Tonk news today: टोंक जिले की निवाई नगर पालिका में भ्रष्टाचार अपनी ऐसी जड़ें जमा चुका है कि उपखंड अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन तक हर कोई चुप्पी साधे हुए हैं. फिर चाहे नगर पालिका में भ्रष्टाचार पार्ट 1 की बात या फिर आज पार्ट 4 की. निवाई नगर पालिका में हालांकि भाजपा का बोर्ड हैं.
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Tonk news: टोंक जिले की निवाई नगर पालिका में भ्रष्टाचार अपनी ऐसी जड़ें जमा चुका है कि उपखंड अधिकारी से लेकर जिला प्रशासन तक हर कोई चुप्पी साधे हुए हैं. फिर चाहे नगर पालिका में भ्रष्टाचार पार्ट 1 की बात या फिर आज पार्ट 4 की. निवाई नगर पालिका में हालांकि भाजपा का बोर्ड हैं. भाजपा समर्थित पालिका अध्यक्ष दिलीप ईसरानी है. लेकिन इनके रसूख कांग्रेस सरकार के विधायक और सरकार के स्वायत्त शासन विभाग के मंत्री और निदेशकों तक पर भारी पड़ रहे हैं. नगर पालिका में फिर चाहे फर्जी पट्टों की शिकायतों की बात हो, फिर सरकारी जमीन के अवैध फर्जी आवंटन की.
नगर पालिका पर एक पूर्व आईएएस ने ऐसी कुंडली जम रखी है कि नगरपालिका अध्यक्ष दिलीप ईसरानी उसके लिए सरकार की सारी जमीनों को कौड़ियों पर बेच रहे हैं और नियम कायदों को ताक में रखने से भी नहीं हिचक रहे हैं.अब तक दो दर्जन से ज्यादा लोगों ने फर्जी पट्टों की शिकायतें दर्ज करवा दी.सरकारी जमीन पर फर्जी आवंटन को लेकर स्थानीय विधायक ने पालिकाध्यक्ष और ईओ पर जिला प्रशासन की बैठक में गम्भीर आरोप भी लगा चुके हैं. नगर पालिका के पार्षद से लेकर पालिका उपाध्यक्ष ने भी सोश्यल प्लेटफार्म से लेकर मीडिया तक में मोर्चा खोल दिया.
लेकिन मजाल है निवाई नगर पालिका के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई हुई हो. हालांकि जिला कलेक्टर चिनमयी गोपाल ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आईएएस देशलदान को पूरे मामले की जांच भी सौंपी है लेकिन निवाई शहर में चर्चा है कि पालिकाध्यक्ष दिलीप ईसरानी उस जांच रिपोर्ट में भी अपनी सेटिंग कर ली.अब एक बार फिर निवाई नगर पालिका का पार्ट 4 हम आपकों दिखा रहे हैं. जिसमें शहरवासियों ने नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण पर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. उधर निवाई में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के बाहर हो रहे दुकानों के अवैध निर्माण पर अब तक नगर पालिका प्रशासन और जिला प्रशासन मूक दर्शक बना हुआ है.
ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर कांग्रेस की सरकार में भाजपा के पालिकाअध्यक्ष के रसुक का राज क्या है. क्या निवाई विधानसभा से टिकट लेकर चुनाव लड़ने और जितने का ख्वाब पाल रहे पूर्व आईएएस भाजपा पालिकाध्यक्ष दिलीप ईसरानी की स्वायत्त शासन विभाग से लेकर मंत्री तक सेटिंग कर चुके हैं. क्या यही पूर्व आईएएस पालिकाध्यक्ष के भारी रसूख का राज है.जिसकी आड़ में कथित पत्रकार को कौड़ियों के दाम सरकारी भूमि का आवंटन कर दिया और ईमानदारी का ढोल पीटने वाले नगर पालिका के अधिकारियों ने अब तक कार्रवाई तक नहीं की.
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