Gujarat Assembly Elections: रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स केजरीवाल से नाराज, चुनाव आयोग से की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग
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Gujarat Assembly Elections: रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स केजरीवाल से नाराज, चुनाव आयोग से की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग

Aam Aadmi Party News: पूर्व अधिकारियों ने तीन सितंबर को राजकोट में हुए केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन का हवाला देते हुए चुनाव  आयोग से आप की राजनीतिक मान्यता रद्द करने की मांग की है. 

Gujarat Assembly Elections: रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स केजरीवाल से नाराज, चुनाव आयोग से की AAP की मान्यता रद्द करने की मांग

Former Bureaucrats Write To EC:  रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स (Bureaucrats ) के एक ग्रुप ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) को पत्र लिखकर मांग की है कि आम आदमी पार्टी (AAP) की मान्यता रद्द की जाए क्योंकि उसके नेता अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने पिछले दिनों गुजरात (Gujarat) में सरकारी अधिकारियों को लालच देने का कथित प्रयास किया ताकि कुछ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Elections) में पार्टी को फायदा मिल सके.

इन पूर्व अधिकारियों ने तीन सितंबर को राजकोट में हुए केजरीवाल के संवाददाता सम्मेलन का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने ब्यूरोक्रेट्स को आम आदमी पार्टी के पक्ष में काम करने के लिए उकसाया ताकि चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके और वे इस कोशिश को सिरे से खारिज करते हैं.

केजरीवाल का व्यवहार आचार संहिता का उल्लंघन
पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने सीईसी को लिखे पत्र में कहा कि लालच देने के इस तरह के प्रयासों का उस लोकतांत्रिक ताने-बाने पर बहुत असर होता है जिसके साथ भारत में चुनाव करवाए जाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘इसको देखते हुए हम निर्वाचन आयोग (Election Commission) से आग्रह करते हैं कि वह आप की एक राजनीतिक दल (Political Party) के तौर पर मान्यता वापस ले क्योंकि इसने चुनाव चिन्ह (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश, 1968 का सरेआम उल्लंघन किया है और आप के राष्ट्रीय संयोजक का व्यवहार आचार संहिता (Code of conduct) का उल्लंघन है.’’

और क्या कहा पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने?
पूर्व ब्यूरोक्रेट्स का कहना है कि केजरीवाल की टिप्पणियां जन प्रतिनिधित्व कानून, 1951 के प्रावधानों का भी उल्लंघन करती हैं. यह रेखांकित करते हुए कि लोक सेवकों (Public Servants) को राजनीतिक दलों के प्रति कोई निष्ठा नहीं है, पत्र में कहा गया है कि उनकी जिम्मेदारी बड़े पैमाने पर जन कल्याण और सुरक्षा को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करना है.

पत्र में कहा गया है, "हम दोहराते हैं कि सिविल सेवकों को गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए और सरकार और लोगों की सेवा करनी चाहिए और संसद और कार्यपालिका द्वारा अपनाई गई नीतियों पर अमल करना चाहिए."

(इनपुट - भाषा)

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