दिल्ली: राजस्थान (Rajasthan) के सांसदों के साथ केंद्रीय नेतृत्व ने समीक्षा बैठक की. प्रदेश में लोकसभा चुनावों में बड़ी सफलता और शहरी निकायों में खिसकते बीजेपी (BJP) के जनाधार को बचाने के लिए चिंतन किया गया. बीजेपी संगठन महामंत्री बीएल संतोष (BL Santosh) ने सभी सांसदों से राजस्थान के मुद्दों को लेकर राय मशविरा किया.
कहा जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 हटाने के बाद और राम मंदिर पर आए फैसले के बावजूद नतीजे पार्टी के फेवर में नहीं आने पर बैठक में चर्चा की गई. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक में ये भी चिंता जाहिर की गई कि नेताओं की आपसी फूट के कारण निकाय चुनावों में पार्टी को काफी नुकसान झेलना पड़ा और संगठन महामंत्री ने मतभेद की खाई को जल्द मिटाने के निर्देश दिए.
दरअस,ल बीजेपी नेता राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के कार्यों का तोड़ ढूंढने के लिए शुक्रवार को इकट्ठा हुए थे. केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के सांसदों के साथ एक अहम बैठक की. गहलोत शासन में निकाय चुनावों में हार से पार्टी का लोकसभा नतीजों वाला उत्साह ठंडा पड़ता नजर आ रहा है. इसी निराशा के माहौल को ठीक करने के लिए पार्टी के संगठन महामंत्री बीएल संतोष, सह संगठन मंत्री वी सतीश, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया, प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर ने सासंदों के साथ मंत्रणा की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल समेत राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद मौजूद रहे.
बैठक में आगामी पंचायतीराज चुनाव की तैयारियों को लेकर नई रणनीति पर चर्चा की गई. सांसदों को प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के निर्देश भी दिए गए साथ ही मीडिया में गैर-जरूरी मुद्दों पर बयानबाजी न करने की सख्त हिदायत भी दी.
समय-समय पर होती रहेंगी बैठकें
बैठक महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के कार्यक्रमों की समीक्षा, संगठन चुनाव, सांसदों की संसद में प्रदेश के मुद्दों पर भूमिका, केंद्र की योजनाओं को प्रदेश में लागू करवाने के लिए राज्य सरकार के साथ सकारात्मक भूमिका विषयों पर भी चर्चा की गई. बैठक के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि सांसद केंद्र में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं, इसलिए उनको संगठन के कार्यक्रम, कार्यकर्ताओं से संवाद, विकास कार्यों के लिए राय ली गई. पूनिया ने बताया कि यह समीक्षात्मक बैठकें हर सत्र और समय-समय पर होती रहेंगी.
बहरहाल, बदले राजनीतिक हालातों में और खासकर राजस्थान में अशोक गहलोत और उनकी सरकार का तोड़ ढूंढने में यह बैठकें कितनी कारगर साबित होंगी, यह तो आगामी पंचायत चुनाव के के परिणाम जाहिर कर देंगे.
Edited by: Ashish Chaubey, News Desk