संसदीय समिति के समक्ष आज पेश होंगे गूगल और पेटीएम के अधिकारी, यह है वजह
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संसदीय समिति के समक्ष आज पेश होंगे गूगल और पेटीएम के अधिकारी, यह है वजह

गूगल और पेटीएम के अधिकारियों को आज सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के समक्ष पेश होना होगा. डेटा प्रोटेक्शन बिल से जुड़ी चिंताओं के मुद्दे पर दोनों कंपनियों को समन भेजा गया था.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: डेटा प्रोटेक्शन बिल के संबंध में गूगल और पेटीएम के अधिकारी आज (गुरुवार) संयुक्त संसदीय समिति (Parliamentary committee) के समक्ष पेश होंगे. दोनों कंपनियों को समन जारी करके आज उपस्थित होने के लिए कहा गया था. डेटा सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी (Meenakshi lekhi) की अध्यक्षता वाली समिति इस मामले को देख रही है. 

  1. डेटा प्रोटेक्शन बिल को लेकर गूगल और पेटीएम को भेजा गया था समन
  2. बुधवार को ट्विटर के अधिकारी हुए थे पेश
  3. संसदीय समिति ने लगाई थी लताड़ 
  4.  

देने होंगे सबूत
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों को समिति के समक्ष मौखिक साक्ष्य देने होंगे और यह साबित करना होगा कि वह पूरी तरह से कानून का पालन कर रहे हैं. PayTm अधिकारी सुबह 11 बजे संसद भवन में समिति के समक्ष उपस्थित होंगे, जबकि Google के अधिकारियों को दोपहर 3 बजे का समय दिया गया है.

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ट्विटर को लगाई थी फटकार
इससे पहले, समिति ने लद्दाख (Ladakh) को चीन के भूभाग (Chinese territory) के तौर पर दिखाने पर ट्विटर (Twitter) को फटकार लगाई थी. समिति ने बुधवार को सुनवाई करते हुए कहा कि यह राजद्रोह की तरह है और अमेरिकी सोशल मीडिया कंपनी को हलफनामे के रूप में इस बारे में स्पष्टीकरण देना होगा. समिति के सदस्यों ने अधिकारियों से दो घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की. ट्विटर के प्रतिनिधियों ने समिति को बताया कि सोशल मीडिया कंपनी भारत की भावनाओं का सम्मान करती है. इस दौरान, ट्विटर की पारदर्शिता नीति और चुनावों के दौरान कार्रवाई, खासकर अन्य देशों में उसकी नीतियों को लेकर भी सवाल पूछे गए.

यह आपराधिक कृत्य
समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कहा कि समिति की सर्वसम्मत राय है कि लद्दाख को चीन के भूभाग के तौर पर दिखाने के संबंध में ट्विटर का स्पष्टीकरण पर्याप्त नहीं है. यह केवल संवेदनशीलता का मामला नहीं है, यह भारत की संप्रभुता और अखंडता का मामला है, लद्दाख को चीनी भाग के तौर पर दिखाना आपराधिक कृत्य के समान है जिसके लिए जेल की सजा का प्रावधान है.’

फेसबुक को भी भेजा था समन
कुछ दिन पहले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) के वरिष्ठ अधिकारियों को भी डेटा संरक्षण और गोपनीयता के मुद्दों के बारे में संयुक्त संसदीय समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया था. कांग्रेस पार्टी की ओर से जताई गई चिंताओं के बाद सभी हितधारकों को बुलाया जा रहा है. लोकसभा सचिवालय से जारी नोटिस में फेसबुक के अधिकारियों को बीते शुक्रवार को विधेयक पर समिति के समक्ष एक प्रस्तुति देने के लिए कहा गया था. जबकि ट्विटर के अधिकारियों को 28 और गूगल एवं paytm के प्रतिनिधियों 29 अक्टूबर को आने के लिए कहा गया था.  

 

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