर को जानने के बाद ग्रामीणों में भय व्याप्त है.

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