Fatehpur News: सीकर के फतेहपुर के मण्डावा रोड के पींजरापोल सोसायटी की ओर से संचालित पिंजरापोल गौशाला में आश्रित, निराश्रित और रुग्ण गो-माता के लिए भामाशाहों और गौ भक्तों के सहयोग से 4 हजार किलो के पौष्टिक लड्डू गायों को खिलाने के लिए बनाए गए है.
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Fatehpur, Sikar: सीकर के फतेहपुर के मण्डावा रोड के पींजरापोल सोसायटी की ओर से संचालित पिंजरापोल गौशाला में आश्रित, निराश्रित और रुग्ण गो-माता के लिए भामाशाहों और गौ भक्तों के सहयोग से 4 हजार किलो के पौष्टिक लड्डू गायों को खिलाने के लिए बनाए गए है.
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समिति के सुनिल बूबना ने बताया कि सर्दी के दिनों में गायों को सर्दी से बचाने और उनमें उर्जा का संचार बना रहे को लेकर गायो को लड्डू खिलाए जा जाएंगे. गौशाला की 1150 गौवंश आश्रयरत हैं जिनमें से करीब 80 प्रतिशत के करीब असहाय,वृद्ध और रुग्ण हैं. जिनकों गौ भक्तों की ओर से बनवाए गए तिल,गुड,आटा सहित अन्य खाद्य सामग्री से निर्मित पौष्टिक लड्डू गौ माताओं को सर्दी के दिनो मे प्रतिदिन खिलाने का कार्य किया जा रहा है.
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उल्लेखनीय है कि पींजरापोल सोसायटी की स्थानीय और कॉलकाता कमेटी की ओर से गौ माता के संरक्षण और सवर्धन के लिए सकारात्मक सोच के साथ पुनीत कार्य किए जा रहे है. 139 वर्षो से संचालित गौ शाला में गो भक्तों एवं भामाशाहों और दानदाताओं के अपार सहयोग से यहा पर प्रतिवर्ष सर्दी के दौरान गोवंशों के लिए पौष्टीक लड्डू बनवाए जाते है जिनमें तिली का तेल, तिल, गुड़ और मेथी आटे का मिश्रण कर पौष्टीक लड्डू बडे स्तर पर तैयार करवा के गायों को रोजना खिलाए जाते है के साथ खल,चूरी और अन्य पौष्टीक खाद्य सामग्री गायों के लिए भामाशाहों और कर्म भूमि पर रहने वाले प्रवासी बन्धुओं की ओर से गो सहायतार्थ भरपूर सहयोग यहा पर प्रदान किया जाता है. जिसके चलते इस गौ शाला में अनूठे, अनुकरणीय रुप से गायों, गोवंशों की देखभाल और संरक्षण प्रदान किया जाता है.
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स्थानीय समिति डॉ आर.जी शर्मा, विजय कुमार देवडा,सुनिल बूबना सहित अनेक लोगो ने गो पालको के साथ गायो के लिए बनाए गए लड्डू बनाने मे भी सहयोग किया और गायों को लड्डू खिलाए. 139 वर्ष पुरानी गौशाला को समय समय पर गोवंशों के लिए सहयोग दिया जाता रहा है.
बूबना ने बताया कि गो शाला मे गायो के लिए चार हजार किलो के लड्डू बनाने मे भामाशाह रामगोपाल चौधरी की ओर से 51 हजार की राशी भेट की है और दुर्गा प्रसाद देवडा परिवार की ओर 15 सौ किलो की लड्डू बनाने की सामग्री दी गई है. और अन्य भामाशाहो के सहयोग से सर्दी के दिनो मे दो माह तक गो वंश को पौष्टीक लड्डडू खिलाने का पुण्य कार्य किया जाता है.