तहसील कार्यालय की पंजीयन शाखा में एक स्टांप वेंडर ने सोमवार शाम स्वयं पर डीजल उड़ेल लिया और आत्मदाह करने लगा.
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Khandela: सीकर जिले के खंडेला उपखंड मुख्यालय पर बीते माह की 9 जून को एसडीएम कोर्ट परिसर में एक वकील द्वारा आत्मदाह करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि तहसील कार्यालय की पंजीयन शाखा में एक स्टांप वेंडर ने सोमवार शाम स्वयं पर डीजल उड़ेल लिया और आत्मदाह करने लगा. गनीमत रही कि वहां मौजूद कर्मियों के चिल्लाने पर अन्य स्टांप वेंडरों और तहसील के कार्मिकों ने उसे पकड़ कर बड़ी अनहोनी से बचा लिया गया.
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एक माह के भीतर यह दूसरी बड़ी घटना कस्बे के लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं कार्मिकों में डर और भय व्याप्त है. एसडीएम कोर्ट में हुई घटना के बाद से ही अभी तक उपखंड कार्यालय भवन पर ताले लटके हुए हैं. यहां तक कि एसडीएम कोर्ट के कार्मिक भी तहसील कार्यालय से ही दैनिक कार्य संपादित कर रहे हैं. उपखंड मुख्यालय के तीन बड़े प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के पद रिक्त पड़े हैं.
गौरतलब है की एसडीएम और थानाधिकारी को वकील आत्मदाह प्रकरण में समझौते के बाद सस्पेंड किया गया था, जबकि तहसीलदार का स्थानांतरण हो चुका है जिसकी वजह इन पदों पर अभी तक अतिरिक्त कार्यभार से ही काम चलाया जा रहा है. जिससे दैनिक कामकाज के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आनेवाले लोग चक्कर लगाकर लौट जाते हैं. एसडीएम कोर्ट में अधिकारी नहीं होने से राजस्व और प्रशासनिक कामकाज ठप्प के बराबर है. वहीं तहसील का अतिरिक्त कार्यभार होने की वजह से सप्ताह में एक या दो दिन ही तहसीलदार को लोग अपनी फरिरियाद सुना सकते हैं.
अब एक बार फिर इस घटना से तहसील और एसडीएम कोर्ट के कार्मिक सकते में आ गए हैं. पूरे मामले को लेकर मौका कार्यवाहक तहसीलदार सुमन चौधरी ने बताया कि उनका ट्रांसफर रींगस हो गया है, पर इस समय उनके पास खंडेला का अतिरिक्त प्रभार भी है ऐसे में सोमावर को वह रींगस गई थी और वहां पर कार्य संपादित करके दोपहर बाद वापस खंडेला तहसील कार्यालय में आई थी. उनके आते ही स्टांप वेंडर महेश भदाला उनके पास आया और स्वयं का काम नहीं होने की बात कहने लगा. कार्यवाहक ने कहा कि सारे कागज तैयार कर दिए हैं और उनके सभी डाक्यूमेंट्स पर साइन भी कर दिए हैं.
इस पर स्टांप वेंडर ने अपने डॉक्यूमेंट लेने से मना कर दिया और उनको फाड़कर फेंकने की बात कहते हुए तुरंत तहसीलदार कार्यालय से निकलकर पंजीयन शाखा में चला गया, जहां उसने अपने साथ लाए गए प्लास्टिक की बोतल में ज्वलनशील पदार्थ को स्वयं पर छिड़क लिया और माचिस से स्वयं को आग लगाने लगा. इसे देख वहां पर मौके पर मौजूद तहसील कर्मचारी और लोगों ने उसको पीछे से पकड़ कर उसके हाथ से माचिस छीन ली और उसे आत्मदाह से रोक लिया. मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत प्रभाव से पुलिस को सूचित किया सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी महेश बधाला निवासी गोविंदपुरा को गिरफ्तार कर लिया.
बोतलों में आसानी से मिल रहा पैट्रोल-डीजल
खंडेला कस्बे व आसपास संचालित पेट्रोल पंपों पर आसानी से पेट्रोल और डीजल प्रतिबंध के बावजूद धड्डले से बोतलों में भर कर लोग ले जा रहे हैं. नतीजन इस प्रकार की घटनाएं आम बात होती जा रही है. एसडीएम को में वकील आत्मदाह प्रकरण में भी पेट्रोल पंप से बोतल में भरवाकर लाने ने की बात सामने आई थी, वहीं इस मामले में भी डीजल बोतल में ही लाया गया था. इससे जाहिर है कि पेट्रोल पंप संचालकों पर प्रशासन के आदेशों का कितना असर है. हालांकि कुछेक पेट्रोल पंपों पर बोतल में पेट्रोल डीजल नहीं दिए जाने की चेतावनी जरूर लिखवाकर खानापूर्ति की जा रही है.