चेहरे पर झलका दर्द! किरोड़ी बोले- 'मैं सिर्फ MLA हूं अपना इस्तीफा दे चुका हूं', संकेत दिए- चुनाव का बजने वाला है बिगुल और कब लग सकती है आचार संहिता
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चेहरे पर झलका दर्द! किरोड़ी बोले- 'मैं सिर्फ MLA हूं अपना इस्तीफा दे चुका हूं', संकेत दिए- चुनाव का बजने वाला है बिगुल और कब लग सकती है आचार संहिता

Rajasthan Politics: अपने सामाजिक कार्यों को याद करते हुए किरोड़ी ने कहा कि सभी जाति, समुदाय के लोगों की हर सम्भव मदद की है, लेकिन जब प्रधानमंत्री जी आए थे तो मुझे कह कर गए थे कि पूर्वी राजस्थान की 28 सीटें जितानी हैं. पूरी नहीं तो आधी जितानी है. 

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Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासत में भाजपा के दौसा विधानसभा सीट से विधायक और मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा आज देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर समाज के लोगों की नब्ज टटोलने उनियारा के खेड़ली गांव पहुंचे.

जहां किरोड़ी लाल मीणा ने  हनुमानजी भगवान के मंदिर परिसर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शिरकत की. इस दौरान डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने संबोधित करते हुए साफ किया कि वह सिर्फ सवाईमाधोपुर से विधायक हैं वो अपना इस्तीफा दे चुके हैं. इस दौरान संबोधित करते हुए उनके दर्द चेहरे पर झलकता हुआ साफ नजर आया.

किरोड़ी ने अपनी पीड़ा समाज को सुनाते हुए कहा कि मीणा समाज की दौसा में सबसे बड़ी हाईकोर्ट बन रही है.उन्होंने कहा कि,'' यहां मैंने पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाया था. यहीं पर कांग्रेस के राहुल गांधी भी अपनी पैदल यात्रा के दौरान ठहरे थे. यहां पर किया जाने वाला फैसला हम सबकों मान्य होता है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मुझे दौसा, करौली, धौलपुर सहित अन्य सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन सभी सीटों पर पहले विधानसभा में चुनाव हारे और फिर लोकसभा चुनावों में तो हार बराबर ही हो गई. मैंने जो वादा किया था वो पूरा किया और नैतिकता से अपना मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.''

किरोड़ी ने यहां तक कहा,''लोग कहते हैं कि मोदी जी मेरे दोस्त हैं हां बिल्कुल है मैं भी कहता हूं.'' जब उनसे पूछा गया कि आप ना तो केंद्र में मंत्री बने ना और यहां भी आधे अधूरे मंत्री बने हो तो उन्होंने कहा कि बात भी सही है, लेकिन 2018 में जब में मीणा हाईकोर्ट में मोदी जी को लाया था, उस मीणा हाईकोर्ट में किसी जाति का कोई भेदभाव नहीं है.

अपने सामाजिक कार्यों को याद करते हुए किरोड़ी ने कहा कि सभी जाति, समुदाय के लोगों की हर सम्भव मदद की है, लेकिन जब प्रधानमंत्री जी आए थे तो मुझे कह कर गए थे कि पूर्वी राजस्थान की 28 सीटें जितानी हैं. पूरी नहीं तो आधी जितानी है. 

भूखे पेट भजन ना होए गोपाला, यह लो तेरी कंठी माला,

उन्होंने कहा,'' 5-6 अक्टूबर के आस पास आचार संहिता लग सकती है. तो पार्टी मुझे यहां चुनाव में भेजेगी हो सकता है जिम्मेदारी भी दे दे . मैंने यह ठीक समझा कि मैं पहले लोगों से बात कर लूं कि मेरी बात तो मानोगे ना....बात करने के लिए मैं लोगों के बीच में आया हूं. लोकसभा चुनाव में तो गड़बड़ हो  गई...करौली में हो गई, दौसा में हो गई. चूंकि मैंने जिम्मेदारी ली थी, तो तीनों सीट हार गए तो मैंने नैतिकता के नाते इस्तीफा दे दिया. मैंने घोषणा की थी कि अगर मैं भाजपा को नहीं जिता सका तो मैं इस्तीफा दे दूंगा.''

किरोड़ी ने कहा,'' नेताओं की कथनी और करनी में फर्क होता है लेकिन मैंने जो कहा वो करके दिखाया. चुनाव का बिगुल बजने वाला हे , 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है.  उन्होंने कहा कि फिर लोग आएंगे, बहकाएंगे, कांग्रेस वाले भी आएंगे बहकाएंगे, यहीं गलती पिछले चुनावों में एसटी एससी के लोगों ने कर दी. लोगों ने कहा कि भाजपा आरक्षण के खिलाफ है, यह ग़लत है. कांग्रेसियों ने कहा कि आरक्षण खत्म होगा, लेकिन मैं बालाजी महाराज की कसम खाकर कहता हूं कि जब तक मैं हूं तब तक आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है. लोग आएंगे बहकाने, मेरे बारे में लोग आपकों बहकाएंगे कि उसकी सरकार नहीं सुनती है, मेरे चक्कर में मत बहकना, ललाट पर लिखा रहता कि समय से पहले, भाग्य से ज्यादा किसी को नहीं मिलता है. गीता का दोहा सुनाते हुए कहा किकर्मण्यवादी का रस्ते मा फलेषु कदाचन, कर्म करते जाओ, फल की इच्छा मत करो, समय पर फल भगवान अपने आप दे देगा.''

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