Red Fort Violence: दिल्‍ली पुलिस के पास हिंसा के 160 से ज्यादा वीडियो फुटेज, 6 संदिग्‍धों की हुई पहचान
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Red Fort Violence: दिल्‍ली पुलिस के पास हिंसा के 160 से ज्यादा वीडियो फुटेज, 6 संदिग्‍धों की हुई पहचान

गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर किसानों ने ट्रैक्‍टर मार्च निकाला था और बड़ी संख्या में उग्र प्रदर्शनकारी बैरियर तोड़ते हुए लाल क़िले की प्राचीर पर उस स्तंभ पर एक धार्मिक झंडा लगा दिया था. अब पुलिस सूत्रों ने हिंसा भड़काने वाले 6 संदिग्‍धों की पहचान करने का दावा किया है.

ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों ने दिल्ली में जमकर उत्पात मचाया था.

नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा (Delhi Violence) में पुलिस ने जांच तेज कर दी है और अब तक पुलिस ने हिंसा भड़काने वाले 6 संदिग्‍धों की पहचान कर ली है, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है.

  1. सीसीटीवी फुटेज के जरिए 6 संदिग्धों की पहचान
  2. सभी दंगाइयों की तलाश की जा रही है
  3. पुलिस को 160 से ज्यादा हिंसा की वीडियो फुटेज मिली

सीसीटीवी से हुई संदिग्धों की पहचान

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक सीसीटीवी फुटेज के जरिए 6 संदिग्धों की पहचान हुई है. सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर इन संदिग्धों पर हिंसा भड़काने को लेकर अहम भूमिका सामने आ रही है. इन सभी दंगाइयों की तलाश की जा रही है.

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VIDEO

हिंसा की 160 से ज्यादा फुटेज मिली

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान 10 फोटोग्राफर और 10 वीडियो कैमरा बाहर से मंगाए थे. गणतंत्र दिवस का प्रोग्राम खत्म होने के बाद इन सभी को दंगे के दौरान भी हिंसाग्रस्त इलाके में काम पर लगा दिया था. अब इनसे भी तमाम वीडियो और फोटो लिए गए हैं. इन फोटो और वीडियो के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. पुलिस को अब तक 160 से ज्यादा हिंसा की वीडियो फुटेज मिल चुकी हैं. पुलिस ने जनता से अपील की है कि दंगो के दौरान जिन लोगों ने भी मोबाइल कैमरे से वीडियो बनाए थे वो पुलिस को दें.

लाइव टीवी

पुलिस कर रही व्हाट्सऐप ग्रुप्स की जांच

जांच के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को कुछ किसान नेताओ के वीडियो भी मिले हैं, जो भड़काऊ भाषण दे रहे थे. आंदोलन जब से शुरु हुआ तब से लेकर 26 जनवरी तक जितने भी व्हाट्सऐप ग्रुप बने हैं उन सभी की जांच की जा रही है, क्योंकि जांच के दौरान सामने आया है कि कुछ व्हाट्सऐप ग्रुप्स और ट्वीटर हैंडल भी बनाए गए थे.

डंप डेटा निकालने में लगी है पुलिस

दिल्ली (Delhi) में जिन जिन जगहों पर हिंसा हुई, उन सभी इलाकों का डंप डेटा निकाला जा रहा है, ताकि आरोपियों को पकड़ने में आसानी हो. डंप डेटा मोबाइल टावर से लिया जाता है, जिसमें अलग अलग हजारों नंबर शामिल होते है. कॉल डिटेल्स के जरिए उनकी पहचान की जााती है.

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