Farmers Protest: हनुमान बेनीवाल का संसदीय समितियों से इस्तीफा, कृषि कानून वापस लेने की थी मांग
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Farmers Protest: हनुमान बेनीवाल का संसदीय समितियों से इस्तीफा, कृषि कानून वापस लेने की थी मांग

किसान आंदोलन के समर्थन में RLP संयोजक व नागौर सांसद  हनुमान बेनीवाल ने संसद की उद्योग, याचिका और पेट्रोलियम मंत्रालय की समतियों से त्याग पत्र दे दिया है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः दिल्ली के सिंघु बॉर्डर (Singhu Bordor) में 26 नवंबर से शुरू हुआ किसान आंदोलन (Farmers Protest) अब भी जारी है. नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पास किए गए कृषि बिलों के खिलाफ चल रहे इस आंदोलन को करीब 30 राजनीतिक पार्टियों का समर्थन प्राप्त है. तमाम पार्टियां किसान आंदोलन को लेकर भारतीय जनता पार्टी पर हमला पर हमला बोल रही हैं. इसी बीच खबर है कि अब किसानों के समर्थन में NDA के सहयोगी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने शनिवार को तीन संसदीय समितियों से इस्तीफा दे दिया है.

  1. हनुमान बेनीवाल ने दिया इस्तीफा
  2. संसद की तीनों कमेटियों से इस्तीफा
  3. किसानों के समर्थन में लिया फैसला

इस बात की जानकारी खुद राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने ट्विटर के जरिए साझा की है. ट्वीट के मुताबिक RLP संयोजक व नागौर सांसद  @hanumanbeniwal ने किसान आंदोलन के समर्थन में संसद की उद्योग, याचिका व पेट्रोलियम मंत्रालय की कमेटी से त्याग पत्र दे दिया है.  बेनीवाल ने अपने इस्तीफे की कॉपी भी साझा की है जिसमें उन्होंने इस्तीफे की वजह किसान आंदोलन को बताया है. 

 

किसानों के अलावा ये भी बेनीवाल के पद छोड़ने के कारण

बेनीवाल ने इस्तीफे का प्रमुख कारण बाड़मेर में उन पर हुए हमले से जुड़े मामले में विशेषाधिकार हनन का मामला है और इसका जिक्र भी उन्होंने इस्तीफे में जिक्र भी किया है. उन्होंने लिखा संसद के दखल के बाद भी एक साल तक मुकदमा दर्ज नहीं होना व कार्रवाई नहीं हुई.

लंबे चौड़े इस्तीफे में एक सीमेंट कंपनी को गलत तथ्य के आधार पर पर्यावरण स्वीकृति देने और राजस्थान से निकलने वाले कच्चे तेल से राज्य को मिलने वाली रॉयल्टी से राजस्थान को वंचित रखने पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने बताया,' इन दोनों मुद्दों को मैंने समितियों के समक्ष रखा, लेकिन उस पर कोई कार्यवाही अब तक नहीं हुई. ऐसे में मेरा मानना है कि इन समितियों का कोई औचित्य नहीं हैं.'

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किसानों के लिए पंजाब के DIG भी छोड़ चुके अपना पद
आपको बता दें कि इससे पहले किसानों के समर्थन में पंजाब (Punjab) के डीआईजी जेल लखविंदर सिंह जाखड़ (DIG Jail Lakhwinder Singh Jakhar) ने इस्तीफा दिया था. जाखड़ ने अपना इस्तीफा पंजाब सरकार को भेजा था. दिल्ली में जारी किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफा देकर जाखड़ सुर्खियों में आए थे. 

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किसानों के लिए संत ने कर ली खुदकुशी
हाल ही में किसानों के समर्थन में करनाल के सिंगड़ा गुरुद्वारा के संत राम सिंह ने सिंघु बॉर्डर के नजदीक कुंडली के पास अपने आप को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. खुद को गोली मारने से पहले संत राम सिंह ने सुसाइड नोट लिखा. जिसमें उन्होंने लिखा कि किसानों का दर्द नहीं देखा जा रहा है. संत राम सिंह ने अपने सुसाइड नोट में आगे लिखा, 'जुल्म सहना भी पाप है, देखना भी पाप है और उसे बर्दाश्त करना भी पाप है, मैं किसान भाइयों से कहना चाहता हूं कि मैं इस स्थिति को देख नहीं पा रहा हूं.'  जानकारी के मुताबिक संत राम सिंह दिल्ली बॉर्डर पर किसानों को कंबल बांटने गए थे. 

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