Udaipur latest News: उदयपुर में मैग्नस अस्पताल के प्रबंधन और डॉक्टर्स पर नवजात शिशु के उपचार में लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. नवजात के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की लापरवाही से उनके नन्हे पर्व के आखों की रोशनी चली गई.
Trending Photos
Udaipur latest News: राजस्थान के उदयपुर में मैग्नस अस्पताल के प्रबंधन और डॉक्टर्स पर नवजात शिशु के उपचार में लापरवाही के गंभीर आरोप लगे हैं. नवजात के परिजनों ने आरोप लगाया है कि हॉस्पिटल के चिकित्सकों की लापरवाही से उनके नन्हे पर्व के आखों की रोशनी चली गई और वह अब जीवन में कभी देख नहीं पाएगा. पर्व के पिता योगेश जोशी ने बताया कि उनकी गर्भवती पत्नी का डॉक्टर शिल्पा गोयल से इलाज चल रहा था.
डॉक्टर ने 7वें महीने पेट में सोनोग्राफी करवाई जिसमें लिक्विड की मात्रा कम होने का हवाला देते हुए अर्जेंट डिलीवरी करवाने की बात कही. इस पर परिजनों ने क्रॉस चेक के लिए दूसरे सेंटर पर जांच करवाई. जिसमें रिपोर्ट नॉर्मल आई. फिर भी डॉक्टर ने दबाव डाला और परिजनों ने प्रिमेच्योर डिलीवरी करवाई. बच्चे के जन्म के बाद बाल चिकित्सक डॉक्टर मनोज अग्रवाल की निगरानी में इलाज चलता रहा. लेकिन इस दौरान डॉक्टर ने बच्चे का आर ओ पी टेस्ट ही नहीं लिखा. जिससे बच्चा अब हमेशा के लिए अंधा हो गया है.
यह भी पढ़ें- "ग्रीष्मकालीन आकस्मिक योजना" कार्य में लापरवाही बरतने पर दो सहायक अभियंता निलंबित
परिजनों को जब इस टेस्ट के बारे में तब मालूम चला जब वे दिल्ली एम्स में इलाज के लिए गए. यही नहीं जोशी ने कहा कि मैग्नस हॉस्पिटल में जिम्मेदारों ने उन्हें एम्स में अपॉइंटमेंट दिलवाने के नाम से गुमराह के पर्व की फाइल ली और फिर उसके डिस्चार्ज टिकिट में बदलाव कर उन्हें दी. जिसमें उनकी ओर से की गई गलतियों को दबा दिया गया. लेकिन उन्होंने फाइल की फोटो कॉपी अपने पास रख ली थी. जिससे उनके काले कारनामे खुल गए.
परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में जब मैग्नस के डॉक्टर से बात की तो उन्होंने सभी आरोप को खारिज करते हुए कहा कि बच्चे के परिजनों को टेस्ट कराने के लिए बता देने का दांवा किया. साथ ही फाइल में किसी भी तरह की हेराफेरी करने के आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया.