Udaipur: जवान पोते के इलाज के चक्कर में दर-दर भटक रहा है दादा,7 साल पहले माता-पिता की हुई थी मृत्यु
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Udaipur: जवान पोते के इलाज के चक्कर में दर-दर भटक रहा है दादा,7 साल पहले माता-पिता की हुई थी मृत्यु

Udaipur news: जवान पोता बूढ़े दादा-दादी के बुढ़ापे का सहारा बनता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बुड्डे दादा-दादी को अपने कमजोर कंधों पर पोते का बोझ उठाना पड़ता है.गरीबी के चलते वे उसे बाहर ले जाकर इलाज करवाने में सक्षम नहीं है.

दर-दर भटक रहा है दादा

Udaipur news: जवान पोता बूढ़े दादा-दादी के बुढ़ापे का सहारा बनता है. लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि बुड्डे दादा-दादी को अपने कमजोर कंधों पर पोते का बोझ उठाना पड़ता है, ऐसे में अगर उनके जवान बेटे की असमय मौत हो जाए तो लगता है जैसे उन पर पहाड़ ही टूट पड़ा हो. कुछ ऐसा ही वाक्या सामने आया है सलूंबर जिले के लसाडिया उपखंड क्षेत्र की आरणिया ग्राम पंचायत के लिम्बडी फला का. जहां तोला मीणा और उनकी पत्नी अपने जीवन की अंतिम दौर में पोते का बोझ उठा ने को मजबूर है.

दरअसल तोला मीणा का पोता खेमराज मीणा कुपोषित का शिकार हो गया और आज खेमराज के शुगर 400 प्लस बताई जा रही है. वही शरीर पूरा कंकाल जैसा हो चुका है. महंगाई राहत कैंप में दादा तौला मीणा ने इधर-उधर भटककर पेंशन चालू करवाने की कोशिश की थी. लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. गरीबी के चलते वे उसे बाहर ले जाकर इलाज करवाने में सक्षम नहीं है. पिछले 4-5 साल से हालात देखें तो खेमराज बिस्तर से ना तो उठ सकता है, ना बैठ सकता है. उसको उठाने के लिए एक व्यक्ति पास में होना जरूरी है. उधर चिकित्सा विभाग इलाज करवाने के लिए तैयार है परन्तु साथ में कोई जाने को तैयार नहीं होने से चिकित्सा विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

सात साल पहले माता पिता की हो चुकी है मौत
खेमराज के दादा तौला मीणा ने बताया कि 7 वर्ष पुर्व खेमराज के माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है. दोनों की मृत्यु दो दिन के अंतराल में हुई. तब से दादा दादी खेमराज को संभाल रहे हैं.

कंकाल जैसा हो चुका है शरीर
खेमराज का शरीर कंकाल नुमा हो चुका है. शरीर में अब सिर्फ हड्डियां ही बची है. इस वजह से खेमराज उठने बैठने में असमर्थ हैं.

चिकित्सा विभाग इलाज के लिए तैयार पर साथ रहने वाला कोई नहीं 

खेमराज का चिकित्सा विभाग कई बार एम्बुलेंस भेजकर उदयपुर इलाज करवाने के बोला परन्तु दादा ने साथ जाने व साथ रहने की असमर्थता जताई. जिससे चिकित्सा विभाग बेरंग लोटा‌. इस पर कोई एनजीओ व कोई संस्था आगे आकर खेमराज का इलाज करवायेंगी.

सरकारी सुविधा के नाम पर दादा दादी को पेंशन

यहां सरकारी सुविधा की बात करें तो सुविधा के नाम पर दादा तौला मीणा व दादी को पेंशन मिलती है. ऐसे में घर की जिम्मेदारी दादा तौला मीणा पर है. सरकार द्वारा आवास व अन्य योजनाओं का लाभ नहीं मिला. खेमराज का एक बड़ा भाई भी है. जो बाहर मजदूरी करता है. ऐसे में तौला मीणा पर घर की जिम्मेदारी के साथ खेमराज की जिम्मेदारी भी है.

फिंगर नहीं आता कैसे मिले पेंशन

जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि पीड़ित खेमराज मीणा का शरीर कंकाल नुमा होने से फिंगर नहीं आ रहे हैं. जिससे उसकी पेंशन चालू नहीं हो पा रही है. ऐसे में पीड़ित को सहायता कैसे मिलेगी.

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