'दलितों-पिछड़ों' को साधने के लिए आरएसएस ले रहा है त्योहारों का सहारा
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'दलितों-पिछड़ों' को साधने के लिए आरएसएस ले रहा है त्योहारों का सहारा

अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलित वर्ग पर केंद्र सरकार और बीजेपी के खास ध्यान के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी इस वर्ग के लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दलित वर्ग पर केंद्र सरकार और बीजेपी के खास ध्यान के बाद अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भी इस वर्ग के लिए कई कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है. रक्षाबंधन के अवसर पर हर साल होने वाले कार्यक्रमों को संघ इस बार दलित और पिछड़े वर्गो के बीच ले जा रहा है.

संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि संघ के स्वयंसेवकों द्वारा दलित और पिछड़े वर्गो की बड़ी आबादी वाली बस्तियों में रक्षाबंधन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. संघ की हर जिले में रक्षाबंधन के पर्व पर कार्यक्रम की योजना है.

संघ चला रहा है 'एक मंदिर, एक कुंआ और एक श्मशान' अभियान
सूत्रों ने बताया कि आरएसएस वर्ष भर में 6 त्योहारों का आयोजन करता है. इनमें रक्षाबंधन, गुरू पूर्णिमा, नव वर्ष प्रतिपदा, हिन्दू साम्राज्य दिवस, विजय दशमी एवं मकर संक्रान्ति शामिल हैं. ऐसी तैयारी भी की जा रही है कि रक्षाबंधन से कुंभ मेले के आयोजन के बीच पड़ने वाले सभी त्योहारों के माध्यम से दलितों और पिछड़ों को जोड़ा जाए.

उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद कुंभ का आयोजन अगले वर्ष होगा. संघ पहले ही सामाजिक समरसता अभियान के तहत 'एक मंदिर, एक कुंआ और एक श्मशान' को लेकर अभियान चला रहा है.

स्वामी विवेकानंद पर कार्यक्रमों से युवाओं को जोड़ने का प्रयास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने व्यवसायी स्वयंसेवकों के लिए विभाग स्तर पर प्राथमिक शिक्षा वर्ग और सभी नये स्वयंसेवकों के लिए संघ परिचय वर्गों के आयोजन को सक्रियता से आगे बढ़ाने की पहल की है. पदाधिकारी ने कहा कि सभी पक्षों को यह ध्यान में रखने की आवश्यकता है कि किसी भी कारण और व्यवहार से जनभावनाओं एवं समाज के सम्मान को ठेस न पहुंचे.

युवाओं में पैठ को मजबूत बनाने की पहल का जिक्र करते हुए संघ के पदाधिकारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का जीवन केंद्र में रखकर महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के परिसर में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है.

ग्रामीण क्षेत्रों मे भी समरसता बैठकों का आयोजन  
इसके तहत चयनित महाविद्यालयों की सूची तैयार की गई है और प्रत्येक में कार्यकर्ताओं की टोली के निर्माण का प्रयास किया गया. कार्यक्रम के स्वरूप में भारत जागो दौड़, कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, परिसर में चित्र अनावरण एवं उद्बोधन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में शाखा स्थान, साप्ताहिक मिलन एवं संघ मंडली के स्थानों में सामाजिक समरसता बैठकों का आयोजन किया जा रहा है. कलाकारों को संघ से जोड़ने के लिये ‘स्वर गोविंदम्’’ घोष शिविर का आयोजन किया जा रहा है.

(इनपुट भाषा से)

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