बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने राजनीतिक हित साधने के लिए 13 सूत्री रोस्टर के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद बुलाने वाले विपक्षी दलों की आलोचना की.
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पटना: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को कहा कि केंद्र उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए 13 सूत्री रोस्टर के बजाय 200 सूत्री रोस्टर व्यवस्था बहाल करने पर अध्यादेश लाने के लिए तैयार है. गौरतलब है कि 13 सूत्री रोस्टर को लेकर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के बीच गहरा असंतोष व्याप्त है. पासवान ने यह भी कहा कि अध्यादेश जल्द ही लाया जाएगा और इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते देरी हुई है जिसने सरकार को इस मामले पर केंद्र की विशेष अनुमति याचिका दायर करने तक ऐसा कोई कदम उठाने से रोक दिया है.
उन्होंने पटना में पत्रकारों से कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी के अंत में 13 सूत्री रोस्टर को चुनौती देने वाली हमारी एसएलपी पर फैसला दिया. तब से सरकार पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद पैदा हुए संकट में व्यस्त थी लेकिन अध्यादेश तैयार है और इसे जल्द ही लाया जाएगा.’’ पासवान ने कहा कि इस अध्यादेश से ना केवल एससी, एसटी और ओबीसी को फायदा पहुंचेगा बल्कि अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को भी लाभ मिलेगा जिन्हें नरेंद्र मोदी सरकार ने 10 फीसदी आरक्षण दिया है.
इस बीच, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू ने राजनीतिक हित साधने के लिए 13 सूत्री रोस्टर के खिलाफ राष्ट्रव्यापी बंद बुलाने वाले विपक्षी दलों की आलोचना की. जेडीयू राज्य में एनडीए का घटक दल है. जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र ने राज्यसभा में अपना रुख स्पष्ट कर दिया था. हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बात की थी और मंत्रालय ने उन्हें आश्वासन दिया था कि 200 सूत्री रोस्टर को बहाल करने वाला अध्यादेश कुछ ही दिनों में लाया जाएगा. ऐसे में ‘बिहार बंद’ को विपक्ष का समर्थन पूरी तरह से राजनीतिक हित साधने की कोशिश है.’’
(इनपुट भाषा से)