अरुणाचल प्रदेश : चीन की सड़क बनाने की चाल का इस शख्स ने किया था खुलासा...
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अरुणाचल प्रदेश : चीन की सड़क बनाने की चाल का इस शख्स ने किया था खुलासा...

तूतिंग में भारतीय सीमा क्षेत्र में चीनी टीमों द्वारा हाल में सड़क के निर्माण की कोशिश से जुड़े मुद्दे को सुलझा लिया गया है. यहां चीन द्वारा सड़क बनाने के लिए लाई गई मशीनों को वापस लौटा दिया गया है. 

अरुणाचल प्रदेश में चीन ने भारतीय सीमा में आकर सड़क का निर्माण कर दिया (प्रतीकात्मक चित्र)

नई दिल्ली : भारत ने तूतिंग मामला निपटा दिया है. सेना के प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में भारतीय सीमा क्षेत्र में चीनी टीमों द्वारा हाल में सड़क के निर्माण की कोशिश से जुड़े मुद्दे को सुलझा लिया गया है. यहां चीन द्वारा सड़क बनाने के लिए लाई गई मशीनों को वापस लौटा दिया गया है. लेकिन आपको पता है कि इस मामले में खुलासा किसने किया और किस तरह हुआ. जबकि तूतिंग ऐसा इलाका है जहां आबादी नाममात्र की है. खास बात यह है कि भारत को भी नहीं पता था कि यह इलाका उसकी सीमा में आता है.

  1. अरुणाचल प्रदेश में चीन ने की घुसपैठ
  2. तूतिंग में बनाई 1.25 किमी की सड़क
  3. भारत के विरोध पर चीन ने मानी गलती

टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक खबर ने पूरे मामले की पड़ताल करते हुए कुछ खुलासे किए हैं. दरअसल अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में तूतिंग गांव में बिशिंग गांव के नजदीक चीन सड़क बनाने में लगा हुआ था. यहां जेसीवी मशीनें खुदाई का काम कर रही थीं. यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा मैकमोहन लाइन के सवा किलोमीटर अंदर की तरफ है. यहां तिब्बत से आने वाली सियांग नदी बहती है. यह ऐसा इलाका है जहां केवल पैदल ही पहुंचा जा सकता है. 

पोर्टर ने किया खुलासा
इस इलाके में चीन सड़क बना रहा है, इसकी भनक भारत को नहीं लगती, अगर सामान ढुलाई का काम करने वाला स्थानीय युवक जॉन की नजर ना पड़ती. जॉन एक पोर्टर के तौर पर काम करता है और भारतीय चौकियों (ITBP) तक सामान पहुंचाता है. जॉन ने इस इलाके में सड़क खुदाई की बड़ी-बड़ी मशीनों को देखा था. इस बात की सूचना उसने फौरन ITBP को दी. आईटीबीपी ने इसकी जानकारी सेना को दी. चीन तब तक यहां डेढ़ किलोमीटर की सड़क बना चुका था. ट्यूटिंग सर्कल के अपर उपायुक्त इन-चार्ज के. अपांग ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि चूंकि बिशिंग गांव में महज 16 परिवार हैं और यहां की आबादी केवल 54 है, इसलिए यहां प्रधानमंत्री ग्रामणी सड़क योजना के तहत सड़क नहीं बनाई जा सकती. इसके लिए गांव की आबादी कम से कम 100 होनी चाहिए. 

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चीन पहले भी भारतीय सीमा में घुस पर सड़क निर्माण की कोशिश कर चुका है

पहुंचने में लगते हैं 8-10 दिन
अपांग ने बताया कि जिस जगह चीनी मशीनें पहुंची थीं, वह इलाका यहां का सबसे ऊंचाई वाला इलाका है और काफी दर्गम है. यह खड़ी चढ़ाई वाला इलाका है और यहां केवल शिकारी ही पहुंच सकते हैं. यह पूरा इलाका नो मैन्स लैंड है. बिशिंग से यहां पहुंचने में 8-10 दिन लग जाते हैं. बिशिंग से पहले 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. फिर सियांग नदी को पारकर जेलिंग पहुंचा जाता है. फिर कई किलोमीटर पैदल चलकर वहां पहुंचा जाएगा, जहां चीन सड़क बना रहा था. 

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गूगल से पता चला कि यह इलाका भारतीय सीमा में है
अपांग ने बताया कि इस इलाके में कोई आता-जाता नहीं है. कोई नदी या धार भी नहीं है, जिसकी वजह से यहां कोई घुसपैठ करने की सोचे. कोई ऐसा प्वाइंट भी नहीं जिससे सीमा को तय किया जा सके. अपांग ने बताया कि गूगल मैप देखा तो उन्हें पता चला कि यह तो भारत की जमीन है. और चीन यहां 1250 मीटर तक सड़क बना चुका था. उन्होंने बताया कि यहां स्थिति अब सामान्य है. भारतीय सेना के साथ आईटीबीपी के जवान यहां तैनात हैं. 

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हटाई गई मशीनें, चीन ने मानी गलती
अपांग ने बताया कि चीन द्वारा सड़क निर्माण के लिए लाई गई खुदाई की दो मशीनें शनिवार को पड़ोसी देश को लौटा दी गईं. अरुणाचल प्रदेश में दो दिन पहले दोनों पक्षों के बीच हुई एक सीमा कार्मिक बैठक (बीपीएम) में इस मुद्दे को दोस्ताना तरीके से सुलझा लिया गया. भारतीय सेना ने चीन के सामने घटना को लेकर चिंता जाहिर की. चीन ने कहा कि उसकी टीमें गलती से भारतीय सीमा में पहुंच गयीं और वे इस तरह की गतिविधियों में अब शामिल नहीं होंगी. भारतीय सैन्य दलों से सामना होते ही ये दल वापस लौट गए लेकिन अपने पीछे उत्खनन की दो मशीनें और कुछ दूसरे उपकरण छोड़ गए. छह जनवरी को हुई बैठक के बाद चीन को दोनों मशीनें लौटा दी गईं.

सेना प्रमुख ने क्या कहा 
सेना प्रमुख ने कहा कि दो दिन पहले सीमा कर्मियों के बीच एक बैठक हुई थी और तूतिंग मुद्दा सुलझा लिया गया है. उन्होंने कहा कि सिक्किम सेक्टर के डोकलाम क्षेत्र में चीनी सैन्य टुकड़ियों की तैनाती में भी काफी कमी देखी गई है. दोनों देशों की सेनाओं के बीच पिछले साल इलाके में 73 दिन तक तनातनी चली थी.

सामने आया वीडियो
भारत और चीन के सैनिकों का हाथ मिलाते हुए एक वीडियो आज सामने आया जो जाहिर तौर पर अरुणाचल प्रदेश के तूतिंग में एक विवाद का समाधान निकालने की कोशिश करते दिख रहे हैं. चीन के सैनिकों ने सीमा के इस तरफ क्षेत्र में सड़क बनाने की कोशिश की थी. वीडियो में एक भारतीय अधिकारी को मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के अधिकारी से बात करते हुए देखा जा सकता है. संक्षिप्त बातचीत के बाद दोनों अधिकारियों को अपने अपने साथियों के साथ एक दूसरे से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है.

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