रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी में हुई वापसी, मुलायम ने रद्द किया निष्‍कासन
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रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी में हुई वापसी, मुलायम ने रद्द किया निष्‍कासन

समाजवादी पार्टी से हाल में निष्कासित किए गए राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव की गुरुवार को पार्टी में वापसी हो गई है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने चिट्ठी लिखकर रामगोपाल का पार्टी से निष्‍कासन को रद्द कर दिया है और उनसे लिए गए सभी पद वापस लौटा दिए गए हैं। इसके साथ ही रामगोपाल यादव राज्‍यसभा में सपा संसदीय दल के नेता बने रहेंगे। इस कदम को पार्टी और मुलायम परिवार में मचे घमासान को खत्‍म करने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है।

रामगोपाल यादव की समाजवादी पार्टी में हुई वापसी, मुलायम ने रद्द किया निष्‍कासन

लखनऊ : समाजवादी पार्टी से हाल में निष्कासित किए गए राज्यसभा सांसद राम गोपाल यादव की गुरुवार को पार्टी में वापसी हो गई है। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने चिट्ठी लिखकर रामगोपाल का पार्टी से निष्‍कासन को रद्द कर दिया है और उनसे लिए गए सभी पद वापस लौटा दिए गए हैं। इसके साथ ही रामगोपाल यादव राज्‍यसभा में सपा संसदीय दल के नेता बने रहेंगे। इस कदम को पार्टी और मुलायम परिवार में मचे घमासान को खत्‍म करने की दिशा में काफी अहम माना जा रहा है।

जानकारी के अनुसार, समाजवादी पार्टी ने ताजा घटनाक्रम के तहत रामगोपाल यादव का पार्टी से निष्‍कासन रद्द कर दिया है। सपा की ओर से यह भी फैसला किया गया है कि रामगोपाल को पार्टी के सभी पद वापस मिलेंगे। रामगोपाल यादव सपा के राष्‍ट्रीय महासचिव और प्रवक्‍ता के रूप में काम करते रहेंगे।  

सपा मुखिया ने यहां जारी एक बयान में कहा कि रामगोपाल का सपा से निष्कासन रद्द किया जाता है और वह पहले की ही तरह पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता, महासचिव एवं संसदीय बोर्ड के सदस्य के रूप में काम करते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि रामगोपाल को पिछली 23 अक्टूबर को बीजेपी के साथ साठगांठ करने और पार्टी के साथ अनुशासनहीनता के आरोप में छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया गया था।

उनके निष्कासन का पत्र सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने जारी किया था। हालांकि रामगोपाल ने कल राज्यसभा में सपा के नेता के तौर पर अपना पक्ष रखा था तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि रामगोपाल के लिए पार्टी में वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में वर्चस्व के विवाद में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए थे। उनके निष्कासन को मुख्यमंत्री के विपक्षी यानी शिवपाल सिंह यादव गुट की बड़ी जीत माना गया था।

बता दें कि राम गोपाल यादव ने बीते दिनों आरोप लगाया था कि पार्टी में मनमाने ढंग से टिकट वितरण किया जा रहा है जबकि टिकट वितरण में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सहमति होनी चाहिए। यादव बीते दिनों यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में भावुक हो गये और कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को लोग गलत राय दे रहे हैं। वह अपने खुद के मन से काम करते तो उनसे शानदार नेता देश में नहीं है। उन्होंने कहा था कि कि मुलायम जब उन्हें बुलाएंगे, वह तभी मुलाकात करने जाएंगे। अपनी तरफ से कोई बात नहीं करेंगे।

पार्टी से निष्कासित नेताओं की वापसी की वकालत करते हुए यादव ने कहा था कि मुलायम इस बात की घोषणा करें कि विधानसभा चुनाव अखिलेश की अगुवाई में लड़ा जाएगा। यादव ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि सपा का संविधान उन्होंने ही लिखा है और उन्हें ही पार्टी से निकाल दिया गया।

बहरहाल, रामगोपाल ने कल राज्यसभा में सपा के नेता के तौर पर अपना पक्ष रखा था तभी से अटकलें लगाई जा रही थी कि रामगोपाल के लिए पार्टी में वापसी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं। रामगोपाल हाल में समाजवादी परिवार में हाल में हुई वर्चस्व की जंग में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दिए थे। उनके निष्कासन को मुख्यमंत्री के विपक्षी खेमे यानी शिवपाल सिंह यादव गुट की बड़ी जीत माना गया था। रामगोपाल के निष्कासन के बाद शिवपाल ने कई बार सार्वजनिक मंचों से उनकी कड़ी आलोचना भी की थी। हालांकि अब रामगोपाल की सपा में वापसी शिवपाल के लिये असहज करने वाला हो सकता है।

शिवपाल ने कल राज्यसभा में रामगोपाल द्वारा पार्टी का पक्ष रखे जाने के मद्देनजर उनकी सपा में वापसी की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा था कि वह इस बारे में सिर्फ इतना कहना चाहते हैं कि सपा मुखिया मुलायम ही इस विषय में कोई निर्णय लेंगे।

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