घूसकांड: राकेश अस्थाना मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टली, 12 अप्रैल को अगली सुनवाई
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घूसकांड: राकेश अस्थाना मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टली, 12 अप्रैल को अगली सुनवाई

सीबीआई ने अर्जी दायर कर राकेश अस्थाना खिलाफ जांच पूरा करने के लिए 6 महीने का और वक्त मांगा है. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली : घूसखोरी कांड में राकेश अस्थाना और DSP देवेन्द्र कुमार के खिलाफ सीबीआई की अर्जी पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है. अब मामले की अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी. दरअसल, सीबीआई ने अर्जी दायर कर राकेश अस्थाना खिलाफ जांच पूरा करने के लिए 6 महीने का और वक्त मांगा है. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने रिश्वत के आरोपों पर राकेश अस्थाना के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से इनकार कर दिया था. 

जस्टिस नाजमी वजीरी ने सीबीआई के डिप्टी एसपी देवेंद्र कुमार और कथित बिचौलिये मनोज प्रसाद के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से भी इनकार कर दिया था. हाईकोर्ट ने यह फैसला अस्थाना, कुमार और प्रसाद की याचिकाओं पर सुनाया था. इन तीनों में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने की मांग की थी. इस मामले में कोर्ट ने सीबीआई को 10 हफ्ते में जांच को पूरा करने का निर्देश दिया था.

दरअसल, घूसकांड के बाद सीवीसी की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को छुट्टी पर भेज दिया था और बाद में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद दोनों की छुट्टी सीबीआई से कर दी गई थी. इसके अलावा इस घूसकांड में राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ वह कोर्ट पहुंचे थे. कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए थे. दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई से भी जवाब तलब किया था. इससे पहले सीबीआई ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना से जुड़े मामले की सभी फाइलें सीवीसी को सौंप दिया था.

यह है पूरा मामला 
CBI में स्पेशल डायरेक्टर रहते राकेश अस्थाना और कई अन्य पर मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज हुई थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था. इसगिरफ्तारी के बाद सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया था. सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया था और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया था. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया था. 

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