गिरिराज जोशी हत्याकांड में Chittorgarh की अदालत का फैसला, आरोपियों को दिया दोषी करार
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गिरिराज जोशी हत्याकांड में Chittorgarh की अदालत का फैसला, आरोपियों को दिया दोषी करार

जिला एवं सत्र न्यायाधीश चित्तौड़गढ़ के लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि 6 जनवरी 2007 को प्रतापगढ़ में वकील गिरिराज जोशी की जमीन विवाद को लेकर हत्या कर दी गई थी. 

अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है

Pratapgarh : जिले में 14 साल पहले हुए बहुचर्चित गिरिराज जोशी हत्याकांड (Giriraj Joshi murder case) को लेकर चित्तौड़गढ़ की अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को दोषी करार दिया है. इस मामले में दोषियों को 12 अक्टूबर को सजा सुनाई जाएगी. सुनवाई पूरी होने पर अदालत द्वारा 6 आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए गए है. जिला एवं सत्र न्यायाधीश चित्तौड़गढ़ के लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा (Suresh Chandra Sharma) ने बताया कि 6 जनवरी 2007 को प्रतापगढ़ में वकील गिरिराज जोशी (Giriraj Joshi) की जमीन विवाद को लेकर हत्या कर दी गई थी. 

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इस मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ मामला सेशन कोर्ट (Sessions court) में विचाराधीन था. आज सुनवाई पूरी होने पर सेशन जज केशव कौशिक (Judge Keshav Kaushik) ने सभी 10 आरोपियों को इस मामले में दोषी मानते हुए छह आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए है. सुनवाई के दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई और दो आरोपियों द्वारा हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी.

प्रकरण की जानकारी देते हुए सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि शाकिर बोहरा की प्रतापगढ़ की ईदगाह के पास 10 बीघा जमीन थी जिसकी पावर ऑफ अटॉर्नी वकील गिरिराज जोशी के नाम थी. अंजुमन कमेटी यह जमीन खरीदना चाहती थी जिसको लेकर गिरिराज जोशी एवं अंजुमन के बीच समझौता भी हुआ था लेकिन बाद में वह अमल में नहीं आया. इस मामले में आरोपियों द्वारा गिरिराज जोशी जो इस मामले में शाकिर बोहरा का वकील भी था को रास्ते से हटाने के लिए साजिश रची. 

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6 जनवरी 2007 को शाम 6:45 बजे जब गिरिराज जोशी अपने एमजी मार्ग स्थित कार्यालय में बैठे थे तभी बाइक सवार 2 बदमाशों ने पिस्टल से फायर (Firing) कर उनकी हत्या कर दी. वारदात के बाद दोनों बाइक से फरार हो गए. वारदात के वक्त जोशी के कार्यालय में उनके मित्र राहुल कबाड़ी, नरेंद्र कबाड़ी और विशाल सालवी मौजूद थे. हमलावरों द्वारा चलाई गई गोलियां जोशी की कनपटी और दाहिनी पसली पर लगी बाद में घायल अवस्था में जोशी को अस्पताल ले जाया गया जहां पर डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. कोतवाली थाना पुलिस ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की थी.

मामले की सुनवाई पहले प्रतापगढ़ की अदालत में चली उसके बाद इस मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रकरण की सुनवाई चित्तौड़गढ़ सेशन कोर्ट (Chittorgarh sessions court) में स्थानांतरित की गई थी. तभी से यह मामला न्यायालय में विचाराधीन था.

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सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने सभी को दोषी मानते हुए जेल भेजने के आदेश दिए. सजा का ऐलान 12 अक्टूबर को किया जाएगा. अदालत ने आरोपियों को धारा 120 बी, 460 एवं 302 के तहत दोषी माना है. दो आरोपियों अखेपुर निवासी रोशम और नोगावा निवासी बबलू उर्फ शराफत को आर्म्स एक्ट (Arms Act) के तहत भी दोषी माना गया है. लोक अभियोजक सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि मामले में सरकारी पक्ष की ओर से 102 गवाह और 183 साक्ष्य प्रस्तुत किए गए है. 

इस मामले में दो आरोपी अमीन खान और मंदसौर निवासी भाउदिन की मौत हो गई है. शेष आरोपी मुस्तफा पठान, अखेपुर निवासी रोशम, इमरान उर्फ चुन्नू, प्रेम मोहन सोमानी, गुलाम अब्बास चश्मा वाला प्रतापगढ़ निवासी शाकिर मकरानी को दोषी करार दिया गया और जेल भेजने के आदेश दिए गए. नोगांवा निवासी वसीम खान और बबलू उर्फ शराफत द्वारा हाजिरी माफी की अर्जी दी गई थी जिसे अदालत (Court) ने स्वीकार कर लिया है. 

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अपराधियों को दोषी करार देने पर मृतक वकील गिरराज जोशी के परिवार के लोगों में न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास देखा गया है. परिवार के लोगों ने लम्बे अरसे के बाद मिले न्याय से संतुष्टि जताते हुए न्यायपालिका धन्यवाद करते हुए, कानून के इस फैसले से अपराधियों में भय का माहौल होगा.
Report- Vivek Upadhyay

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