किसान आंदोलन: सत्यपाल मलिक का छलका दर्द,बोले- PM से हुआ था झगड़ा, वह बहुत घमंड में थे
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किसान आंदोलन: सत्यपाल मलिक का छलका दर्द,बोले- PM से हुआ था झगड़ा, वह बहुत घमंड में थे

राजस्थान राजनीति: पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक और सांसद और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल एक दिवसीय दौरे पर सीकर आए, इस दौरान पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दर्द छलक उठा.

 

किसान आंदोलन: सत्यपाल मलिक का छलका दर्द,बोले- PM से हुआ था झगड़ा, वह बहुत घमंड में थे

सीकर न्यूज: पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सांसद और आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल एक दिवसीय दौरे पर सीकर जिले के लक्ष्मण के डायलॉग के स्टंट गांव में वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति और छात्रावास के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे.

तेजा सेना के कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

इस दौरान पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक और सांसद और आरएलपी सुप्रीम हनुमान बेनीवाल का आरएलपी कार्यकर्ताओं और तेजा सेना के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया. कार्यक्रम स्थल तक दोनों नेताओं को समाज के लोगों द्वारा डीजे और रैली के रूप में कार्यक्रम स्थल तक लेकर आया गया.

तेजाजी महाराज की मूर्ति का और छात्रावास का शिलान्यास 

यहां पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने वीर तेजाजी महाराज की मूर्ति का और छात्रावास का शिलान्यास किया. कार्यक्रम में सांसद सुमेदानंद सरस्वती पूर्व जिला प्रमुख जेजेपी पार्टी की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष रीटा सिंह उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल सहित भारी संख्या में समाज के महिला और पुरुष मौजूद रहे.

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया कि इस वक्त देश में बहुत जबरदस्त लड़ाई है. वह किसी को दिख रही है तो किसी को नहीं दिख रही. सरकार की तरफ से किसान और किसान कौमों,जमीन रोजगार और जवानों पर हल्ला बोला जा चुका है. फसल का दाम नहीं दे रहे हैं. मलिक ने कहा कि जिस वक्त किसान आंदोलन हुआ उसे वक्त वह मेघालय का गवर्नर थे. उस दौरान उन्होंने 10 दिन तक विचार किया कि कुछ बोलना चाहिए या नहीं. 

उन्होंने कहा कि मुझे कई लोगों ने समझाया कि आप राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति हो जाओगे. क्यों झगड़ा करते हो लेकिन मैंने कहा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति रिटायर होंगे तो कुत्ता भी रास्ता नहीं छोड़ेगा. आदमी अपने स्टैंड, बोली से जिंदा रहता है. और मैं आखिरकार अपना इस्तीफा जेब में रखकर पीएम से मिलने गया. 

मलिक ने कहा कि मेरा उनसे 5 मिनट में झगड़ा हो गया क्योंकि वह बहुत घमंड में थे. मैंने कहा था कि किसान 4 महीने से पड़े हैं उनसे बात कर लीजिए. तो उन्होंने कहा कि चले जाएंगे कुछ नहीं होगा. उसे वक्त मुझे बहुत बुरा लगा और मैंने कहा कि न आप सिक्खों को जानते और न जाटों को. यह तब जाएंगे जब आप चले जाओगे.

मलिक ने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि सिखों के गुरु महाराज ने अपने 4 साहबजादे खापा दिए लेकिन समझौता नहीं किया. और यह तो हमारे वाले हैं जो हर छ्ठे महीने लाल किले पर चढ़े रहते थे. इन्होंने अकबर की कब्र खोदकर उसका दाह संस्कार कर दिया था. ऐसी कौमों से लड़ा नहीं जाता बल्कि बातचीत की जाती है. फिर 2 महीने बाद में ही उन्होंने माफी मांग कर काले कानून वापस लिए क्योंकि मैंने उन्हें सिखों के मामले में तो इतना डरा दिया था कि उसके बाद तो वह पीला पटका माथे पर लगाने लगे.

उन्होंने कहा कि मैंने पीएम को बताया कि जब मिसेज गांधी ने ऑपरेशन ब्लूस्टार किया तो उसके बाद अपने फार्म पर 4 महीने तक महामृत्युंजय का यज्ञ करवाया. मलिक ने कहा कि अरुण नेहरू मेरे दोस्त थे. आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने कहा कि हम उस समाज से आते हैं जिसने कभी हार नहीं मानी. जिस समाज ने दिल्ली के तख्तताज बदल दिए. समाज को तोड़ने के लिए लगातार प्रयास हुआ. समाज से कई पंथ बने और कई लोग धर्मों में चले गए लेकिन समाज को कोई तोड़ नही पाया.

आज भी भारत मां की रखवाली के लिए सबसे ज्यादा तादाद में हम लोग खड़े हैं. कारगिल युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैं यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट था उस समय अमेरिका के अखबार में छपा था कि 20 हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर एक रेजीमेंट ने दुश्मन को खत्म कर दिया. वह जाट रेजीमेंट है जिसमें शेखावाटी ,मारवाड़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के जवान हैं. मैं ताराचंद धायल की हमेशा चिंता करता हूं जो जिला परिषद में तो पांच बार जीत गए.

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि तेजा सेना के अध्यक्ष श्रीराम मुझे कह रहे थे धीरे चल रहे हो. ऐसे में मैंने उन्हें कहा कि इससे तेज चल तो कहीं राजस्थान के बाहर नहीं चला जाऊं. बेनीवाल ने कहा कि चल ही मैं रहा हूं और चल रहा कौन है. जब तक हम एक जयकारे के साथ खड़े नहीं होंगे तब तक हमारा सत्ता पर कब्जा नहीं होगा.

बेनीवाल ने कहा कि इस देश में पहले क्या हुआ अंग्रेजों ने राज किया, बाद में जागीरदारों ने, अकाल का साया और नेताओं का धोखा लोग इससे इतने परेशान हैं कि जो भी जाएगा उस पर अविश्वास करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि जब मैं मारवाड़ से यहां आया तो कई लोगों ने कहा कि शेखावाटी में आपका कोई इंतजार नहीं करेगा.

बेनीवाल ने कहा कि अग्निपथ के विरोध का परिणाम यह रहा कि पहले जहां सरकार केवल 25% अग्निपथ वीरों को स्थायी करने की बात करती थी वह 50 % पर आ गई. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि एक साथ हुंकार भरोगे और 2 लाख की संख्या में दिल्ली की तरफ चलोगे तो जिस तरह प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानून वापस लिए इस तरह से अग्निपथ वापस लेगी. यह लड़ाई कोई और नहीं लड़ेगा बल्कि मंच पर बैठे लोग ही आपको लड़ते हुए नजर आएंगे.

उन्होंने कहा कि इस बार आरएलपी राजस्थान की तमाम सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अब ईडी और सीबीआई का दुरुपयोग कैसे हो रहा है हम देख ही रहे हैं. जो पार्टी बदलकर बीजेपी ज्वाइन कर ले वह तो एकदम सही है. लेकिन जिसने बीजेपी ज्वाइन नहीं की उसे ईडी और सीबीआई लेकर जाएगी. केवल इसी सरकार ने नहीं बल्कि पहले की सरकारों ने भी इनका दुरुपयोग भी किया था. बजरी माफिया जिनकी जेब में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों चली.  बेनीवाल ने कहा कि मारवाड़ की जो 43 विधानसभा सीट है उनमें से 40 सीट पर आरएलपी 1 या 2 नंबर पर रहेगी. जो लोग नागौर में बैठकर फरमान जारी करते थे उन्हें घर पर बैठा दिया.अब उनका फरमान वहीं रह गया.

बेनीवाल ने कहा कि कई लोग मुझे कहते हैं कि ईडी वाले आ जाएंगे लेकिन मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि चार पैंट शर्ट और जूते ले जाकर वापस कर देंगे.  बेनीवाल ने कहा कि मैं किसी को बुजुर्ग नहीं मानता क्योंकि 70 साल की वसुंधरा राजे अभी भी कहती है कि हम जवान है. बेनीवाल ने कहा कि लोग मुझ पर जातिवाद का आरोप लगाते हैं लेकिन किसी को भी पीड़ा होती है तो सबसे आगे हनुमान बेनीवाल ही मिलता है. मुझे समर्थक इतना फोन करते हैं कि उनके फोन के चक्कर में मैं जरूरी फोन भी नहीं उठा पाता. इतना कोई अशोक गहलोत को नहीं करता. पायलट को तो किसी ने देखा ही नहीं होगा कहां चले गए.

बेनीवाल ने कहा कि मिशन 2023 पूरा करना है. बेनीवाल ने कहा कि अग्निपथ योजना के खिलाफ दिल्ली की तरफ एक बड़ा मूवमेंट होगा क्योंकि सेना को तो बचाना है. क्योंकि बाकी पार्टियों को तो केवल वोट की चिंता है. पहले हरियाणा और उत्तर प्रदेश के नेता ही हमारे लीडर थे क्योंकि राजस्थान के नेता तो कोटपूतली के आगे जाते ही वापस आ जाते थे क्योंकि उन्हें डर लगता था. अब यूपी और हरियाणा के सारे नेता बीजेपी में चले गए. मुझे तो शर्म आती है कि जिस खट्टर सरकार ने 50 जाट के बच्चों को गोलियों से भूना उसे अगर किसी ने समर्थन दिया तो हमारे समाज के शख्स ने ही उप मुख्यमंत्री बनकर सपोर्ट कर दिया. यदि उपमुख्यमंत्री की बनना था तो हुड्डा को कम बना देते. बेनीवाल ने कहा कि उप होता क्या है यदि मुझे उपमुख्यमंत्री बनना होता तो 5 साल पहले ही बन जाता. बेनीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मतलब पति और उपमुख्यमंत्री मतलब उसकी पत्नी.

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